गंगा जमना स्कूल का विरोध करना पड़ रहा है भारी

गंगा जमना स्कूल

हिंदू संगठन के कार्यकर्ता आए प्रशासन के निशाने पर

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में भले ही बीते डेढ़ दशक से अधिक समय से भाजपा की सरकार है और यह वो दल , जो अपने आप को हिन्दुत्व का सबसे बड़ा पैरोकार बताते हुए नहीं थकता है, लेकिन इसके बाद भी शासन प्रशासन के निशाने पर हिंदू संगठन बने रहते हैं। हाल ही में जिस तरह से इंदौर में पुलिस ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं के घेरकर लाठी डंडों से पीठा और बाद में उनके खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया। इसके पहले इसी तरह के हालात भोपाल में भी बन चुके हैं। अब ताजा मामला दमोह का है। यहां के गंगा जमना स्कूल में हिजाब, कनवर्जन व जिहादी गतिविधियों का विरोध करने वाले हिन्दू जागरण मंच व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं सहित तीन लोगों को कलेक्टर ने जिला बदर का नोटिस थमा दिया है। यही नहीं उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस भी लगातार उनके घरों पर दबिश देने पहुंच जाती है।
यह वे हिंदूवादी नेता हैं, जिन पर कोई गंभीर अपराध दर्ज नहीं है। इस तरह की कार्रवाई के पीछे की जो वजह बताई जा रही है, उसके मुताबिक इन कार्यकर्ताओं द्वारा गंगा जमना स्कूल को कलेक्टर द्वारा क्लीनचिट देने का खुलकर विरोध करना है। गंगा जमना स्कूल में हो रही हिन्दू विरोधी गतिविधियों के खिलाफ सामाजिक व हिन्दू संगठनों ने विरोध- प्रदर्शन किया था। मामले के तूल पकड़ने के बाद जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने स्कूल को क्लीनचिट दे दी थी। इस पर हिन्दू जागरण मंच व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को उग्र आंदोलन करना पड़ा था। इस आंदोलन की अगुवाई हिन्दू जागरण मंच के जिला संयोजक कृष्णा तिवारी, बजरंग दल के नगर संयोजक अनुराग यादव और आशीष शर्मा आदि ने की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर उच्च स्तरीय जांच कराने के बाद स्कूल की मान्यता निरस्त कर दी गई। उसके बाद दमोह पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर जिला कलेक्टर ने इन तीनों कार्यकर्ताओं को 9 जून को जिला बदर के लिए नोटिस जारी कर दिया। कार्यकर्ताओं ने अपने वकील के माध्यम से जवाब प्रस्तुत करवा दिया है।  
नोटिस में यह उल्लेख
कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस में कहा है , कि एसपी द्वारा प्रस्तुत आपराधिक विवरण से मुझे यह विश्वास हो गया है कि, आरोपी लगातार गंभीर अपराध घटित कर आतंक फैलाकर शांति व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर रहे हैं। वे उपस्थित होकर बताएं कि क्यों ना उनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की जाए। इस बीच बुधवार रात करीब 1 बजे अनुराग यादव के आवास बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों ने दबिश दी और उनके परिजनों को परेशान भी किया गया।

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