
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश की शिव सरकार चुनावी साल में तमाम वर्गों को साधने में लगी हुई है। महिलाओं, युवाओं और किसानों के बाद अब शिव सरकार का फोकस कर्मचारियों पर आ गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही अगल-अलग संवर्ग के कर्मचारियों को उनकी मांगों को पूरा कर अन्य कई तरह की सौगातें प्रदेश सरकार दे सकती है। गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना, युवाओं के लिए सीखो कमाओ योजना और किसानों को ऋण ब्याज माफी की सौगात दी है। चुनाव में कर्मचारियों की भूमिका बेहद अहम होती है। यही नहीं प्रदेश में इस समय विभिन्न पदों पर तमाम कैडर के करीब दस लाख कर्मचारी शासकीय कार्यालयों में कार्यरत हैं। इसकी वजह से ही सरकार स्तर पर कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत वृद्धि की जाना तय माना जा रहा है। इसके अलावा लिपिक संवर्ग को चार स्तरीय वेतनमान के साथ ही नया पदनाम भी दिया जा सकता है। सरकार की मंशा को देखते हुए ही संविदा, पंचायत और रोजगार सहायकों की मांग को लेकर वित्त विभाग में मंथन का दौर शुरु हो चुका है। इसी तरह से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की कर्मचारियों की मांग को देखते हुए कर्मचारी आयोग द्वारा हाल ही में नए पेंशन नियम में भी परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है, जिस पर अब सरकार को फैसला लेना है। उल्लेखनीय है कि अभी प्रदेश में सभी संवर्गों के साढ़े सात लाख नियमित कर्मचारी और साढ़े चार लाख पेंशनर हैं। इसके अलावा करीब सवा दो लाख संविदा कर्मचारी भी कार्यरत हैं। संविदा कर्मचारी बीते लंबे समय से 20 प्रतिशत पदों पर नियमित करने के साथ सौ प्रतिशत वेतन देने की और 22 हजार रोजगार सहायकों के मानदेय में वृद्धि और पंचायत सचिव पद पर समायोजन करने की मांग कर रहे हैं। इसी तरह से लिपिक संवर्ग के 60 हजार से अधिक कर्मचारी चौथे समयमान वेतनमान और पदनाम देने की मांग भी लंबे समय से कर रहे हैं। उधर, इन विभिन्न कर्मचारियों की मांगों को लेकर कांग्रेस भी सक्रिय बनी हुई है। कांग्रेस कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में पहले से ही मैदान में है। इसकी वजह से राज्य सरकार भी अब पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। इसके तहत ही सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों की मांगों की जानकारी राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के माध्यम से ली जा चुकी है।
इसी माह हो सकती है मंहगाई भत्ता में वृद्धि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा कर्मचरियों के मंहगाई भत्ता में वृद्धि के लिए प्रारंभिक रुप से वरिष्ठ अफसरों के साथ मंथन किया जा चुका है। इस वजह से माना जा रहा है कि चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा इसी माह में की जा सकती है। फिलहाल कर्मचारियों को 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। जबकि, केंद्र सरकार द्वारा इसे 42 प्रतिशत किया जा चुका है। इसी तरह से केन्द्र एक बार फिर से जुलाई में वृद्धि कर सकती है। कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही निर्णय लेंगे।
इस तरह का मिल सकता है फायदा
संविदा कर्मचरियों की साल में एक बार सेवा का आकंलन कर निरंतरता की प्रक्रिया को समाप्त कर सौ प्रतिशत वेतन दी जा सकती है। फिलहाल उन्हें 90 प्रतिशत वेतन दिया जाता है। इसी तरह से लिपिकों को राज्य सेवा के कर्मचारियों की तरह चौथा समयमान वेतनमान और पदनाम दिया जा सकता है। उधर, पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों को सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतन में वृद्धि देकर सचिव के रिक्त पदों पर रोजगार सहायक को प्राथमिकता दी जा सकती है। इसी तरह से आश्रित विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा बेटी को भी परिवार पेंशन की पात्रता होगी।