लोकायुक्त तक पहुंची दस्तावेजों के साथ शिकायत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भ्रष्टाचारी एक महिला अफसर को संरक्षण देने के मामले में अब प्रदेश के दो आईएएस अफसरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले की शिकायत अब मय दस्तावेजों के लोकायुक्त संगठन तक पहुंच गई है। यह दोनों आईएएस अफसर हैं प्रियंका दास और मनोज पुष्प । दोनों अफसरों पर आरोप हैं कि इन्होंने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने और खरीदी में 77 लाख के भ्रष्टाचार की आरोपी स्वास्थ्य विभाग उमरिया की प्रभारी डीपीएम अर्पिता सिंह चौहान पर कार्रवाई करने की जगह उन्हें संरक्षण देने का काम किया है। शिकायत में कहा गया है कि चार सदस्यीय दल की जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार एवं कूटरचित दस्तावेज प्रमाणित होने के बाद भी कार्रवाई न करते हुए मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रियंका दास ने रीवा के पूर्व कलेक्टर मनोज पुष्प की अनुशंसा के आधार पर अर्पिता सिंह को रीवा से हटाकर उमरिया पदस्थ कर दिया था।
लोकायुक्त में की गई शिकायत में कहा है कि अर्पिता सिंह ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पहली बार सिंगरौली में आईईसी सलाहकार के पद पर नियुक्ति पायी थी। इसके बाद उन्हें प्रभारी डीपीएम रीवा बना दिया जाता है। मामले में शिकायत की गई तो विभागीय जांच में वे पूर्व से तय योग्यता के पैमाने पर खरी नहीं उतरीं। इसके बाद कलेक्टर द्वारा 4 सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई गई। जिसमें 77 लाख के भ्रष्टाचार के आरोप पाए गए। इसके बाद रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने खुद अर्पिता सिंह को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया। इसके कुछ दिनों बाद ही कलेक्टर मनोज पुष्प, अर्पिता सिंह के भ्रष्टाचार और खुद के द्वारा पूर्व में की गई सेवा समाप्ति की कार्रवाई को छिपाकर मिशन संचालक एनएचएम को सिफारिश भेज दी गई। इसमें उनके द्वारा लिखा गया है कि संविदा सेवा पद से पृथक करना प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के खिलाफ है और न्यायोचित नहीं है। इस पत्र के आधार पर फर्जी नियुक्ति और भ्रष्टाचार की आरोपी तथा सेवा से निष्कासित अर्पिता सिंह को मिशन संचालक प्रियंका दास ने बहाल करते हुए प्रभारी डीपीएम उमरिया में पदस्थ कर दिया। शिकायत में प्रियंका दास पर आरोप हैं कि उन्होंने 77 लाख के भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्ति के तथ्य को जानते हुए छिपाया और नियमों को ताक पर रखकर अर्पिता सिंह चौहान को भ्रष्टाचार करने के लिए उमरिया में पदस्थ कर दिया। शिकायत में लोकायुक्त से मांग की है कि दोनों अफसर मनोज पुष्प और प्रियंका दास और अर्पिता सिंह चौहान के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाए। इस संबंध में दोनों अफसरों से कई प्रयासों के बाद भी संपर्क नहीं हो सका, जिसके बाद विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी संपर्क किया गया पर उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।