
मालवा निमाड़ के बाद महाकौशल के प्रवास पर है संघ प्रमुख
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। चुनावी साल में अब संघ ने मप्र पर अपनी पूरी नजर लगा दी है। यही वजह है कि इस साल अब तक चार माह में संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत प्रदेश के 8 दौरे कर चुके हैं । खास बात यह है कि यह दौरे भी उनके द्वारा संघ दृष्टि से बनाए गए प्रदेश के तीनों प्रांतों में किए गए हैं। उनका ताजा दो दिवसीय प्रवास कल ही निमाड़ अंचल के बुरहानपुर जिले में समाप्त हुआ है, इसके बाद वे आज जबलपुर के प्रवास पर हैं।
बुरहानपुर संघ के मालवा प्रांत में आता है तो जबलपुर महाकौशल प्रांत का मुख्यालय है। इसके पहले संघ प्रमुख हाल ही में भोपाल का भी प्रवास कर चुके हैं। सरसंघ चालक बनने के बाद उनके द्वारा जहां भी प्रवास किया जाता है वहां पर संघ कार्य विस्तार, बुद्धिजीवी और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले समाजसेवियों के अलावा विभिन्न समाज प्रमुख से भी चर्चा करते हैं। डॉ मोहन भागवत का जोर हमेशा से संघ का सामाजिक आधार बढ़ाने पर रहा है। इसी के साथ उन्होंने ग्रामीण समस्याओं पर सर्वाधिक फोकस किया हुआ है। संघ को सर्व समावेशी और सर्व स्पर्शीय बनाने की कवायद उनके नेतृत्व में 2009 से लगातार चल रही है। संघ के सभी सरसंघचालकों ने अपने कार्यकाल में नवाचार किए हैं। डॉक्टर भागवत ने कुटुंब प्रबोधन और विभिन्न धर्मों और समुदायों से संवाद का नवाचार अपने कार्यकाल में प्रारंभ किया है। डॉक्टर भागवत के मध्य प्रदेश के लगातार दौरे इस बात को दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि संघ का नेतृत्व मध्य प्रदेश को बहुत अधिक महत्व देता है। बुरहानपुर में सरसंघचालक ने अनेक कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ ही मालवा प्रांत के संघ के शीर्ष पदाधिकारियों और संघ परिवार के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं से भी चर्चा कर फीडबैक लिया गया है। संघ यद्यपि राजनीति में हिस्सा नहीं लेता लेकिन उसकी गतिविधियों और उसके अभियानों का लाभ भाजपा को मिलता है। उनके अलावा पिछले दिनों भैया जी जोशी भी मध्यप्रदेश में सक्रिय रहे। भैया जी जोशी मंडलेश्वर के रहने वाले हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनको अपना मार्गदर्शक मानते हैं। खासतौर पर भैया जी जोशी सेवा प्रकल्पों का पूरे देश भर में जाल फैलाने में विशेषज्ञ माने जाते हैं। वे 9 साल तक संघ के सरकार्यवाह रहने के अलावा लंबे समय तक संघ के सह सरकार्यवाह और सेवा प्रमुख रहे हैं। संघ ने इस समय जो सवा लाख से अधिक सेवा प्रकल्प चला रखे हैं वो भैया जी की दूर दृष्टि की ही देन है।
भैया जी जोशी के अलावा मौजूदा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, और सह सरकार्यवाह अरुण कुमार भी मध्य प्रदेश के दौरे करते रहते हैं। जबकि एक अन्य सह सरकार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य का मुख्यालय समिधा कार्यालय है इस कारण से मध्यप्रदेश की गतिविधियों को वे मॉनिटर करते हैं। जाहिर है संघ नेतृत्व लगातार मध्यप्रदेश में कार्य विस्तार पर जोर दे रहा है। संघ कार्य विस्तार का अर्थ है कि राजनीतिक रूप से इसका लाभ भाजपा को मिलेगा।
सामाजिक आधार बढ़ाने की कवायद
विश्व का यह सबसे बड़ा सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन दो साल बाद 2025 में अपनी जन्म शताब्दी मनाने जा रहा है। इसके कार्यक्रम अगले साल से शुरु हो जाएंगे, जो पूरे एक साल तक चलेंगे। यही वजह है कि संघ अपना सामाजिक आधार बढ़ाने की कवायद में लगा हुआ है। इसके लिए संघ मुख्य रूप से शाखा विस्तार, पर्यावरण संतुलन, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, स्वदेशी आत्मनिर्भरता और ग्रामीण विकास पर जोर दे रहा है। संघ आने वाले दिनों में नए लोगों को जोडऩे के लिए भी ठोस रणनीति बना रहा है। संघ द्वारा भाजपा और अन्य अनुषांगिक संगठनों को बार-बार सलाह दी जाती है कि वह युवाओं पर अधिक से अधिक फोकस करें। संघ की समन्वय बैठकों में भी भाजपा को यही सलाह रहती है कि बूथ मैनेजमेंट, लव जिहाद, धर्मांतरण, महिला अपराधों में वृद्धि, आंतरिक सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए। संघ की केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से अपेक्षा है कि जीडीपी के बजाय रोजगार केंद्रित समावेशी न्यू इकोनॉमिक इंडिया इंडेक्स तैयार करने, जैविक खेती को बढ़ावा देने, कृषि शिक्षा में बदलाव करने के साथ-साथ भारतीय शिक्षा संस्थानों में हिंदुत्व से जुड़े पाठ्यक्रम तैयार करने पर फोकस किया जाना चाहिए।