
- करंट टिकट बुकिंग पर मिलने वाली 10% की रियायत भी कर दी बंद…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। यात्रियों की सुविधा के लिए संचालित रेल अब लोगों के लिए जेब काटने वाली सेवा बनती जा रही है। रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने के नाम पर पहले से ही लोगों की जमकर जेब काटने का लाइसेंस देनी वाला रेल मंत्रालय पहले से ही कोविड के बहाने यात्रियों को मिलने वाली तीन सौ तरह की रियायतों को बंद कर चुका है और अब तत्काल बुकिंग टिकट पर मिलने वाली दस फीसदी छूट भी समाप्त कर दी गई है। सुंदर स्टेशनों से भले ही जनता को कई फायदा न मिले, लेकिन उससे ठेकेदारों को जरुर जमकर फायदा हो रहा है। हद तो यह है कि इससे जनप्रतिनिधियों को पूरी तरह से बेअसर रखा गया है, जबकि रेलवे की ओर से सीनियर सिटीजन, पत्रकार, डॉक्टर आदि श्रेणी के लोगों को दी जाने वाली छूट कोविड के बहाने बंद कर दी गई थी , जिसे अब तक शुरू नहीं किया गया है। गौरतलब है कि रेलवे ने वर्ष 2016 से दी जा रही फस्र्ट चार्ट बनने के बाद बची हुई सीटों के लिए करंट बुकिंग पर 10 फीसदी छूट की शुरुआत की गई थी। इसकी वजह से अब करंट बुकिंग वाली टिकट पर यात्रियों को पूरा किराया देना होगा। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर (पीएम) विपुल सिंघल द्वारा आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसके उलट वहीं सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद और विधायकों को मुफ्त में जमकर रेल यात्रा कराई जा रही है।
इस तरह से होगा यात्रियों को नुकसान
रेलवे प्रशासन द्वारा वर्ष 2016 में रेलवे बोर्ड द्वारा ट्रेन चलने से चार घंटे पहले बनने वाले चार्ट के बाद अगर ट्रेन में किसी भी क्लास में सीटें खाली रह जाती है और इसके बाद अगर कोई यात्री करंट में रिजर्वेशन कराता है तो उसे रिजर्वेशन कराने पर किराए में 10 फीसदी की छूट प्रदान करना शुरू किया गया था। उदाहरण के लिए अगर भोपाल से दिल्ली जाने का स्लीपर का किराया करीब 415 है तो यहाँ किराया चार्ट बन जाने के बाद करंट बुकिंग में टिकट लेने पर करीब 375 में यात्रियों को मिलता था। लेकिन अब रेलवे द्वारा दी जा रही इस रियायत को बंद कर दी गई है।