
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल पढ़ाई की गुणवत्ता की जगह नए -नए प्रयोग अन्य कामों में करने में लगा रहता है। अब बोर्ड प्रबंधन द्वारा परीक्षा को लेकर कई तरह के नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिसमें तय किया गया है कि दसवीं-बारहवीं परीक्षा में अब अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका यानि की कॉपी नहीं दी जाएगी। इससे छात्रों के साथ ही मंडल का कितना भला होगा यह तो बोर्ड प्रबंधन ही जाने , लेकिन यह तो तय है कि इससे बोर्ड को फायदा की जगह नुकसान अधिक होगा। इसकी वजह है अतिरिक्त कॉपी महज पचास फीसदी ही छात्रों द्वारा ली जाती है। इसके अलावा इस बार एक नया प्रयोग प्रश्न पत्रों को लेकर किया जा रहा है। पूर्व की ही तरह परीक्षा के प्रश्न-पत्र के चार सेट तो बनाए ही जाएंगे , लेकिन उनमें प्रश्नों का क्रम बदल दिया जाएगा। इस संबंध में माशिमं द्वारा आदेश जारी किए जा चुके हैं। मंडल की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा एक मार्च से शुरू हो रही है। इस बार दोनों परीक्षाओं में 18 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हो रहे है। गौरतलब है कि बीते साल तक माशिमं द्वारा प्रश्न-पत्र हल करने के लिए 20 पेज की कॉपी ही दी जाती थी, जिससे कुछ छात्रों को अलग से कापियों की जरूरत पड़ती थी। लेकिन इस बार से छात्रों को अलग से कॉपी नहीं दी जाएगी। इस बार 20 पेज की बजाय 32 पेज की कॉपी दी जाएगी। इसके अलावा मंडल ने सभी जिलों में मूल्यांकन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी करना भी तय किया है। इसका मंडल कंट्रोल ऑफिस मुख्यालय में बनाया गया है।इससे मंडल मुख्यालय स्तर पर अधिकारी मूल्यांकन केंद्रों की निगरानी कर सकेंगे।
प्राइवेट विद्यार्थियों को होगा 75 अंको का प्रश्न पत्र
माध्यमिक शिक्षा मंडल में नियमित विद्यार्थियों के साथ ही प्राइवेट छात्र भी परीक्षा देते है। प्राइवेट विद्यार्थियों का आंतरिक मूल्यांकन नहीं होता है। ऐसे में प्राइवेट विद्यार्थियों का 75 अंक का मुख्य पेपर देना होगा। 75 अंक में से मिले अंकों के आधार पर वेटेज देकर 100 अंकों के हिसाब से विद्यार्थियों की अंकसूची तैयार की जाएगी। इसी तरह से अब मंडल की दसवीं परीक्षा में पिछले सालों तक 80 अंक का मुख्य पेपर होता था। जबकि 20 नंबर आंतरिक मूल्यांकन के दिए जा रहे थे। इस साल माशिमं ने व्यवस्था में परिवर्तन कर परीक्षा का मुख्य पेपर 75 अंक का कर दिया है, जबकि आंतरिक मूल्यांकन के 25 अंक मिलेंगे। इस प्रकार विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम 100 अंकों में से बनाया जाएगा।
इस तरह का होगा प्रश्न पत्र
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार प्रश्न पत्र में भी बदलाव करना तय किया है। इसके तहत अब मुख्य परीक्षा का पेपर 75. अंक का कर दिया है। 75 अंक के पेपर में 40 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्न, 40 फीसदी विषयपरक प्रश्न व 20 फीसदी विश्लेषाणत्मक प्रश्न होंगे। वस्तुनिष्ठ प्रश्न ही तीस नंबर के होते है। इसमें आंतरिक मूल्यांकन के 25 नंबर व ऑब्जेक्टिव 30 नंबर होते है। ऐसे में 100 अंक में से 55 नंबर विद्यार्थी आसानी से ला सकते हैं।