
- 20 रुपए में तीसों दिन कैसे हो वर्दी का रखरखाव
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अफसरों से लेकर नेताओं तक को जहां हर माह हजारों रुपए भत्तों के रुप में दिया जाता है, वहीं प्रदेश का पुलिस महकमा ऐसा है, जिसमें कम वेतन पाने वाले आरक्षकों व हवलदारों को महज चंद रुपए भत्तों के रुप में दिए जाते हैं, जबकि यह वे कर्मचारी होते हैं, जो कानून व्यवस्था को मैदानी स्तर पर संभालते हैं। इन्हें भत्तों के नाम पर जो पैसा दिया जाता है, वह मजाक करने जैसा लगता है। इन्हें वर्दी के रखाव के लिए हर माह 20 रुपयों का भुगतान किया जाता है। इसके बाद भी उन पर वर्दी को साफ और क्रीज वाली पूरे समय ड्यूटी पर पहनना होती है। वर्दी ही उनकी अनुशासन का प्रतीक होती है।
अब महंगाई के इस दौर में एक वर्दी पर ही एक दिन में यह राशि खर्च जाती है। अगर उनके भोजन भत्ते की बात की जाए तो एक समय के भोजन के लिए उन्हें 25 रुपए का भुगतान किया जाता है। जिसमें भरपेट भोजन मिलना नामुमकिन है। ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मियों के खाने के लिए कुल 70 रुपये मिलते हैं। इनमें 20 रुपये का नाश्ता और 25-25 रुपये का दोनों टाइम का भोजन शामिल है। सरकार ने 26 जून 2015 को पौष्टिक आहार भत्ता बढ़ाया था, जो अब तक चल रहा है। यह बात अलग है कि मंहगाई को देखते हुए पुलिस मुख्यालय भत्ता बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेज चुका है, लेकिन वित्त विभाग को वह पसंद नही आ रहा है। यही नहीं निरीक्षक से आरक्षक तक विशेष पुलिस भत्ता 18 रुपये प्रति माह है, जो उन्हें 1978 से दिया जा रहा है। इसके बाद 44 सालों में इसमें वृद्धि ही नहीं की गई है। वर्दी धुलाई भत्ता भी 1994 से आरक्षक से हवलदार तक तक को 20 रुपये एवं एएसआई से राजपत्रित अधिकारी तक 30 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है। इसमें 2003 में वृद्धि की गई, लेकिन वह भी राजपत्रित अधिकारियों के लिए। उन्हें भी इस वृद्धि के बाद महज 60 रुपये प्रति माह ही मिलता है। हद तो यह है कि अभी भी इस 21 वीं सदी में साइकिल भत्ता मिल रहा है, जबकि साईकिल से गश्त से लेकर अपराधियों को पकड़ना ही संभव नहीं है। इसी तरह से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात अंगरक्षकों को जरुर बीते दस सालों से मूल वेतन के 30 प्रतिशत के बराबर जोखिम भत्ता मिल रहा है, लेकिन मंत्रियों की सुरक्षा में तैनात अंगरक्षकों को 1980 से महज 50 रुपये प्रति माह जोखिम भत्ता ही दिया जा रहा है। दोनों ही वर्ग में इन भत्तों को अब तक नहीं बढ़ाया गया है।
अब पेट्रोल देने का प्रस्ताव
अब जरुर गृह विभाग द्वारा हवलदार एवं आरक्षक को साइकिल भत्ता के स्थान पर 15 लीटर प्रति माह पेट्रोल देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। अभी उन्हें साइकिल भत्ते के रुप में 45 सालों से 18 रुपये प्रति माह दिया जाता है। इसी तरह, निरीक्षक एवं उप निरीक्षक को 28 जून 1993 से प्रति माह 230 रुपये वाहन भत्ता दिया जा रहा है, लेकिन अब तक यह दोनों ही भत्ते यथावत हैं तथा इनके स्थान पर निरीक्षक से लेकर आरक्षक तक स्तर के पुलिस कर्मियों को प्रति माह 15 लीटर पेट्रोल भत्ता देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।