मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद भी नहीं हो रहा शिकायतों का समाधान

शिवराज सिंह चौहान

– सीएम कार्यालय के दूरभाष नंबर 0755-2442231 पर भी नहीं सुनी जा रही लोगों की समस्याएं

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी /बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगभग हर मंच से घोषणा करते हैं कि प्रदेश की जनता उनकी पहली प्राथमिकता है। जो अफसर या विभाग आमजन की शिकायतें नहीं सुनेंगे और उनका समाधान नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्रवाई कर भी रहे हैं।  इसके बावजूद भी न तो लोगों की शिकायतें सुनी जा रही हैं और न ही उनका समाधान किया जा रहा है।  हैरानी की बात यह है की गत दिनों मुख्यमंत्री ने सीएम कार्यालय के जिस दूरभाष नंबर 0755-2442231 को सार्वजनिक कर इस पर शिकायत करने को कहा उसे भी कोई रिसीव नहीं कर रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सीएम हेल्पलाइन, समाधान पोर्टल, परख कार्यक्रम, जनसुनवाई आदि व्यवस्थाएं हैं, लेकिन इसके बाद भी लोगों की समस्याएं जस की तस हैं।
सीएमओ का फोन भी कोई नहीं कर रहा रिसीव
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत दिनों करीब 23 हजार ग्राम पंचायतों के सरपंचों और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों को भोपाल बुलाया था। सीएम के आते ही उन्हें आवेदन देने के लिए अफरा-तफरी मच गई। सीएम का भाषण शुरू होने से लेकर कार्यक्रम समाप्त होने तक आवेदन लिए जाते रहे। यहां छह हजार से अधिक आवेदन आने का अनुमान सभा स्थल पर लोगों से आवेदन प्राप्त कर रहे एक अधिकारी का है। आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सीएम कार्यालय का दूरभाष नंबर 0755-2442231 भी सार्वजनिक कर दिया। अगले ही दिन बड़ी संख्या में लोगों ने कॉल किए लेकिन रिसीव नहीं किए गए। पन्ना जिले के गुनौर निवासी राजप्रताप पटेल ने बताया कि राशन कार्ड नहीं बनने की शिकायत सीएम  हेल्प लाइन में वर्ष 2020 में की थी। शिकायत बंद होने की सूचना दी गई। जनसुनवाई में एसडीएम को आवेदन दिया, इस पर भी कुछ नहीं हुआ।  सीएम कार्यालय के बताए नंबर पर संपर्क किया, पर यहां भी किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं भोपाल के प्रेमनारायण मिस्त्री ने सूचना दी कि उन्होंने सीएम कार्यालय में कई बार कॉल किया लेकिन व्यस्त होने की ही सूचना मिलती रही। सेमराकलां में सरकारी स्कूल है। यहां बच्चों को न गणवेश और न ही पुस्तकें मिली हैं।
विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ें
लोगों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए विभागों के चक्कर न काटने पड़े इसके लिए मध्यप्रदेश समाधान पोर्टल शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य है कि घर बैठे शिकायत आॅनलाइन दर्ज कर समाधान प्राप्त करना। पत्र के माध्यम से भी शिकायत भेजी जा सकती है। पत्र में उल्लेखित मोबाइल नंबर के साथ एक विशिष्ट जन शिकायत संख्या दी जाएगी। लेकिन अब पोर्टल नहीं खुल रहा है। राज्य सरकार ने शिकायतों के निराकरण के लिए कई माध्यम बनाए हैं। बावजूद लोगों को समाधान नहीं मिल रहा है। अकेले सीएम हेल्प लाइन में आठ साल में शिकायतों की संख्या दो करोड़ तक पहुंचने वाली है। विभागवार में अकेले राजस्व संबंधी 9.66 लाख आवेदनों का निराकरण होना है। यही हाल मप्र जनसुनवाई पोर्टल  का है। इस पोर्टल को शुरू करने का उद्देश्य है कि कई ऐसे लोग हैं जो अत्याचारों को बताने में डरते हैं या फिर पुलिस द्वारा या बड़े पद पर कार्यरत अधिकारियों द्वारा उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जनसुनवाई पोर्टल शुरू हुआ। सरकार की मंशा है कि शिकायत दर्ज करने के लिए किसी भी दफ्तर में जाने या पुलिस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं पड़े। घर बैठे ही आॅनलाइन शिकायत दर्ज होगी। वर्तमान समय में सरकार के पास दर्ज शिकायतों के अधिकृत आंकड़े नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाधान एक दिन अर्थात वन-डे गवर्नेस प्रारंभ करने की घोषणा की है ।  चिन्हित सेवाओं में सुबह आवेदन देने पर शाम तक निराकरण किया जाएगा।  इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं ।  इसलिए शिकायतों की स्थिति स्पष्ट नहीं है। तत्कालीन मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा की अध्यक्षता में परख कार्यक्रम होता था। वे मंत्रालय स्थित एनआईसी कक्ष से सभी संभागायुक्त और कलेक्टरों से चर्चा करते थे। यह कार्यक्रम अब बंद है।

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