रिजर्व पदों पर नहीं होगी अन्य वर्गों के उम्मीदवारों की भर्ती

  • अगले चयन तक के लिए ये पद आरक्षित रखे जाएंगे

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में आरक्षित वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए राज्य सरकार ने जूनियर प्रशासकीय सेवा भर्ती तथा सेवा शर्तें नियमों में बदलाव कर दिया है। अब अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पदों की पर्याप्त संख्या में उम्मीदवार उपलब्ध न होने पर अन्य वर्गों के उम्मीदवारों से नहीं भरा जाएगा बल्कि अगले चयन तक के लिए ये पद आरक्षित रखे जाएंगे। जूनियर प्रशासकीय सेवा में सीधी भर्ती के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए पद आरक्षित रखे जाएंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवार जिन्हें आयोग द्वारा प्रशासन में दक्षता बनाए रखने के लिए सेवा में नियुक्ति के लिए उपयुक्त समझा जाएगा। वहां यथा स्थिति इन वर्गों के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्त किया जा सकेगा।
ऐसे मामले जहां सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले पदों के लिए कुछ कालावधि का अनुभव एक आवश्यक शर्त है और नियुक्ति प्राधिकारी की राय में यह पाया जाए कि अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हो सकेंगे वहां नियुक्ति प्राधिकारी राज्य सरकार से परामर्श के बाद अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थी के लिए अनुभव की शर्त को शिथिल किया जा सकेगा। राजस्व विभाग ने नियम 13 में उपनियमों में बदलाव किया है। इसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित पद आरक्षण नियमों के तहत आरक्षित रखे जाएंगे। लेकिन अनुसूची पांच में उल्लेखित स्तर के अनुसार जो नहीं है और जिन्हें प्रशासन में दक्षता बनाए रखने के लिए नियुक्ति प्राधिकारी सेवा में नियुक्ति के लिए उपयुक्त समझेगा उन्हें अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्त किया जा सकेगा।
नहीं बता पाए तृतीय श्रेणी कार्यपालिक के रिक्त पद
प्रदेश के 13 जिलों के सहायक आयुक्त और जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग सवा साल में सात पत्रों और रिमाइंडर के बाद भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि उनके जिलों में विभागीय कार्यपालिक (तृतीय श्रेणी) के कितने पद हैं ,जो रिक्त और भरे हुए हैं। साथ ही इनके द्वारा भरे हुए पदों पर काबिज कर्मचारियों, अधिकारियों की जाति, जन्मतिथि और पदस्थापना तिथि की जानकारी भी नहीं दी जा रही है। इन विभागों को 24 सितम्बर 21 के बाद 29 दिसम्बर और चालू साल में 15 फरवरी, 28 अप्रैल, 18 जुलाई और पांच सितंबर को पूर्व में पत्र लिखे जा चुके हैं। अब फिर एक बार रिमाइंडर भेजा गया है। जिन जिलों की ओर से अब तक शासन को जानकारी नहीं दी गई है उसमें अलीराजपुर, धार, सीधी, देवास, कटनी, नीमच, पन्ना, शाजापुर, टीकमगढ़, रायसेन, आगर मालवा, छतरपुर, निवाड़ी शामिल हैं। आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने विभागीय कार्यपालिक (तृतीय श्रेणी) के पद पर कार्यरत कर्मचारियों की यह जानकारी आयुक्त अनुसूचित जाति विकास, आयुक्त पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण, संचालक टीएंडसीपी और टीआरआई, सभी संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति विकास, सभी सहायक आयुक्त, जिला संयोजक जनजातीय कार्य, समस्त परियोजना प्रशासक से मांगी थी लेकिन अब तक जिलों ने यह जानकारी नहीं भेजी है। जिन पदों पर पदस्थापना और पद रिक्त होने की जानकारी मांगी गई थी उसमें उपयंत्री, निर्माण सहायक, सहायक मानचित्रकार, अनुरेखक, प्रगति सहायक, अनुसंधान सहायक, सहायक सांख्यिकी अधिकारी, मंडल संयोजक और कनिष्ठ लेखा अधिकारी के पद शामिल हैं। इसके अलावा लेखपाल ट्रेंड, कार्यक्रम निरीक्षक, सांस्कृतिक क्षेत्र आयोजक, मैनेजर टीसीपीसी, प्रशिक्षक टीसीपीसी, अर्द्धकुशल कारीगर टीसीपीसी, संग्रहालय (रखवाला) की – पदस्थापना, जाति, शासकीय सेवा में नियुक्ति समेत अन्य जानकारियां शामिल हैं।

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