
6 हजार करोड़ की लागत का रोडमैप तैयार
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की शिव सरकार ग्रामीण इलाकों में हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। इसके साथ ही अब प्रदेश सरकार शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को भी पानी की किल्लत से मुक्ति दिलाने की मुहिम शुरू करने जा रही है। इसके लिए पूरी तरह से योजना तैयार कर उसके लिए रोडमैप बना लिया गया है। इस पर सरकार छह हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। सरकार ने इस योजना को पूरा करने के लिए चार साल का लक्ष्य तय िकया है, यानि की 2027 तक प्रदेश के हर शहरी इलाके में पानी किल्लत दूर कर ली जाएगी।
इसके तहत हर घर में 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने की तैयारी है। इसके साथ ही सीवरेज नेटवर्क भी तैयार किया जाएगा। दोनों नेटवर्क की क्षमता तीस वर्ष में शहर के विकास, आबादी के हिसाब से की जाएगी , जिससे आगे तीन दशक तक पूरी तरह से राहत मिलती रहे। इसके लिए प्रदेश के 413 निकायों में घर-घर नल से जल पहुंचाने के लिए 6240.50 करोड़ रुपए की प्रारंभिक डीपीआर तैयार की गई है। इसके साथ में सीवरेज, नदी, तालाब एवं अन्य जल स्रोतों का भी उन्नयन किया जाएगा, लेकिन इसके लिए अलग से राशि खर्च की जाएगी। कुल मिलाकर सभी शहरों में पांच वर्ष के अंदर 12858.71 करोड़ रुपए के विकास के काम कराए जाएंगे। खास बात यह है कि प्रदेश सरकार की इन योजनाओं को केन्द्र सरकार ने भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इन सभी विकास कार्यों में केन्द्र और राज्य सरकार का भी हिस्सा रहेगा।
जलजीवन मिशन से आ रही क्रांति
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा की थी , जिसकी वजह से ही हर घर में नल से जल उपलब्ध कराने की दिशा में क्रांति आना शुरू हो गई है। इस मिशन में केन्द्र व राज्य का हिस्सा 50 -50 प्रतिशत होता है। इसके लक्ष्य को हासिल करने के लिए समय सीमा 2024 तक तय की गई है। इसकी वजह से मप्र में 13 लाख से बढ़ कर अब 53 लाख 38 हजार 848 घरों में नल कनेक्शन से पानी दिया जाने लगा है। दरअसल आंकड़े बताते हैं ,कि दो साल पहले तक प्रदेश में लगभग 4,000 ऐसे गांव थे जहां लोगों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा था। यही हाल शहरी इलाकों का जून माह में राज्य के 146 नगरीय निकाय ऐसे थे ,जहां नियमित तौर पर हर रोज पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। राज्य के 378 नगरीय क्षेत्रों में से 32 नगरीय निकायों में टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाया गया, तो 96 नगरीय क्षेत्रों में एक दिन, 28 में दो दिन और एक नगरीय निकाय में तीन दिन के अंतराल से जलापूर्ति की गई। प्रदेश के कुल 378 नगरीय निकायों में से 258 निकायों में प्रतिदिन पानी की आपूर्ति हुई।
जलस्रोतों का होगा आंकलन
योजना के तहत जिन जलस्रोत का निर्माण किया जा रहा है उसका निकायों को पूरी तरह से आंकलन करना होगा। जिसमें पानी संचय की क्षमता के अलावा जिन जलस्रोतों से शहर में पानी की सप्लाई की जा रही है, उनमें एक वर्ष तक सप्लाई के लिए जल भराव है या नहीं। यदि पर्याप्त जल भराव नहीं है तो अन्य जलस्रोतों का विस्तार, गहरीकरण का काम करना होगा। इसमें निकायों को सीवरेज प्लांट ट्रीटमेंट लगाने की अनिवार्यता रखी गई हैं। इसके साथ ही सीवरेज निकलने वाले मल जल को भी शुद्ध करने के बाद 30 फीसदी पानी की उपयोगिता और पानी की बिक्री की भी व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। सीवरेज के नेटवर्क और ट्रीटमेंट प्लान के रख-रखाव की जिम्मेदारी निकायों की होगी।