
– प्रदेश में निवेश करने के लिए अभी से तैयारी करने लगी कंपनियां…
भोपाल/विनोद उपाध्याय /बिच्छू डॉट कॉम। इंदौर में 7 और 8 जनवरी 2023 को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। इस समिट को सफल बनाने के लिए शासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है। सरकार की तैयारियों को निवेशकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। करीब दर्जनभर कंपनियों ने अभी से मप्र में निवेश की तैयारी शुरू कर दी है।
इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में मप्र निवेश का केंद्र बनेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए समिट के पहले इंदौर में प्रस्तावित 6 क्लस्टर को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। जल्द ही सरकार देश और विदेश में रोड शो कर निवेशकों को मप्र में निवेश करने के लिए आमंत्रण देगी।
कोरोना काल के बाद अब प्रदेश में जनवरी में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को बड़े स्वरूप में करने की तैयारी है। इसके तहत लाखों के करार होंगे, जिनके लिए अभी से निवेशक कंपनियां तैयार होने लगी हैं। लगभग 12 कंपनियों ने प्रारंभिक रूप से निवेश की ओर कदम बढ़ाए हैं। कुछ निवेशक जमीन देखने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो कुछ चयन कर चुके हैं। कुछ ने अभी निवेश की रुचि दिखाकर सेक्टर तय किए हैं।
दो साल बाद होगी इंवेस्टर समिट
दरअसल, कोरोना काल के कारण बीते दो सालों से इंवेस्टर्स समिट नहीं हो सकी है। इससे पहले कांग्रेस सरकार के समय मैग्नीफिसेंट एमपी के नाम से इन्वेस्टर्स समिट हुई थी। 2020 में सत्ता परिवर्तन हुआ और उसके तत्काल बाद कोरोना का कहर शुरू हो गया। इस कारण इन्वेस्टमेंट प्लान और समिट की तैयारियां धरी रह गई। एक साल से स्थिति सुधर रही है। ऐसे में इंवेस्टर्स समिट को लेकर बड़े निवेश का ग्राउंड तैयार कर लिया गया है। इंवेस्टर्स समिट पहले नवंबर में होनी थी, लेकिन इसे आगे बढ़ाकर जनवरी 2023 में कर दिया गया है। इसके तहत मेगा शो होगा। सामान्यतः: अब इंवेस्टर्स समिट में एमओयू नहीं घोषित किए जाते हैं। समिट में केवल ईओआई यानी इंट्रेस्ट आॅफ इंवेस्टमेट प्रस्ताव ही घोषित किए जाते हैं। जनवरी की तैयारी के लिए पहले से निवेशकों से बातचीत की जा रही है।
51 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले
प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से पहले की निवेश के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए हैं। जानकारी के अनुसार अब तक करीब 51 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव सरकार के पास पहुंच चुके हैं। 12 से ज्यादा ऐसी कंपनियां हैं, जो सहमति निवेश के लिए दे चुकी हैं। कंपनियों के निवेश प्रस्ताव विभिन्न चरणों में हैं। इनमें से कुछ ने जगह भी फाइनल कर दी है। खास बात ये कि ई-व्हीकल, सौर ऊर्जा और आॅटोमोबाइल जैसे सेक्टर में भी इस बार निवेश आना है। 7 इसके लिए प्रारंभिक सहमतियां बनी है। वहीं फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक, टेक्सटाइल और आईटी जैसे सेक्टर भी निवेश के मामले में अभी से फाइनल हो चुके हैं। इन सेक्टर्स में विभिन्न कंपनियों ने रुचि दिखाई है। लगभग छह विदेशी कंपनियों के प्रस्ताव भी गंभीरता से विचार-विमर्श के स्तर पर हैं। यूएस, कनाडा सहित कई देशों की कंपनियों ने निवेश में रुचि दिखाई है। सीएम शिवराज सिंह के दो विदेश दौरे पूर्व में जुलाई में प्रस्तावित थे, लेकिन स्थानीय चुनाव आने के कारण दौरे नहीं हो सके।
तैयार हो रहे 6 औद्योगिक क्लस्टर
इंदौर में प्रस्तावित 6 क्लस्टर पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। यह क्लस्टर अलग- अलग इंडस्ट्री सेक्टर के होंगे। जिसमें लगभग 1 हजार 20 करोड़ रुपए की पूंजी का निवेश होगा। सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे इन 6 क्लस्टर में 585 उद्योग स्थापित होंगे। जिससे इंदौर में लगभग 18 हजार 500 लोगों को प्रत्यक्ष व इतने ही लोगों को अप्रत्यक्ष रुपए से रोजगार मिलेगा। इंदौर में टॉय क्लस्टर और फर्नीचर क्लस्टर को लेकर एमएसएमई विभाग काम कर रहा है। वहीं बहु उत्पाद क्लस्टर, फार्मा पार्क, दाम मिल क्लस्टर प्लास्टिक क्लस्टर को तैयार किया जा रहा है।
वास्तविक निवेशकों को ही मिलेगी जमीन
प्रदेश की औद्योगिक क्लस्टर विकास नीति में संशोधन किया जाएगा। प्रदेश में बनने वाले 40 से अधिक क्लस्टर में वास्तविक निवेशकों को ही जमीन दी जाएगी। उद्योग लगाने के नाम पर जमीन लेकर वर्षों तक निर्माण नहीं करने वालों को प्राथमिक सूची से बाहर किया जाएगा। क्लस्टर में जमीन अलॉट होने के बाद उद्योग शुरू करने की समय सीमा तय कर उसका सख्ती के साथ पालन भी किया जाएगा। कुछ औद्योगिक क्लस्टर्स के लिए प्रस्तावित जमीनों को लेकर पेंच आ रहे हैं, उनसे जुड़े मामलों का जनवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले निराकरण कर लिया जाएगा। उद्योगों के आर्थिक मामलों का निराकरण करने वाले फेसिलिटेशन काउंसिल की सुनवाई भोपाल के अलावा इंदौर में भी करने पर विचार किया जा रहा है। इंदौर आए एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव पी. नरहरि उद्योगपतियों को इसका आश्वासन दिया है। क्लस्टर में जमीन आवंटन के लिए बनाई गई एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) के गठन और अधिकारों को पारदर्शी बनाने को लेकर भी सरकार योजना बना रही है।