
– अन्य महानगर वाले मेडिकल कॉलेज बने हुए है पसंद …
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/ बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी और प्रदेश का दूसरा बड़ा महानगर होने के बाद भी मेडीकल में पीजी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भोपाल पसंद नहीं आ रहा है। इन छात्रों की पहली पसंद इंदौर बना हुआ है, जबकि भोपाल को उनके द्वारा चौथे स्थान पर रखा जा रहा है। यह जानकारी छात्रों द्वारा नीट पीजी स्टेट लेवल काउंसलिंग में पहले चरण की प्रवेश प्रक्रिया के दौरान सामने आ रही है। सीट अलॉटमेंट लिस्ट का अध्ययन करने पर पता चलता है कि कैंडीडेट्स द्वारा जनरल मेडिसिन को प्राथमिकता दी जा रही है।
काउंसलिंग में दी जा रही जानकारी के विश्लेषण से पता चलता है कि बीते सालों की ही तरह इस बार भी शहरों की सूची में इंदौर पहली पसंद बना हुआ है, जबकि भोपाल को लेकर पसंद में बदलाव आ रहा है। इसकी वजह से कभी पहले नंबर पर रहने वाला भोपाल शहर अब पंसद के मामले में ग्वालियर व जबलपुर जैसे शहरों से भी पीछे हो गया है।
पहले चरण की जारी सीट अलॉटमेंट सूची में कुल 707 सीटों का आवंटन किया गया है। जबकि सरकार के पास कुल 1250 सीटें उपलब्ध हैं। शेष सीटों का आवंटन अभ्यर्थियों की च्वाइस से मैच न होने की वजह से अटक गया है। पहले चरण में अभ्यर्थियों ने सबसे पहले जनरल मेडिसिन को वरियता दी है। इस विषय की 89 सीटों का आवंटन किया गया है। वही दूसरे नंबर पर ऑब्स एंड गायनी विषय रहा है। इसी तरह से तीसरी पंसद के रुप में जनरल सर्जरी और चौथी पसंद में एनीस्थीसिया बना हुआ है। भले ही जनरल मेडिसिन में सबसे ज्यादा प्रवेश हुए हों लेकिन टॉपर्स की पहली पसंद रेडियो डाग्नोसिस विषय ही रहा। पहले 100 टॉपर्स में से करीब 20 फीसदी ने रेडियोडायग्नोसिस विषय को ही पंसद किया है। नीट पीजी स्टेट लेवल काउंसलिंग में कुल 17 कॉलेज की 1250 सीटों पर प्रवेश होना है। इसमें आठ निजी मेडिकल कॉलेज 774 सीटें हैं और 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज पीजी की 476 सीट हैं। चयनित छात्रों को 20 अक्टूबर तक आवंटित कॉलेज में दाखिला लेना होगा। इस बार पीजी काउंसलिंग में एक नया विषय जोड़ा गया है, जिसे इमरजेंसी मेडिसिन का नाम दिया है। इस विषय की महत्ता को दखते हुए अभ्यर्थियों ने इसे भी खूब पंसद किया है। पहले राउंड में 9 सीटों का अलॉटमेंट किया गया है। गौरतलब है कि सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में इमरजेंसी मेडिसिन डिपार्टमेंट शुरू किया गया है, जहां गंभीर मरीजों का इलाज होगा।
दूसरे राउंड में मिलेगा मौका
पहले राउंड में सीट अलॉट होने के बावजूद अभ्यर्थी अपनी सीट छोड़ दूसरे राउंड में शामिल हो सकता है। पहले राउंड में अभ्यर्थियों पर सीट लिविंग बॉड की बाध्यता लागू नहीं होगी। हालांकि दूसरे चरण में सीट आवंटन होने और उस पर प्रवेश लेने के बाद यदि को अभ्यर्थी सीट छोड़ता है तो उस पर सीट लीविंग बांड लागू होगा और कैंडीडेट को 50 लाख रुपए का अर्थदंड भुगतना पड़ सकता है।
यह हैं आंकड़े
नीट पीजी काउंसलिंग के आंकड़े
कुल रजिस्ट्रेशन 1919
सीट अलॉटमेंट 707
सीट नॉट अलॉट 1212
पीजी की कुल सीट 1250
निजी कॉलेज 774
सरकारी कॉलेज 476
पसंदीदा कॉलेज
एमजीएम इंदौर 88
एनएससीबी जबलपुर 71
गजरा राजा ग्वालियर 64
जीएमसी भोपाल 63
एसएस रीवा 37
बुंदेलखंड सागर 16