
-औद्योगिक क्लस्टर में जमीन लेने वालों के लिए बनेगी नीति
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/ बिच्छू डॉट कॉम। इंदौर में 7 और 8 जनवरी 2023 को होने वाले इनवेस्टर्स समिट में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार कई ऐसे प्रावधान करने जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में निवेशक मप्र का रूख करें। इसी के तहत मप्र की औद्योगिक क्लस्टर नीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। इसके संकेत मिलने लगे हैं। ऐसे में उद्योगों के विस्तार व विकास के लिए सरकार ऐसे प्रावधान करने जा रही है, जिससे औद्योगिक क्लस्टर में उद्योग लगाने के नाम पर जमीन लेने वालों को समय सीमा में उद्योग शुरू करने होंगे।
जानकारी के अनुसार प्रदेश की औद्योगिक क्लस्टर विकास नीति में जो संशोधन किया जाएगा, उससे प्रदेश में बनने वाले 40 से अधिक क्लस्टर में वास्तविक निवेशकों को ही जमीन दी जाएगी। उद्योग लगाने के नाम पर जमीन लेकर वर्षों तक निर्माण नहीं करने वालों को प्राथमिक सूची से बाहर किया जाएगा। क्लस्टर में जमीन अलॉट होने के बाद उद्योग शुरू करने की समय सीमा तय कर उसका सख्ती के साथ पालन भी किया जाएगा। कुछ औद्योगिक क्लस्टर्स के लिए प्रस्तावित जमीनों को लेकर पेंच आ रहे हैं, उनसे जुड़े मामलों का जनवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले निराकरण कर लिया जाएगा।
फेसिलिटेशन काउंसिल की सुनवाई इंदौर में भी
प्रदेश में औद्योगिक निवेश का गति देने के लिए उद्योगों के आर्थिक मामलों का निराकरण करने वाले फेसिलिटेशन काउंसिल की सुनवाई भोपाल के अलावा इंदौर में भी करने पर विचार किया जा रहा है। इंदौर में एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव पी. नरहरि ने उद्योगपतियों को इसका आश्वासन भी दिया है। क्लस्टर में जमीन आवंटन के लिए बनाई गई एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) के गठन और अधिकारों को पारदर्शी बनाने को लेकर भी सरकार योजना बना रही है। एसोसिएशन आॅफ इंडस्ट्रीज मप्र के अध्यक्ष योगेश मेहता और सचिव तरुण व्यास ने बताया पहले से संचालित औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर आयुक्त ने विस्तृत प्रेजेंटेशन देने को कहा है। चार साल से प्रदेश में उद्योगों को सब्सिडी से जुड़े प्रकरणों का निराकरण नहीं हो सकता है, टाइम लाइन में निराकरण करने की मांग भी प्रमुख सचिव से की गई है। इन दिनों प्रदेश में औद्योगिक विकास की तेज रफ्तार हो रहा है। ग्रीन एनर्जी, आर्गेनिक खाद से लेकर लॉजिस्टिक इंडस्ट्री आकार ले रही हैं। भोपाल-राजगढ़ में 250 करोड़ से ग्रीन एनर्जी पार्क बनना है। इसमें 15 टन प्रतिदिन क्षमता का बायोगैस प्लांट, ऑर्गेनिक खाद, 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का कार्बन-डाई-ऑक्साइड कैप्चर प्लांट और 10 मेगावाट क्षमता का केप्टिव सोलर पॉवर प्लांट बनेंगे। हाइड्रोजन व अमोनिया गैस भी बनेगी।
22 जिलों में शुरू होंगे 42 क्लस्टर
इनवेस्टर्स समिट में निवेश की अपार संभावनाओं को देखते हुए 22 जिलों में सरकार अगले 2 साल में 42 औद्योगिक क्लस्टर लॉन्च करने की तैयारी में है। यह क्लस्टर अलग-अलग इंडस्ट्री सेक्टर के होंगे। 10283.35 करोड़ रुपए की पूंजी का निवेश होगा इन क्लस्टर में। 19 क्लस्टर और निजी औद्योगिक क्षेत्रों का लोकार्पण, भूमिपूजन पिछले माह हुआ है। 3 हजार उद्योग स्थापित होंगे इन 42 क्लस्टर में। इससे लगभग 2.50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। 16 क्लस्टर इंदौर रीजन में स्थापित करने की योजना है। इंदौर के पास उज्जैन में इंजीनियरिंग और प्लास्टिक क्लस्टर की योजना है, जहां पर 10 उद्योग स्थापित होंगे। 2 टेक्सटाइल क्लस्टर में 355 उद्योग लगेंगे और बुरहानपुर में 900 करोड़ का निवेश और 11 हजार 600 को रोजगार मिलेगा। एक ग्रीन क्लस्टर खंडवा में बनेगा , जिस पर 35 करोड़ निवेश होंगे। 8 जिलों में फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर बनेंगे, जिसमें 205.20 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है।
समिट से पहले तैयार हो जाएगा निवेश का नया रोडमैप
मप्र को औद्योगिक हब बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में इंदौर में 7 और 8 जनवरी 2023 को इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस समिट को सफल करने के लिए शासन स्तर पर तैयारियां जारी हैं। शासन इन्वेस्टर्स को रिझाने के लिए समिट के पहले प्रदेश के कई क्षेत्रों में नए औद्योगिक क्लस्टर बनाने जा रहा है। जनवरी 2023 में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले निवेश का नया रोडमैप तैयार हो जाएगा। 10 से ज्यादा मल्टीनेशनल कंपनियां निवेश के लिए तैयार हैं। इनमें से कुछ से प्रारंभिक सहमति बन गई है तो कुछ जगह को लेकर मशक्कत कर रही हैं। आने वाले दिनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ड्रोन उद्योग से लेकर टेक्सटाइल-वेयरहाउसिंग जैसे परंपरागत उद्योगों तक में नए क्लस्टर आकार लेंगे।
