
- तेलंगाना व तमिलनाडु से हर माह हो रही थी 30 लाख की फंडिंग
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद अब पूछताछ में बेहद चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में दूसरी बार कार्रवाई के बाद एटीएस की रिमांड पर चल रहे चारों सदस्यों का कहना है कि उनके संगठन द्वारा ही खरगोन में हिंसा भड़काने की साजिश रचि गई थी। इसके बाद हिंसा की मदद के नाम पर खरगोन की कई बस्तियों को आग के हवाले करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा लगाए गए कर्फ्यू की वजह से वे लोग अपने मकसद में कामयाब नही हो सके। यही नहीं उनके द्वारा किए गए खुलासे में बताया गया है कि उन्हें दो राज्यों से हर माह तीस लाख रुपए की फंडिंग भी की जा रही थी। दरअसल एनआईए द्वारा 21 सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है। इसके साथ ही खरगौन दंगों के राज का खुलासा हो गया है।
गिरफ्तार पीएफआई सदस्यों ने खुलासा किया है कि खरगोन को दोबारा दंगों की आग में झुलसाने के लिए कर्फ्यू के बीच हवाला के माध्यम से 50 लाख रुपए भेजे गए थे और आदेश दिया गया था कि रात में बस्तियों में जाकर घरों को आग के हवाले कर दिया जाए, लेकिन कर्फ्यू के कारण उनके प्रयासों पर पानी फिर गया था। इसके बाद भी लगातार चार माह तक उन्हें 30 लाख रुपए हर महीने भेजे गए। इसके अलावा पीएफआई ने भरोसा दिलाया कि कोई भी सदस्य पकड़ा जाता है तो उसे संगठन कोर्ट से छुड़ा लेगा। इसी के बाद सदस्यों को पुलिस से निपटने के लिए हथियार भी दिए गए थे। इसके अलावा पेट्रोल बम भी तैयार किए गए थे। अब इस जानकारी को एटीएस ने खरगोन एसपी को भी बताई है। इसके बाद लोकल इंटेलिजेंस को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है। यह बात अलग है कि अभी भी जेएमबी कनेक्शन का कोई सुराग नहीं लग सका है। इधर, इंटेलिजेंस के सूत्रों का कहना है कि एनआईए और पुलिस की कार्रवाई के बाद पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े सदस्य और उनके परिवार खौफ में हैं। सिमी से टूटकर पीएफआई के सदस्य दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। जिनकी जानकारी भी उनके परिवारों से जुटाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इन सभी से लगभग पूछताछ पूरी कर ली गई है। साक्ष्यों को भी वेरिफाई किया जा चुका है। इन्हें अब 30 सितंबर को कोर्ट में पेश किया जाएगा। हालांकि इंदौर और उज्जैन से रिपोर्ट आने के बाद फिर से रिमांड लिया जा सकता है। उधर, पीएफआई को बैन करने के आदेश के बाद भोपाल में पुलिस पीएफआई के जुड़े आॅफिसों की तलाश कर रही है। पुलिस ने नेशनल कॉनफ्रेडरेशन आॅफ ह्यूमन राइट्स आॅर्गनाइजेशन (एनसीएचआरसी) के आॅफिस को सील कर दिया है। पीएफआई के नेता जूनियर फ्रंट के आॅफिस को भी सील किया जाएगा। इन सभी का संबंध पीएफआई से हैं।
पीएफआई सदस्यों की तलाश
पीएफआई के ऑफिस से कई रसीद बरामद हुई है। इसमें सदस्यों की जानकारी सुरक्षा एजेंसी के हाथ लगी है। अब इन सदस्यों की तलाश की जा रही है। भोपाल के आॅफिस से बीते 4 सालों में 3 हजार से अधिक सदस्य बनाए जाने की जानकारी मिली है। इन सदस्यों से बड़ी रकम एसडीपीआई को मिलने की जानकारी भी सामने आयी है। सूत्रों का कहना है कि यह लोग गरीब मुस्लिम इलाकों में अधिक सक्रिय रहते हैं। इसके अलावा अब्दुल करीम ने एटीएस को बताया कि जकात और फितरा फंडिंग के आधार थे। हवाला के अलावा अधिकांश फंड जकात और फितरा से आता था। जिससे किसी भी को शक न हो। इसके बाद एटीएस ने पुलिस को चंदा कमेटियों से भी पूछताछ करने के लिए निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में भी पीएफआई सहित 8 संगठन प्रतिबंधित
केंद्र सरकार के बाद प्रदेश सरकार ने भी पीएफआई बैन करने का फैसला किया है। गृह विभाग ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए पीएफआई सहित 8 संगठनों को बैन कर दिया है। बैन किए गए संगठनों के खिलाफ सदस्यों पर यूएपीए एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। भोपाल, इंदौर कमिश्नर सहित सभी जिलों के मजिस्ट्रेट को अधिकार दिया गया है। धारा 7 और 8 के अधिकारों के तहत कार्रवाई होगी। नोटिफिकेश जारी करते हुए गृह विभाग ने साफ किया है कि कानून के विरुद्ध अधिनियम 1967 की धारा 3 की शक्तियों का प्रयोग किया जाएगा। केंद्र सरकार ने पीएफआई (पापुलर फ्रांट आॅफ इंडिया) और सहयोगियों को बैन कर दिया है। जिसमें रिहेब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रांट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल विमन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन को बैन करने का फैसला किया है। गृह विभाग ने साफ किया है कि देश विरोध गतिविधियों में शामिल ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर सकती है। इस नोटिफिकेश के बाद पुलिस राज्य भर में सक्रिय बैन किए गए संगठन की तलाश करेगी। प्रदेश में अशांति और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई होगी। इसके लिए पुलिस के द्वारा कलेक्टर से एनएसए की कार्रवाई की अनुशंसा की जा सकती है। कलेक्टर 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक कार्रवाई कर सकेंगे। वहीं पुलिस मुख्यालय ने भी अलर्ट जारी किया है।