
– रेत माफिया के बाद शराब माफिया ने युवा आईएएस की हत्या का किया प्रयास
– सरकार व शासन पर भी भारी है शराब माफिया
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र ऐसा राज्य बन चुका है जहां पर माफिया आईपीएस हो या आईएएस पर भी हमला करने में पीछे नहीं रहते हैं। यह माफिया इतने ताकतवर हैं कि वे सरकार से लेकर शासन तक पर भारी पड़ते हैं। इन माफियाओं का जिन अफसरों पर बरदहस्त है ,उनका विभाग के आला अफसर से लेकर सरकार तक कुछ बिगाड़ना तो दूर तबादला तक नहीं कर पाते हैं। इसका उदाहरण इंदौर संभाग है। इस संभाग के तहत आने वाले झाबुआ व अलीराजपुर ऐसे जिले हैं जो शराब प्रतिबंधित प्रदेश गुजरात की सीमा से सटे हुए हैं। इन दोनों जिलों से हर रोज कई ट्रक अवैध शराब की तस्करी गुजरात में की जाती है। यह धार जिले से सप्लाई की जाती है। इस तस्करी की जानकारी पुलिस से लेकर आबकारी विभाग के अलावा प्रशासन को भी रहती है, लेकिन मजाल है कि कोई उस पर कोई कार्रवाई करे। अगर कोई अफसर कार्रवाई करने की हिम्मत करता भी है ,तो उसे या तो चलता करवा दिया जाता है या फिर उसे अन्य तरह से दबाव में ला लिया जाता है।
इस शराब माफिया के इस वजह से हौसले इतने बुलंद हैं कि बीते रोज उसके द्वारा एक युवा आईएएस अफसर व उसके मातहत तहसीलदार की भी हत्या करने की कोशिश की गई। बीते रोज धार जिले के कुक्षी में पदस्थ एसडीएम युवा आईएएस नवजीत सिंह पंवार और नायब तहसीलदार राजेश भिड़े ने जब एक अवैध शराब से लदे ट्रक का पीछा कर उसे पकड़ने का प्रयास किया तो ट्रक के पीछे चल रही स्कॉर्पियो में बैठे पूर्व विधायक के भांजे और उसके साथियों ने टीम को रोककर उनकी गाड़ी पर पथराव कर दिया। इससे गाड़ी के कांच टूट गए। आरोपियों ने दो हवाई फायर भी किए। इसके बाद आरोपी नायब तहसीलदार को अपनी गाड़ी अगवा कर ले गए। जब पुलिस टीम पीछे लगी तो कुछ दूर ले जाकर उन्हें छोड़कर भाग गए। टीम पर हमला करने वाला मुख्य आरोपी कुक्षी के पूर्व विधायक व वर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष मुकाम सिंह किराड़े का सगा भांजा बताया जा रहा है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल यह पूरा खेल आबकारी विभाग के अफसरों की मिलीभगत से किया जाता है। इन अफसरों का इतना रसूख है कि विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी भी उन्हें हटाने में नाकाम साबित हो रही हैं। इंदौर में पदस्थ कई अफसर तो ऐसे हैं, जिनके रसूख की वजह से बदली हुई सरकारों से लेकर विभाग के बदलते रहने वाले कई मुखिया तक उन्हें हिला तक नहीं सके हैं। इसकी वजह से विभाग के कुछ अधिकारियों ने इंदौर संभाग को अपनी जागीर तक बना रखा है। यह स्थिति बनी हुई है, जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साफ कह चुके हैं कि प्रदेश में हर तरह के माफिया को नेस्तनाबूद कर दिया जाए। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश के बाद आखिर कार्रवाई से क्यों नहीं की जा रही है। यह बड़ा सवाल बना हुआ है। इस मामले में प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी द्वारा 25 मई 2021 को एक नोटसीट भी लिखी जा चुकी है। जिसमें कहा गया है कि आयुक्त इंदौर संभाग के पत्र एवं एसडीएम महू (अभिषेक मिश्रा, आईएएस) की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत है। जिसमें स्पष्ट है। कि मेसर्स ग्रेट गेलियन वेंचर्स लिमिटेड सेजवाया जिला धार द्वारा बिना परमिट के शराब अपनी डिस्टेलरी से बाहर भेजी जा रही है, जिसका प्रमाण डिस्टलरी प्रांगण में दो प्रकार के लेबल, आबकारी अमले की अनुपस्थित में किए जा रहे कार्य तथा बिना परमिट के खड़े ट्रक से होता है। इससे शासन को करोड़ों की एक्सपोर्ट ड्यूटी एवं एक्साइज ड्यूटी का नुकसान परिलक्षित होता है। मेसर्स ग्रेट गेलियन वेंचर्स लिमिटेड के विरूद्ध आबकारी नियमों के अंतर्गत कार्यवाही हेतु आबकारी आयुक्त को निर्देशित किया गया है। उक्त के अतिरिक्त जिला आबकारी अधिकारी धार की संभावित संलिप्तता तथा उपायुक्त आबकारी इंदौर की पर्यवेक्षण में घोर लापरवाही को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित है। संजय तिवारी उपायुक्त आबकारी इंदौर को मुख्यालय और यशवंत धनौरा जिला आबकारी अधिकारी धार को जिला उमरिया पदस्थ किया जाना प्रस्तावित है। एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी आज तक इस नोटिसीट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे आबकारी अफसरों और शराब माफिया का गठजोड़ और मजबूत हो गया है। युवा आईएएस अधिकारी नवजीत सिंह पवार पर हमला व नायब तहसीलदार का अपहरण इसी का परिणाम है। इसी तरह से कुछ सालों पहले मुरैना जिले में एक युवा आईपीएस अफसर की भी रेत माफिया ने कुचलकर हत्या कर दी थी , लेकिन अब भी इस जिले में रेत माफिया पर लगाम नहीं कसी जा सकी है।
यह भी खास
अलीराजपुर व झाबुआ की सीमाएं गुजरात से लगती हैं। इन दोनों ही जिलों में अधिकांश लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, लेकिन फिर भी शराब ठेके बहुत मंहगे होते हैं। इसकी वजह है, ठेकेदारों द्वारा गुजरात में की जाने वाली शराब की तस्करी। गुजरात बार्डर पर लगे झाबुआ के शराब ठेके पूरे प्रदेश में सबसे महंगे होते हैं, जबकि वहां की आबादी काफी कम है इतना ही नहीं उक्त क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की परचेस पावर भी उतनी नहीं है, जितने का ठेका जाता है। यह सारी जानकारी आबकारी महकमे से लेकर सरकार को भी है। इस संभाग में इंदौर से धार, झाबुआ होते हुए गुजरात के दाहौद में अवैध शराब की सप्लाई की जाती है, जिसकी जानकारी सभी को है। यही नहीं इंदौर व धार जिले की डिस्टलरी में बीते साल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग भी छापे मार चुकी है, जिसकी जांच अभी चल रही है।
हर माह कई अरब का अवैध कारोबार
दरअसल इंदौर संभाग में शराब का एक बहुत बड़ा सिंडीकेट है, जिसके माध्यम से अवैध रुप से शराब गुजरात भेजी जाती है। सिंडीकेट में इससे जुड़े विभागों के अफसर, शराब माफिया व कुछ अन्य लोग हैं, जिनका शासन व प्रशासन में बड़ा रसूख है। दरअसल इंदौर ऐस संभाग है, जहां पर डिस्टलरियों से वास्तविक खपत से अधिक शराब ली जा रही है। इसके लिए प्रति पेटी अतिरिक्त राशि भी चुकाई जाती है, यह राशि आबकारी विभाग के एक अधिकारी द्वारा एकत्रित की जाती है। यह राशि कहां जाती है, यह जांच का विषय है। लेकिन इस राशि के कारण ही शराब माफिया खुले आम शराब के ट्रक भरकर गुजरात ले जाते हैं। अतिविश्वसनीय सूत्रों के अनुसार फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर सिंडीकेट के लोग शराब के ठेके लेते हैं और पूरा माल गुजरात भेज देते हैं। सिंडीकेट के अवैध शराब के ट्रक के पीछे एक गाड़ी में शराब माफिया के गुर्गे हथियारों से लैस होकर चलते हैं। इसकी जानकारी अफसरों को है, फिर भी सब चुप हैं, क्योंकि कई लोगों के हित इससे जुड़े रहते हैं। बताया जाता है कि वर्षों से इंदौर संभाग में पदस्थ आबकारी विभाग के अधिकारियों की शराब माफिया की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। इसका उल्लेख प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी की नोटशीट में भी है। देखना यह है कि युवा आईएएस अधिकारी पर हमले के बाद भी आबकारी विभाग के अफसरों और शराब माफिया का गठबंधन जारी रहता है या टूटता है।
शराब की तीन ब्रांड भरे थे
आबकारी विभाग के अनुसार ट्रक में गोवा, लंदन और बॉम्बे ब्रांड की विस्की की पेटियां मिलीं हैं। ट्रक बड़वानी से धार की ओर आया था, इसी बीच पूरा घटनाक्रम हुआ है। एसपी ने बताया कि सर्च के दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी सुखराम निवासी अलीराजपुर के साथी मुकाम पुत्र भादू को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पूर्व मंत्री का आरोप
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह हनी बघेल ने मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने जांच की मांग करते हुए लिखा- आपके शासन में जब प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं तो जनता की सुरक्षा की आशा करना बेमानी ही है। हमले का मुख्य आरोपी सुखराम भाजपा शासन में पूर्व मंत्री का रिश्तेदार है। भाजपा के प्रदेश मंत्री का भी वह रिश्तेदार भी हैं।