सेवा अवधि के आधार पर होगा… शिक्षकों का स्थानांतरण

सेवा अवधि
  • वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष की श्रेणी में मानते हुए  किया जाएगा स्थानांतरित

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।,मप्र में नई ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षक असमंजस में हैं। शिक्षकों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें। भले ही स्कूल शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी घोषित कर दी गई है , लेकिन इससे सभी शिक्षक खुश नहीं हैं। वजह, तबादला नीति के मुताबिक जिन स्कूलों में शिक्षक ज्यादा हैं, वहां भोपाल ट्रांसफर करा लेते हैं। ऐसे में पॉलिसी में सीनियर टीचर को सरप्लस माना जाएगा। पॉलिसी के पैरा 3.2.2 में इसका जिक्र है। इसमें उल्लेख है कि सेवा अवधि के आधार पर वरिष्ठ को अतिशेष की श्रेणी में मानते हुए स्थानांतरित किया जाएगा। इसके पीछे तर्क है कि 3 साल से ज्यादा समय से स्कूल में पदस्थ शिक्षकों का तबादला किया जाएगा। शिक्षकों के संगठनों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि जो शिक्षक स्कूल में बाद में पदस्थ होते हैं, उन्हें अतिशेष माना जाना चाहिए। प्रदेश भर में भोपाल में सबसे ज्यादा सरप्लस टीचर हैं। राजधानी के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में हिंदी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान विषय के शिक्षक अतिशेष में है।
इस शेड्यूल के हिसाब से ट्रांसफर पॉलिसी पर अमल होगा। इसके तहत नए स्कूल शुरू होने, फैकल्टी बढ़ाने शिक्षकों का एडजस्टमेंट कर सेट अप में बदलाव करने की प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी करनी होगी। यह काम आयुक्त करेंगे। एजुकेशन पोर्टल पर शिक्षकों की व्यक्तिगत एवं पोस्टिंग संबंधी जानकारी अपडेट करना 15 जनवरी सीपीआई द्वारा किया जाएगा। यह जिम्मा कार्यालय प्रमुख, प्रिंसिपल, डीडीओ, डीईओ, जेडी यह काम भी सीपीआई संभालेंगे। वास्तविक खाली पदों का निर्धारण 31 जनवरी तक किया जाएगा। डीईओ, जेडी और सीपीआई को यह जिम्मा दिया गया है। एजुकेशन पोर्टल पर खाली पदों का डिस्प्ले करना, यह काम 1 मार्च तक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन 31 मार्च तक लिए जाएंगे।
शैक्षणिक सत्र के बीच में स्थानांतरण नहीं
तबादला नीति के लिए समय सीमा तय है। शैक्षणिक सत्र के बीच में स्थानांतरण नहीं होंगे। तबादला नीति में पूरी प्रक्रिया आॅनलाइन होगी। जिला, संभाग, राज्य स्तर पर पदों की संख्या के आधार पर निश्चित अनुपात में ही ट्रांसफर होंगे। परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षकों को स्थानांतरण में प्राथमिकता रहेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करना अनिवार्य होगा। सरप्लस टीचर्स का ट्रांसफर से पहले एडजस्टमेंट किया जाएगा। राजधानी में लगभग 300 शिक्षक स्कूलों में अधिक संख्या में हैं। इसकी वजह यह है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों और ग्रामीण इलाकों से सिफारिश के आधार पर शिक्षक भोपाल में ट्रांसफर करा लेते हैं। शासकीय शिक्षक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल, शिक्षक कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष सक्सेना, राज्य शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश यादव का कहना है कि सीनियर टीचर्स के बजाय बाद में पदस्थ हुए शिक्षकों को सरप्लस माना जाना चाहिए।

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