सीआईडी का डेढ़ सौ पेज का आदेश और चेक लिस्ट बना परेशानी का सबब

  • गंभीर अपराधों की विवेचना करने वाले अफसरों की बढ़ी मुश्किलें

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सुशासन के लिए सरकार विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। एक तरफ जहां सरकार  पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाती रहती है, वहीं अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रदेश की पुलिस कई तरह के प्रयोग कर रही है। सीआईडी का एक ऐसा ही प्रयोग गंभीर अपराधों की विवेचना करने वाले अफसरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। जानकारी के अनुसार सीआईडी ने गंभीर मामलों के आरोपियों को उनके किये की सजा मिल सके, इसलिए पुख्ता और मजबूत सिस्टम हर जिले में बनाया जा रहा है। गंभीर अपराधों में विवेचना करने वाले अफसरों की सीआईडी के आदेश ने धड़कन बढ़ा दी है। इस आदेश के साथ स्वमूल्यांकन की इतनी लंबी लिस्ट भी जिलों में भेजी गई है कि उसे क्रॉस चेक करने में विवेचक को पसीना आ जाए। हालांकि पुलिस मुख्यालय की सीआईडी की ओर से जारी इस आदेश के पीछे उद्देश्य यह है कि गंभीर मामलों में कोई भी साक्ष्य छूट न पाये और जांच इतनी पुख्ता हो कि आरोपियों को हर हाल में सजा मिल सके।
साक्ष्य संकलन का स्व- मूल्यांकन भी करना होगा
 सीआईडी ने करीब डेढ़ सौ पेज का एक आदेश और चेक लिस्ट भोपाल-इंदौर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के साथ ही सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और रेल पुलिस अधीक्षकों को भेजी है। इस आदेश में कहा गया है कि अनुसंधान के दौरान साक्ष्य संकलन का स्व मूल्यांकन भी करना होगा। इस आदेश विवेचना में कोई महत्वपूर्ण बिंदु छूट न जाए, इसलिए लिए चेक लिस्ट जारी की गई है। सीआईडी के अनुसार जिन मामलों में साक्ष्यों का स्वमूल्यांकन करना होगा उनमें महिला संबंधी अपराधों में दुष्कर्म, अपहरण, दुर्व्यापार, दहेज मृत्यु, आत्महत्या। वहीं लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षक, एनडीपीएस एक्ट, हत्या, आपराधिक मानव वध, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, वहीं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, आबकारी एक्ट, मध्य प्रदेश गौवंश वध प्रतिषेघ अनिनियम, आईटी एक्ट के तहत होने वाले अपराधों के साक्ष्य का क्रॉस चेक किया जाएगा। वहीं साइबर आतंकवाद, अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशन, संरक्षित प्रणाली में नियम विरुद्ध पहुंच प्राप्त करना। इस तरह के चेक लिस्ट 41 मामलों को लेकर सीआईडी ने जिलों में भेजी है। इन सभी मामलों को विवेचना अधिकारी को चेक लिस्ट में अपने द्वारा करने का उद्देश्य यह है कि की गई जांच को जहां क्रॉस चेक किया जाएगा। वहीं पुलिस अधीक्षक या अन्य अफसर भी विवेचना अधिकारी की जांच को इस क्रॉस चेक लिस्ट के जरिए चेक कर सकेंगे।

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