
- कैग द्वारा कई सालों से की जा रही मांग, जताई गहरी नाराजगी
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की अफसरशाही से अब तक तो नेता और आमजन ही परेशान रहते थे, लेकिन अब तो सरकार की संस्थाएं भी परेशान रहने लगी हैं। अफसाशही की मामानी ऐसी है की वे कैग जैसी संस्था के बार-बार मांगने पर भी जानकारी देने को तैयार नहीं होते हैं। दरअसल कैग द्वारा विभिन्न विभागों का लेखाजोखा तैयार किया जा ता है, जिससे विभागों और सरकारों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि पर नजर रखी जाती है।
सूबे के दर्जनों विभाग ऐसे हैं जो कई सालों से कैग द्वारा मांगी जाने वाली जानकारी ही नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से करीब 12 हजार करोड़ रुपए की राशि के खर्च को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारत सरकार के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग को प्रदेश सरकार के ने 31 विभागों द्वारा 12 हजार 259 करोड़ रुपए के हिसाब किताब को लेकर मांगा गया पूरा ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराने पर कैग ने कड़ी आपत्ति जताते हुए गहरी नाराजगी जताई है। कैग की कड़ी आपत्ति के बाद अब वित्त विभाग ने विभागों के वरिष्ठ आईएएस अफसरों को पत्र भेजकर चेतावनी जारी की है। अब इस मामले में राज्य सरकार के विभागों द्वारा जानकारी नहीं देने को कैग ने सीधे तौर पर आॅडिट की गड़बड़ी मानी है। अब इस मामले में राज्य शासन से प्रधान महालेखाकार की हाई पॉवर कमेटी को जवाब देने को कहा गया है। कैग ने लंबित मामलों को लेकर आॅडिट में सख्त आपत्ति जताते हुए पूर्व में लिखे गए कई पत्रों का भी हवाला दिया है। इसके बाद वित्त विभाग से सभी संभागायुक्त और विभाग प्रमुखों को आपत्ति संबंधी पत्र भेजा गया है। इस पत्र में बीते सालों के लंबित मामलों को लेकर भी ऐतराज जताया गया है।
यह पांच विभाग सर्वाधिक लापरवाह
आॅडिट आपत्ति के मुताबिक 5 विभाग सर्वाधिक लापरवाह बने हुए हैं। इन पांचों विभागों को 360 करोड़ रुपए का हिसाब देना है। यह हिसाब वर्ष 2019 से 1 अप्रैल 2022 के बीच का है। इन योजनाओं में आदिम जाति विभाग की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम, राजस्व विभाग की भूमि अधिग्रहण, उद्यानिकी विभाग की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप स्कीम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में डायरेक्ट टू बेनेफिट(डीबीटी) के अलावा जिला पंचायत और जनपद पंचायत भवनों के निर्माण, जल संसाधन विभाग की तवा सिंचाई परियोजना का आधुनिकीकरण है। इनके संबंध में कैग ने जो आपत्ति जताई है, उन क्लॉज पर विभागों ने ऑडिट में जवाब नहीं भेजा है।
विभागों की कमान है इन सीनियर अफसरों के पास
ऑडिट आपत्ति के मुताबिक जिन विभाग प्रमुखों को जवाब देना है। उनमें राज्य सरकार के एसीएस एसएन मिश्रा, जेएन कंसोटिया, अजीत केसरी, मोहम्मद सुलेमान, डॉ. राजेश राजौरा, अशोक शाह, पल्लवी जैन गोविल, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, उमाकांत उमराव, रश्मि अरुण शमी, केसी गुप्ता और सचिन सिन्हा शामिल हैं।