
पूछा जब सभी विधायक हमारे तो आखिर पराजय क्यों हुई
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम।
अपने मजबूत गढ़ों में मिली हार से हतप्रभ भाजपा द्वारा तैयार कराई गई रिपोर्ट आ चुकी है। इसके बाद अब संबधित जिलों के नेताओं से हार की वजहों की कैफियत लेने का काम शुरू कर दिया गया है। इसकी शुरूआत रीवा व नर्मदापुरम संभाग से कर दी गई है। इस मामले को पार्टी ने कितनी गंभीरता से लिया है इससे ही समझा जा सकता है की खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद पार्टी नेताओं की खुद बैठक ले रहे हैं। बैठक के दौरान उनके द्वारा हार की वजहें तो पूछी ही गई साथ ही नेताओं द्वारा शिकायतें किए जाने पर उन्हें काम करने की नसीहतें भी दी गईं। यही नहीं मुख्यमंत्री द्वार सीधे ही पूछ लिया गया की जब दोनों जिलों में हमारे सभी विधायक हैं तो आखिर हार की वजह क्या है।
इसके बाद तो बैठक में मौजूद अधिकांश नेताओं को बगलें झांकने पर मजबूर हो जाना पड़ा। सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसकी शुरूआत रीवा और नर्मदापुरम जिले से की है। बैठक में इन जिलों के विधायक, जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी को बुलाया गया था। बैठक में रीवा जिले से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, विधायक पंचूलाल प्रजापति, दिव्यराज सिंह, केपी त्रिपाठी, प्रदीप पटेल, श्यामलाल द्विवेदी उपस्थित थे। नागेन्द्र सिंह व्यस्तता के कारण बैठक में उपस्थित नहीं हुए। रीवा जिले के भाजपा विधायकों ने हाल-फिलहाल एक-एक कर सत्ता और संगठन के सामने कई चुनौतियां पेश की हैं। विधायकों से स्पष्ट रूप से जमीनी स्थिति बताकर हिदायतें दी गई। रीवा में सभी आठ विधायक भाजपा के होने के बाद भी मेयर का चुनाव हारने पर उनको फटकार लगाई गई।
वहीं नर्मदापुरम में चारों सीट भाजपा के पास होने पर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पार्टी एक वोट से हार गई थी। विधायकों को विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ताकत के साथ जुटने के लिए कहा गया है। प्रत्येक जिले पर एक-एक घंटा चर्चा हुई। वीडी शर्मा ने चुनाव हारने वाले पोलिंग बूथ मजबूत करने को कहा है।
ऐसा काम करें कि शिकायतें नहीं आएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा जिले के भाजपा विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि विधानसभा का चुनाव होने में वक्त कम बचा है, इसलिए आपस में विवाद नहीं करें। ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे पार्टी के अंदर घमासान मचने जैसी शिकायतें आएं। रीवा में नगरीय निकाय चुनाव में महापौर समेत कई स्थानों पर मिली कांग्रेस को जीत के बाद भाजपा के माथे पर बल आ गया है। ऊपर से भाजपा विधायकों की ओर से कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित की जा रही है। इसी से चिंतित होकर सीएम ने सभी को एक साथ तलब किया था। सीएम ने शांत भाव से उन्हें समझाया कि आपस में मेल-जोल बढ़ाएं। विधायक और पार्टी के पदाधिकारी कार्यकतार्ओं के घर जाएं, उनके साथ लंच और डिनर (दोपहर रात्रि भोज) करें।
इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा। कार्यकर्ताओं की पूछपरख जरूरी है। चुनाव के लिए भी वक्त कम बचा है, इसलिए ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे शिकायतें मेरे तक पहुंचे। कोई ऐसा भी काम नहीं करें, जिससे जबरन बखेड़ा खड़ा हो जाए और इससे पार्टी को बदनामी झेलना पड़ जाए। मुख्यमंत्री ने विधायकों से विकास के अधूरे कार्यों को पूरा करने में आ रही कठिनाइयों के बारे में भी चर्चा की और कहा कि जल्द से जल्द कार्यों को पूरा कराया जाए। चौहान ने कहा कि एक होकर विकास के कार्य करें।
संघ की रिपोर्ट का दिया हवाला
मुख्यमंत्री निवास में बुलाए गए दोनों जिले के विधायकों से वन टू वन चर्चा में संघ की रिपोर्ट के आधार पर उनकी कमजोरी बताकर उनमें सुधार करने की नसीहत भी दी गई। विधायकों से कहा गया की अभी समय है, ऐसे में सभी को ज्यादा से ज्यादा समय अपने क्षेत्रों में देना होगा, साथ ही प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को मिले, ये तय कराना होगा। उन्हें बताया गया कि वे विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से संपर्क करें और उन्हें साथ लेकर दूसरों से मिलें, जिसका प्रतिकूल प्रभाव पड़े और पार्टी को इसका लाभ मिल सके। विशेषकर जनता से संवाद बढ़ाएं और लोगों की समस्याओं को तत्काल दूर कराएं। विधायकों को बताया गया कि उनके घटते प्रभाव के कारण ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इनसे पूछा गया कि आने वाले समय में ऐसे कौन से फैक्टर है, जो पार्टी की जीत के लिए अहम होंगे।
विधायकों ने बताई किसानों की परेशानियां
बैठक में विधायकों ने कहा कि अतिवृष्टि और बिजली न मिलने से किसान परेशान है। कहीं ज्यादा तो कहीं बहुत कम बारिश हुई है। बारिश के कारण बिजली के ट्रांसफार्मर जल गए है। धान की फसल खेतों में सूख गई है। सीएम ने कहा कि नुकसानी का सर्वे और ट्रांसफार्मर बदलने के काम प्राथमिकता से पूरे किए जाएंगे। इस दौरान रीवा जिले के सभी विधायकों ने रीवा जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की और कहा कि इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। विधायकों ने कहा वर्षा कम होने से खरीफ की बोनी ही नहीं हुई और कुछ क्षेत्रों में पीने के पानी की भी समस्या हो रही है।