क्या राहुल व प्रियंका की भारत जोड़ो यात्रा से सधेगा मध्यप्रदेश

राहुल व प्रियंका
  • आदिवासी इलाकों में माहौल बनाएगी कांग्रेस

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम में बढ़त मिलने के बाद से ही कांग्रेस उत्साहित है। इसके बाद से ही पार्टी ने अब विधानसभा चुनाव 2023 पर फोकस करना शुरू कर दिया है। 7 सितंबर से शुरू हो रही पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को प्रदेश के ऐसे इलाकों से निकाला जाएगा, जहां पार्टी कमजोर स्थिति में है। खास बात यह है की इस यात्रा में दो दिन तक प्रियंका गांधी भी शामिल रहेंगी।
    प्रदेश कांग्रेस की टीम इस यात्रा को आदिवासी इलाकों से निकालने का प्रोग्राम बना रही है। इसमें खासतौर से मालवा और निमाड़ पर फोकस किया है। पार्टी की कोशिश है कि राहुल गांधी के चेहरे को आदिवासी क्षेत्रों में पहुंचा कर आदिवासी वोटरों को रिझाया जाए। प्रियंका गांधी भी एमपी के मालवा में दो दिन तक रहेंगी। मप्र की सत्ता का रास्ता मालवा से होकर जाता है। जो मालवा का फतह कर लेता है उसकी प्रदेश में सरकार बनती है। यही वजह कि मालवा निमाड़ की 66 सीटों पर एक बार फिर जोर आजमाइश होने वाली है।
    गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी और दलित वोटरों को रिझाने की कोशिश तेज हो गई है। कांग्रेस ने अपने परंपरागत वोट बैंक को मजबूत बनाने के लिए राहुल गांधी को आगे रखने की तैयारी कर ली है। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश के जिन क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, उनमें आदिवासी क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया गया है। इसमें बुरहानपुर, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन और धार जिले के आदिवासी क्षेत्रों को शामिल किया गया है। नाम न छापने के अनुरोध पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा बुरहानपुर से प्रदेश में प्रवेश  करेगी। राहुल करीब 16 दिन प्रदेश में रहेंगे। इस दौरान उनकी यात्रा मालवा निमाड़ होकर गुजरेगी।  राहुल उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के भी दर्शन करेंगे।
    परंपरागत वोट बैंक को मजबूत करेगी कांग्रेस
    भाजपा ने पिछले कुछ वर्षों में आदिवासी समुदायों के अलग-अलग ग्रुप खड़े कर इनके वोटों को बांट दिया है। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनावों में देखा गया कि आदिवासी समुदाय का कांग्रेस के प्रति रुझान फिर बढ़ा है। इसलिए कांग्रेस राहुल गांधी की यात्रा को इन क्षेत्रों से  निकालने का प्लान तैयार कर रही है। राहुल की इस यात्रा से कांग्रेस पार्टी फिर से अपनी जड़ों की तरफ लौटेगी और परंपरागत वोटबैंक को मजबूत करेगी। आज पूरे देश में सबसे झ्यादा आदिवासी मध्यप्रदेश में है। इसमें भी सबसे झ्यादा भील और गोंड जाति के लोग प्रदेश में हैं। भील सबसे झ्यादा पश्चिमी मध्यप्रदेश में हैं, जहां से होकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा गुजरेगी। राज्य में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में आदिवासी दिवस भी घोषित किया था। इसके अलावा आदिवासी ब्लॉक के लिए अलग से पैसे भी जारी किए थे।  तब से ही कांग्रेस की इन समुदायों के बीच अच्छी पकड़ हैं। इसलिए पार्टी फिर अपने वोटबैंक को ओर मजबूत करने का प्रयास करेगी जिसका फायदा उन्हें आगामी चुनाव में हासिल हो सके।  भाजपा की मलावा-निमाड़ में अच्छी पकड़ है। पार्टी यहां समय-समय पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर अपना वोटबैंक भी मजबूत करती रहती है। लेकिन हाल ही में जिस तरह से स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव के परिणाम आए उनमें कांग्रेस को अच्छी बढ़त मिली है। यहां कांग्रेस पार्टी का वोटर एकजुट है और लगातार बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है। इसलिए राहुल गांधी की यात्रा भी ऐसे इलाकों से निकाली जा रही है, जहां उन्हें अच्छा जनसमर्थन मिल सके। भाजपा की कोशिश है कि इस वोट बैंक को बांटा जाए जबकि कांग्रेस की कोशिश है कि इसे रोका जाए और अपनी तरफ खींचा जाए।
    16 दिन में  साधेंगे 25 विस क्षेत्रों को
    कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नवंबर-दिसंबर में 16 दिन मध्य प्रदेश में रहेंगे।  इस दरमियान वे पदयात्रा कर छह जिलों के करीब 25 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेंगे। वे प्रदेश में पदयात्रा कर करीब 82 किलोमीटर की दूरी नापेंगे। राहुल गांधी उज्जैन में महाकाल के दर्शन के बाद बड़ी सभा को संबोधित करेंगे।  प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार भारत जोड़ो यात्रा 24 नवंबर को बुरहानपुर के रास्ते प्रदेश में प्रवेश करेगी। यहां की दोनों सीटों (नेपानगर और बुरहानपुर) से होते हुए यात्रा खंडवा खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा के सुसनेर विधानसभा से होते हुए 10 दिसंबर के आसपास राजस्थान के कोटा में प्रवेश करेगी। पूर्व मंत्री व विधायक पीसी शर्मा को मप्र में भारत जोड़ो यात्रा का समन्वयक नियुक्त किया गया है। पार्टी नेताओं का मानना है कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी की यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
    कांग्रेस के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी जुटेंगे
    सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी की मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सभी वरिष्ठ पदाधिकारी जुटेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, अरुण यादव, सुरेश पचौरी, अजय सिंह सहित सभी विधायक, प्रदेश पदाधिकारी यात्रा में शामिल होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पूरे समय यात्रा के साथ रहेंगे। उज्जैन की सभा की तैयारियों के लिए जिम्मेदारियां तय की जा रही हैं। मप्र में यात्रा के समन्वयक पीसी शर्मा ने बताया कि यात्रा के दौरान जनसंवाद होगा राहुल गांधी महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता सहित अन्य मुद्दों पर सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान पार्टी प्रदेशभर में यात्रा से जुड़े मुद्दों को लेकर घर-घर पर्चे बांटेगी। इसमें सभी जिला, ब्लॉक इकाइयों के साथ विभिन्न सहयोगी संगठन प्रभावी भूमिका निभाएंगे। इसकी कार्ययोजना तैयार की
    जा रही है।
    100 सीटों पर आदिवासी निर्णायक भूमिका में
    मप्र के 20 जिलों में कुल 89 विकासखंड आदिवासी क्षेत्रों में आते हैं। प्रदेश की लगभग 100 सीटों पर आदिवासी वोटर निर्णायक भूमिका में होते हैं। यही वजह है कि आदिवासियों को साधने की कोशिश में सियासी दल हैं। कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे और उनकी यात्रा के सहारे आदिवासियों को रिझाने की कोशिश में है, तो भाजपा पेसा एक्ट लागू कर आदिवासियों को खुश करने का प्लान बना रही है। प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाके में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 84 में से 4 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, 2013 में इस इलाके में 59 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। 2018 में पार्टी को 25 सीटों पर नुकसान हुआ है। वहीं, जिन सीटों पर आदिवासी उम्मीदवार जीत और हार तय करते हैं, वहां भाजपा को सिर्फ 16 सीटों पर ही जीत मिली थी, जो 2013 की तुलना में 18 सीटें कम है।

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