
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए लगातार रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन इन मेलों से कितने उच्च शिक्षित युवाओं को रोजगार मिला है, यह न तो उच्च शिक्षा विभाग को पता है और न ही विश्वविद्यालयों को।
यह हाल तब हैं जबकि प्रदेश में हर माह 2 लाख युवाओं को स्वरोजगार और एक लाख को रोजगार देने के लिए चार विभागों द्वारा संयुक्त रुप से अभियान चलाया जा रहा है। इनमें से सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यम विभाग का दावा है उसके द्वारा लगभग 13.65 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए कर्ज दिया गया है। इसी तरह से रोजगार विभाग का दावा है की वह हर महिने रोजगार मेले लगाकर करीब एक लाख युवाओं को रोजगार प्रदान कर रहा है। इसके बाद भी प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग और तमाम विश्वविद्यालय प्लेसमेंट कराने में असफल बने हुए हैं। हाल यह है कि बीते दो साल में प्रदेश के 528 कॉलेज और यूनिवर्सिटी को यह नहीं ं पता है की उनके यहां से कितने छात्रों को रोजगार के लिए प्लेसमेंट मिला है।
दो सकैड़ा महाविद्यालयों ने यह जरुर बताया की उनके यहां के स्टूडेंट्स के लिए करीब 2.4 लाख मेले व कार्यशालाएं आयोजित की गई। इन आयोजनों के बाद कितनों को रोजगार मिला यह उन्हें पता ही नहीं है। इसकी वजह से इस तरह के आयोजनों पर ही गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसमें भी खास बात यह है की इसके लिए कॉलेजों में अलग से सेल तक बनी हुई है। हद तो यह है की रोजगार के लिए जो नई योजना बनाई गई है उसका प्रारुप भी 4 विभागों के बीच अटका हुआ है। इस नए प्लान में हर महीने कालेजों और यूनिवर्सिटी में भी प्लेसमेंट कराने का काम करना है। बताया जा रहा है की युवा मामलों के विभाग द्वारा अब तक ड्राफ्ट को अंतिम रुप नहीं दिया गया है जिसकी वजह से उच्च शिक्ष विभाग भी इस मामले में आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
कागजों तक ही सीमित
200 कॉलेजों की तरफ से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक बीते दो साल में 1.45 लाख स्वरोजगार, कौशल मेले लगाने के साथ 59 हजार कार्यशालाएं भी आयोजित की गई हैं। सेल्फ एम्प्लॉयमेंट और प्लेसमेंट को लेकर मामला अटका है। जबकि इस काम के लिए करियर गाइडेंस सेल भी बनाई गई है। इसी की निगरानी में हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में प्लेसमेंट सेल बनानी थी। यह सेल तो बन गई, लेकिन इनमें प्लेसमेंट का काम आगे ही नहीं बढ़ पा रहा है। जबकि सीएम की घोषणा अनुसार सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट को अब हर महीने जॉब्स और प्लेसमेंट के प्रयास करने हैं। उधर, हर माह रोजगार दिवस अभियान के तहत एमएसएमई विभाग द्वारा प्रदेशभर में मलों का आयोजन किया जा रहा है। विभाग का दावा है कि नवंबर 2021 से जुलाई 2022 तक सभी 52 जिलों में 200 से अधिक कैंप लगाकर 13 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए 12 स्कीम के तहत 7.69 करोड़ का कर्ज दिया गया है, जिसके माध्यम से अब तक 13 लाख युवाओं को स्वरोजगार मिल चुका है।
रोजगार विभाग भी असफल
सरकार द्वारा रोजगार विभाग को हर जिले में रोजगार मेले लगाकर युवाओं को हर महिने में एक लाख रोजगार दिलाने का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन यह विभाग सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में असफल साबित हो रहा है। हालात यह हैं कि विभाग हर महीने में महज 8 से 10 जिलों में ही मेले लगा पा रहा है, जिसकी वजह से लक्ष्य की पूर्ति ही नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से एक साल में 1 लाख युवाओं को भी रोजगार नहीं मिल सका है। उल्लेखनीय है की 33 लाख बेरोजगारों ने रोजगार के लिए अपना पंजीयन कराया हुआ है।