अपनों को लाभ दिलाने ई-टेंडर में घालमेल

ई-टेंडर
  • बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ की मनमानी

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सफेद दूध का कारोबार करने वाले प्रदेशभर के दुग्ध संघों में काला कारोबार चरम पर है। ताजा मामला है  बुन्देलखंड सहकारी दुग्ध संघ का।  संघ के रसूखदारों ने अपनों का लाभ पहुंचाने के लिए दूध एवं दुग्ध पदार्थ विक्रय एवं वितरण कार्य के लिए निकाले गए ई-टेंडर में ऐसा खेल खेला है जिससे टेंडर डालने वाले लोग परेशान हो उठे हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें।
जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ में सांची दुग्ध वितरकों को सांची दूध एवं दुग्ध पदार्थ विक्रय एवं वितरण कार्य करने तीसरा ई-टेंडर निरस्त होने के बाद संघ ने जब चौथी बार ई-टेंडर जारी किया तो उसमें अलग-अलग जिलों के लिए रेट भरने कोई ऑप्शन ही नहीं खोला है। जबकि ई-टेंडर में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि चौथी अल्प कालीन ई-टेंडर में जिलावार पृथक-पृथक व संघ के कार्यक्षेत्र के समस्त जिलों के लिए सुपर स्टॉकिस्ट सह परिवहनकर्ता नियुक्ति के लिए जारी किया गया है लेकिन जारी ई-टेंडर पर गौर करें तो दुग्ध संघ के द्वारा जिलों के अलग-अलग रेट भरने कोई ऑप्शन ही नहीं दिया गया है।
रेट का एक ही ऑप्शन
जानकारी के अनुसार ई टेंडर के प्रपत्र तीन के क्रमांक 8 में उक्त टेंडर को लेकर जो जानकारी अंकित की गई है, उसमें जिला अथवा संघ के संपूर्ण दुग्ध संघ के लिए ऑप्शन तो खोला गया है लेकिन अब जब बात रेट भरने की आती है तो टेंडर में सिर्फ रेट का एक ही ऑप्शन दिया गया है। ऐसे में टेंडर भरने वाला या तो संपूर्ण संघ क्षेत्र के लिए आवेदन कर पाएगा या फिर एक जिले के लिए ही आवेदन कर सकेगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि दुग्ध संघ के विपणन शाखा की मिलीभगत से कहीं अपनों को लाभ दिलाने यह सब खेल तो नहीं खेला जा रहा है। हालांकि आज नहीं तो कल यह रहस्य भी उजागर हो जाएगा, लेकिन अभी संघ द्वारा जारी चतुर्थ ई-टेंडर में बरती जा रही लापरवाही की शिकायतें संघ सीईओ और उनके आला अधिकारियों तक लिखित और मेल के माध्यम से पहुंच गई हैं। अब देखना है कि चतुर्थ टेंडर में बरती जा रही इस तरह की लापरवाही को लेकर अधिकारी क्या रुख अपनाते हैं।
दुग्ध संघ के अधिकारी बोलने को तैयार नहीं
चतुर्थ ई-टेंडर खोले जाने के लिए संघ ने 10 अगस्त का दिन निर्धारित किया है। लेकिन विभाग के द्वारा लगातार बरती जा रही इस तरह की लापरवाहियों को लेकर अधिकारी भी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। दरअसल संघ द्वारा जारी चतुर्थ ई टेंडर में प्रपत्र तीन के सारणी के क्रमांक ए जिसके विवरण में सुपर स्टॉकिस्ट मार्जन दूध प्रति लीटर जिसकी दरों को लेकर एक ही कॉलम दिया गया है। जिसमें कहीं भी यह अंकित नहीं किया गया कि टेंडर को लेकर निविदाकर्ता किस जिले के लिए कितने रुपए प्रति लीटर की राशि भर रहा है। उसके लिए सिर्फ एक ही आॅप्शन खुला है। वह या तो पूरे संघ क्षेत्र के पूरे जिले अथवा एक ही जिले का ही रेट भर सकता है। अगर उसे 2 या उसे अधिक जिले के लिए कार्य करना है तो उसकी दरे भरने के टेंडर में कोई कालम नहीं दिया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि कहीं बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ अपनों को उपकृत करने यह सब तो नही कर रहा ? लेकिन इतना तय है कि दुग्ध संघ का ई-टेंडर खुलने के पहले अब विवादों के घेरे में आ गया है।

Related Articles