
- पहले से ही पूरी तरह से प्रशिक्षित होकर निकलेंगे विद्यार्थी
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के विद्यार्थियों के साथ ही औद्योगिक संस्थानों के लिए एक बेहद अच्छी खबर आयी है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआईटीटीटीआर) संस्थान भोपाल से। यहां पर अध्ययनरत छात्र और छात्राएं अब पूरी तरह से प्रशिक्षित होकर बाहर निकलेंग, जिसकी वजह से छात्रों को न तो नौकरी में जाने के बाद प्रशिक्षण लेना होगा और न ही नियोक्ता को उन्हें ट्रेनिंग कराने की जरुरत रहेगी। इसकी वजह है एनआईटीटीटीआर द्वारा अपने परिसर में सेंटर आॅफ एक्सीलेंस इन डिजिटाइजेशन एंड इंडस्ट्री 4.0 (सीओई) का बनाया जाना। इसे नॉलेज सेंटर, इंडस्ट्री प्रोजेक्ट के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, इंडस्ट्री इंटरेक्शन के लिए हब और ट्रेनिंग, मेंटरिंग के साथ इन्क्यूबेशन सेंटर के तौर पर विकसित किया गया है। यह सब संभव हुआ है केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिया गया 17.9 करोड़ रुपए के फंड की वजह से। खास बात यह है की इसके संचालन के लिए इंडस्ट्री पार्टनर भी बनाया गया है। जिसकी मदद से एनआईटीटीटीआर ने 11 स्पेशलाइज्ड लैब बनाई हैं। इन लैब में उन सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की वर्क स्टेशन तैयार की गई हैं, जिनका उपयोग इंडस्ट्रीज करती हैं। इसे इसी सत्र से शुरू करने की तैयारी है। इस सेंटर में फिलहाल 11 तरह की लैब तैयार की गई हैं। इनमें प्रोडक्ट डिजाइन एंड वैलिडेशन लैब मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस डिजिटाइजेशन लैब , एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग लैब, सिम्युलेशन, ऑप्टिमाइजेशन एंड टेस्ट लैब इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) लैब सीएनसी कंट्रोलर लैब, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन लैब, रोबोटिक्स लैब , मेकाट्रॉनिक्स लैब , इलेक्ट्रिकल एंड एनर्जी स्टडीज लैब और प्रोसेस इंस्ट्रूमेंटेशन लैब शामिल है। खास बात यह है की इसके लिए सिर्फ भोपाल का ही चयन किया गया है।
दो सप्ताह से लेकर एक साल तक के कोर्स
इस संस्थान में दो सप्ताह से लेकर एक साल तक के बेसिक और एडवांस कोर्स शुरू किए गए हैं। इनमें सर्टीफिकेट, एडवांस सर्टीफिकेट व प्रोजेक्ट डिजर्टेशन वर्क संबंधी कोर्स शामिल हैं। जिनकी फीस महज 6 से 15 हजार रुपए फीस है। इन सभी कोर्स को टाइम फ्रेम के हिसाब से तैयार किया गया है। इन कोर्स के दौरान स्टूडेंट्स रियल लाइफ इंजीनियरिंग प्रॉब्लम्स पर काम कर सकेंगे। जिससे उन्हें डिजिटल टेलेंट नेक्स्ट जनरेशन व अप स्किलिंग वर्कफोर्स के तौर पर डेवलप किया जाएगा। ताकि स्टूडेंट्स इंडस्ट्री में जाकर सीधे काम शुरू कर सकें। सेंटर के लिए सीमेंस, थ्रीडी इंजीनियरिंग को 3 साल के लिए इंडस्ट्री पार्टनर बनाया गया है। उनके विशेषज्ञ प्रशिक्षण देने का काम करेंगे।
किसे मिलेगा प्रवेश
इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स बीई, बीटेक, एमई, एमटेक डिग्री होल्डर, डिप्लोमा, आईटीआई और पीएचडी, रिसर्च स्कॉलर्स, प्रोजेक्ट एसोसिएट्स इस सेंटर में एडमिशन ले सकेंगे। इनके अलावा टेक्निकल इंस्टीट्यूट के टीचर्स के साथ ही इंडस्ट्री में काम करने वाले यहां से ट्रेंड होने के बाद विभिन्न इंडस्ट्रीज में प्रोजेक्ट इंजीनियर, इंजीनियर टेक्निकल सर्विस, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, आईओटी डेवलपर, रोबोटिक्स इंजीनियर, कंप्यूटर एडिड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्रामर, जिम सेंटर डेवलपर, ऑटोमेशन इंजीनियर, पीएलसी प्रोग्राम जैसे पदों पर जॉब पा सकते हैं।