प्रदेश के स्व-सहायता समूहों को मिलेगा 200 करोड़ का तोहफा

स्व-सहायता समूहों
  • महिलाओं, समूह सहित बच्चों को तोहफा देंगे सीएम शिवराज

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।  रक्षाबंधन के मौके पर महिलाओं , स्व सहायता समूह सहित बच्चों को बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आज अपरान्ह 300 महिलाओं को आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री एक तरफ जहां इन से सीधे संवाद करेंगे। वहीं समूह को 200 करोड़ का बैंक ऋण भी वितरित करेंगे। वहीं मुख्यमंत्री कोविड 19 बाल सेवा योजना के हितग्राहियों से सीधा संवाद करेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश के 250 बच्चे शामिल होंगे। इसके अलावा उन संस्थाओं से भी बच्चों को आमंत्रित किया गया है, जो इनकी देखभाल करती है। बता दें कि सीएम शिवराज एक तरफ जहां इनसे सीधा संवाद करेंगे। वहीं दूसरी तरफ इन्हें उपहार भी वितरित करेंगे।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्व सहायता समूह से जुड़ने  के काम वर्षों पहले से जारी है। प्रदेश के 45000 ग्रामों में लगभग 38400 स्व सहायता समूह का गठन किया गया है। जिनमें संस्था में समूह की महिलाएं कार्यरत है। वही इन समूहों को शासन स्तर पर कई तरह के रोजगार और संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। जिसका उपयोग इन महिलाओं द्वारा स्वयं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए किया जाता है। वहीं अब राज्य आजीविका मिशन के तहत निर्धन महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा सहित आर्थिक सशक्तिकरण से जोड़ा गया है। इन संस्थाओं में लगभग 43 लाख परिवार जुड़े हुए। जिसमें 16 लाख से ज्यादा परिवार कृषि क्षेत्र के, वही 7 लाख परिवार को अन्य क्षेत्रों से जोड़ा गया है। इतना ही नहीं सरकार द्वारा पर्याप्त बैंक ऋण दिलवाने की व्यवस्था की जाती है। साथ ही समूह के उत्पादों के क्रय विक्रय के लिए भी सरकार द्वारा पोर्टल तैयार किया गया है। समूह की महिलाएं इन पोर्टल पर अपने तैयार किए गए उत्पादों का विक्रय करती है और उससे आर्थिक लाभ लेती हैं। बता दें कि राज्य शासन द्वारा समूह की महिलाओं को अपने स्तर से भी कई तरह के कार्यों में शामिल किया जाता है। वहीं हर घर तिरंगा योजना के तहत उन्हें तिरंगा बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके साथ ही स्कूल गणवेश बनाने का कार्य भी स्व सहायता समूह की महिलाओं को सौंपा जाता है।
पंचायतों में स्व-सहायता समूहों की बड़ी भागीदारी
पंचायत निर्वाचन में इन स्व-सहायता समूहों के लगभग 17 हजार सदस्य पंच, सरपंच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य पदों पर निर्वाचित हुए है। इनमें 1907 सरपंच, 429 उप सरपंच, 46 जिला पंचायत सदस्य 381 जनपद सदस्य और 14 हजार 378 पंच बने हैं। पंचायत राज संस्थाओं में स्व सहायता समूहों की इतनी बड़ी भागीदारी पहली बार देखने को मिली है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को निर्धन महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ कर उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है। प्रदेश के 45 हजार कामो में 3 लाख 64 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन समूहों से लगभग 43 लाख परिवार जुड़े है। इनमें से 16 लाख 19 हजार परिवारों को कृषि तथा लाख 19 हजार परिवारों को अन्य गतिविधियों से जोड़ा गया है। राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों को पर्याप्त बैंक ऋण दिलवाने की व्यवस्था भी की है। समूहों के उत्पादों के क्रय विक्रय के लिए आजीविका मार्ट पोर्टल बनाया गया है। इस पर समूहों के लगभग 6 हजार 700 उत्पाद अपलोड किए जा चुके हैं। पोर्टल से अब तक लगभग 500 करोड़ रुपए का व्यवसाय समूह की महिलाओं ने किया है। समूह सदस्य बहनों ने हर घर तिरंगा अभियान में लगभग 63 लाख तिरंगे तैयार किए हैं। स्कूल गणवेश तैयार करने का कार्य भी स्व-सहायता समूह कर रहे है।

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