जनपदों में बाद… आज जिला पंचायत अध्यक्षों पर कब्जा जमाएगी भाजपा!

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  • 51 जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए शुरू हुआ घमासान

भोपा/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में जनपद पंचायतों के अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने एकतरफा बहुमत हासिल करने के बाद आज 51 जिला पंचायत अध्यक्षों की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। वहीं कांग्रेस भी अधिक से अधिक जिला पंचायत अध्यक्षों के पद जीतने की कवायद में जुट गई है। आज शाम तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में किसको बहुमत मिलता है।
गौरतलब है कि 313 जनपद पंचायतों में जिन 312 में चुनाव हुए हैं उनमें से 226 पर भाजपा समर्थक अध्यक्ष बने  हैं। वहीं कांग्रेस समर्थक अध्यक्ष 64 और अन्य व निर्दलीय अध्यक्ष 22 बने हैं। इस तरह जनपदों में भाजपा को एकतरफा बहुमत मिला है। हालांकि कांग्रेस 167 पद जीतने का दावा कर रही है। अब दोनों पार्टियों का पूरा फोकस जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर है। इसकी प्रक्रिया आज पूरे प्रदेश में चल रही है।
राजधानी में कांग्रेस में फूट की संभावना
भोपाल जिला पंचायत के दस वार्ड में भाजपा समर्थित दो सदस्य ही सदस्य जीत कर आये हैं, वहीं कांग्रेस अपने सात समर्थित होने का दावा कर रही है। एक सदस्य स्वतंत्र है। सदस्य संख्या को देखें तो कांग्रेस का पलड़ा भारी  नजर आ रहा है। लेकिन हकीकत में सदस्य किस पाले में जाते हैं, यह वोटिंग के बाद ही साफ हो सकेगा। इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित है। जिला पंचायत में कांग्रेस मजबूती के साथ सामने आई है। उसके साम समर्थक जीत कर आए हैं। हालांकि अध्यक्ष पद के लिए तीन दावेदारों के सामने आने के बाद कांग्रेस में ही फूट पड़ गई थी, जो अब साफ नजर आने लगी है। दावेदारों में वार्ड छह से कांग्रेस नेता नौरंग गुर्जर की पत्नी रामकुंवर गुर्जर जीती हैं।  उन्होंने  चुनाव जीतते ही अध्यक्ष पद पर दावेदारी कर दी थी।  इसके बाद विजया विनोद राजौरिया  भी  अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रही हैं। तीसरी हैं रश्मि अवनीश भार्गव । वे वार्ड 10 से विजयी हुई हैं। चुनाव में चार सदस्यों की भूमिका अहम मानी जा रही है। इसमें विजया राजौरिया, रामकुंवर गुर्जर और चंद्रेश राजपूत  कांग्रेस समर्थित हैं। एक अन्य सदस्य मोहन जाट निर्दलीय हैं।  रामकुंवर गुर्जर और विजया राजौरिया ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करते हुए  बड़े नेताओं के समक्ष भी अपनी मंशा जाहिर कर दी थी। हालांकि सूत्रों की माने तो अंतिम समय में दोनों ही दावेदारी दूर हो गये हैं। यह संकेत भी कांग्रेस को परेशान कर रहा है। अब यह कांग्रेस के साथ रहते हैं या भाजपा की समर्थन देते हैं, यह मतदान के बाद साफ हो जाएगा। भाजपा के पास जिला पंचायत में सिर्फ दो सदस्य ही हैं। इसके बाद भी  भाजपा नेता छह सदस्यों के होने का दावा कर रहे हैं। भाजपा की तरफ से वार्ड 2 से  देवकुंवर अनिल हाडा चुनाव जीती हैं।  वे बड़े अंतर से  जीत कर आयाी हैं। वे अध्यक्ष पद की दावेदारी बनी हुई हैं। भाजपा कांग्रेस समर्थित सदस्यों को साधने में लगी हुई है।
भोपाल में खिंचतान
भोपाल जिले में इस बार जिला पंचायत की कुर्सी पर किसका कब्जा होगा यह तो आज साफ हो जाएगा। लेकिन इस बार कम सदस्य होने के बाद भी भाजपा हार मानने को तैयार नहीं है संख्या बल और कांग्रेस अधिक बल के बाद भी बैचेन नजर आ रही है। कारण है कि कुर्सी पर कब्जे को लेकर खेल भी शुरू हो गया है। इसे लेकर कांग्रेस के जिला ग्रामीण अध्यक्ष ने कलेक्टर अविनाश लवानिया को शिकायत की है। जिसमें कांग्रेस नेताओं व सदस्यों को परेशान करने का आरोप लगाया गया शिकायती ज्ञापन में जिलाध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि सदस्यों पर दबाव बनाने के लिए हर हथकंडा अपनाया जा रहा है। इसके लिए पूर्व जिपं अध्यक्ष मनमोहन नागर के डंपर जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं उनके बेटों को खनिज विभाग ने 13 लाख का नोटिस थमा दिया, जबकि जिस खदान के लिए नोटिस जारी किया गया है, उसका पजेशन अभी तक नागर ने नहीं लिया है। कांग्रेस नेता अवनीश भार्गव के घर को अतिक्रमण की जद बताकर नप्ती कराई जा रही है। घर के बाहर लगी फेंसिंग उखाड़ दी गई। एक सदस्य को खिलचीपुर से उठा लिया गया है। ऐसे में साफ है कि चुनाव सदस्य नहीं शासन-प्रशासन लड़ रहा है।
52 में से 51  जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चुनाव
प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव चल रहे हैं। 52 जिलों में से 51 जिलों में अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है। सीधी जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव फिलहाल नहीं होगा, क्योंकि इनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। अपने-अपने समर्थकों को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए दोनों ही पार्टियों में जोड़तोड़ का जमकमर  खेल चल रहा है। जिपं अध्यक्ष चुनाव को लेकर कांग्रेस-भाजपा में तनातनी भी दिख रही है। विदिशा में जिला पंचायत के चुनाव में सदस्यों की जीत  के बाद भाजपा के अज्ञातवास पर गए 9 सदस्य वापस आ गए हैं, जो आज अध्यक्ष पद के लिए मतदान करेंगे। वहीं भाजपा अब कांग्रेस के भी एक सदस्य का समर्थन मिलने का दावा कर रही है। यहां 19 में से 9 सदस्य कांग्रेस समर्थित हैं। दो दिन पहले भाजपा के पर्यवेक्षक पंकज जोशी भी विदिशा आए थे। जिन्होंने भाजपा नेताओं के साथ शेरपुरा स्थित सीएम हाउस में बैठक ली थी और जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम तय कर संगठन को भेजा था। वहीं सीहोर में जिपं अध्यक्ष को लेकर भोपाल में जमकर बवाल हुआ। गुरुवार को सीहोर के जिला पंचायत सदस्यों को भोपाल की खजूरी पुलिस उठाकर थाने ले आई। जानकारी पर बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता थाने पहुंच गए। वहीं मुरैना में कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायक एसपी आॅफिस पर धरना दिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस में तीन जिला पंचायत सदस्यों को अगवा कर लिया है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री रामनिवास रावत, विधायक राकेश माई, विधायक अजब सिंह कुशवाह और विधायक रविंद्र सिंह तोमर धरने पर बैठे और तीनों सदस्यों को छोड़ने  मांग की।
कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
उधर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक आरिफ मसूद और प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने आरोप लगाया है कि नगरीय निकाय और जनपद पंचायत के चुनाव में हार का सामना करने के बाद अब भाजपा जिला पंचायतों पर कब्जा करने के लिए सत्ता और पैसे का पूरा दुरुपयोग कर रही है। प्रशासन की मशीनरी और पुलिस भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को हर तरह से डराया धमकाया जा रहा है। कांग्रेस के निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों और उनके परिवारजनों के विरुद्ध झूठे प्रकरण दर्ज कराए जा रहे हैं। सादी वर्दी में पुलिस वाले तैनात करके डराया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि भोपाल में कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्यों को डराया धमकाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में पुलिस ने सीहोर जिले के कांग्रेस समर्थित सभी जिला पंचायत सदस्यों को गुरुवार शाम को जबरन खजूरी सड़क थाने में बैठा लिया। पूर्व विधायक रमेश सक्सेना को भी जबरदस्ती थाने में बैठाकर रखा गया। पार्टी नेताओं ने कहा कि उमरिया में जनपद के चुनाव में कांग्रेस के सदस्यों को वोट नहीं डालने दिया गया और जबरन भाजपा को विजेता घोषित किया गया। इसी तरह एक दिन पहले रैगांव में कांग्रेस प्रत्याशी को जनपद पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने का प्रमाणपत्र कलेक्टर ने दिया और देर रात उसे निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित सदस्यों को प्रलोभन और धमकी दी जा रही है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता एकजुट हैं और डरने वाले नहीं हैं।

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