करोड़ों के गबन के आरोप में मेधा पाटकर की मुश्किलें और बढ़ी

मेधा पाटकर
  • धोखाधड़ी मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित, नोटिस भी भेजा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। करोड़ों रूपए गबन के आरोप में नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मेधा पाटकर पर आरोप है कि नर्मदा के नवनिर्माण अभियान एनजीओ द्वारा  84 सामाजिक कार्यों और आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जाने वाली राशि का दुरुपयोग किया गया। आरोप है कि राशि का इस्तेमाल विकास परियोजनाओं में करने के बजाय विरोध-प्रदर्शन करने में किया जा रहा है।
मप्र पुलिस ने मेधा पाटकर तथा अन्य 11 लोगों के विरुद्ध कथित धोखाधड़ी के मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। इसके साथ ही मेधा पाटकर के बड़वानी कार्यालय में नोटिस भी तामील कराया है। बड़वानी पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, राजपुर के प्रीतम राज बडोले की शिकायत पर नर्मदा नव निर्माण एनजीओ से जुड़े व्यक्तियों के विरुद्ध थाना बड़वानी में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने एसडीओपी रूपरेखा यादव के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर कार्रवाई शुरू कर दी है। उधर, मेधा पाटकर व समन लेने वाले एनबीए के कार्यकर्ता ने शिकायत को झूठा करार देते हुए विधि सम्मत जवाब देने की बात कही है। एसआईटी द्वारा एफआईआर में उल्लेखित नर्मदा नव निर्माण से संबंधित खातों को तस्दीक और ट्रस्ट की जानकारी हेतु महाराष्ट्र के मुंबई, नंदूरबार और धाडगांव पहुंचकर जानकारी प्राप्त की गई। एसआईटी टीम ने मुंबई में चैरिटी कमिश्नर ऑफिस से ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज प्राप्त करने के अलावा वहां बैंक खातों से संबंधित जानकारी भी प्राप्त की। इसी तरह एक अन्य टीम ने नंदुरबार एवं धाडगांव से ट्रस्ट से संबंधित बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही शनिवार को थाना प्रभारी एसएस रघुवंशी ने ट्रस्ट के बड़वानी स्थित आॅफिस जाकर नोटिस तामील कराया और मेधा पाटकर को ट्रस्ट से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने और बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित होने को कहा है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में कानून के जानकारों से राय लेकर समीक्षा उपरांत आए साक्ष्यों के अनुसार अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
शिकायतकर्ता ने लगाया यह आरोप
मेधा पाटकर और 11 सहयोगियों के खिलाफ बड़वानी पुलिस ने आईपीसी 420 (धोखाधड़ी) की धारा में 9 जुलाई को प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस को मिली शिकायत में आरोप है कि इन्होंने 15 जुलाई 2007 से 9 जुलाई 2022 के बीच (बीते 15 वर्षों में) नर्मदा नव निर्माण अभियान (एनएनए) के तहत नर्मदा घाटी के लोगों के कल्याण तथा मप्र एवं महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों को प्राथमिक स्कूल स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए वित्तीय दान माध्यम से साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा की राशि जुटाई। इस राशि को जुटाने का उद्देश्य शैक्षिक, आवासीय जीवन शालाओं के संचालन में उपयोग करना है। आरोप है इसमें से 4 करोड़ 70 लाख से ज्यादा की राशि का लेनदेन संदेहास्पद है। मेधा पाटकर का कहना है किअध्ययनशाला के लिए ली गई मदद या दान अध्ययनशाला में ही खर्च किया जाता है। उलटा अन्यत्र कार्य के लिए लिया दान कई बार अध्ययनशाला के बच्चों पर खर्च होता है। इसके अलावा एनबीए, पुर्नवास, रोजगार, युवाओं का प्रशिक्षण जैसे अनेक सामाजिक कार्य करता है।
12 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज
एसआईटी प्रमुख  रेखा यादव ने बताया कि इस मामले में मेधा पाटकर समेत 12 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है तथा दो अन्य आरोपी ट्रस्ट से इस्तीफा दे चुके हैं। इस ट्रस्ट के द्वारा मध्य प्रदेश के चार अन्य व्यक्तियों को ट्रस्टी बनाया गया था, इसलिए उन्हें भी नोटिस भेजा गया है। पुलिस की प्राथमिकी में मेधा पाटकर, ट्रस्ट के सह न्यासी परवीन रूमी  जहांगीर, विजया चौहान, कैलाश अवास्या, मोहन पाटीदार, आशीष मंडलोई, केवल सिंह बसावे, संजय जोशी, श्याम पाटिल, सुनीति एस. आर. नूरजी पदवी एवं केशव वासवे को नामजद आरोपी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि शिकायत के आधार पर 9 जुलाई को बड़वानी कोतवाली पुलिस ने नर्मदा नव निर्माण एनजीओ की मेधा पाटकर तथा अन्य 11 लोगों के विरुद्ध कथित तौर पर साढ़े 13 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। उन पर आरोप था कि ट्रस्ट द्वारा मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों के विकास तथा शिक्षा के नाम पर एकत्रित किए गए धन का दुरुपयोग किया गया है। उन पर आरोप था कि उक्त धन विभिन्न आंदोलनों और देश विरोधी गतिविधियों के लिए खर्च किया गया। पाटकर ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया था।

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