7,000 करोड़ का बजट भी नहीं बदल पाया भाग्य

सीएम राइज स्कल
  • आधी-अधूरी व्यवस्थाओं के साथ चल रहे हैं सीएम राइज स्कल

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम राइज स्कूल की जो परिकल्पना की है उसे अफसरों की भरार्शाही ने पलीता लगा दिया है। सीएम राइज स्कलों के माध्यम से सरकार ने शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए 7,000 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। लेकिन यह बजट भी भाग्य बदलता नजर नहीं आ रहा है।
गौरतलब है कि सर्वसुविधायुक्त सीएम राइज स्कूलों की परिकल्पना दो साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इन स्कूलों के लिए सात हजार करोड़ का बजट तय कर दिया गया है। लेकिन, विभाग के अधिकारी दो साल बाद भी इसे जमीनी स्तर पर नहीं उतार पाए हैं। नतीजा राजधानी के मॉडल सीएम राइज स्कूल को छोड़कर कहीं सुविधाएं नहीं जुटाई गई हैं। जहांगीराबाद स्थित रसीदिया स्कूल को कॉन्सेप्ट स्कूल नाम देकर सीएम राइज स्कूल का मॉडल तैयार किया गया है। यहां स्मार्ट क्लास रूम एवं डिजिटल लर्निंग, फर्नीचर, डोर स्पोर्ट्स सुविधाएं, म्यूजिक रूम, कम्प्यूटर लैब और स्मार्ट टॉयलेट तैयार किए गए हैं। स्कूल भवन में आकर्षक पेंटिंग की गई है। जगह-जगह मॉडल बनाकर रखे गए हैं।
आधी-अधूरी व्यवस्थाओं के बीच एडमिशन शुरू
 गौरतलब है कि सीएम राइज स्कूलों के निर्माण के लिए रसीदिया स्कूल में मॉडल तैयार किया गया है, जिसमें सभी सुविधाएं हैं। लेकिन उन पुराने आठ स्कूलों में अभी तक कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में सर्व सुविधायुक्त 9200 स्कूल खोले जाने हैं। पहले चरण में इस सत्र से 274 स्कूल शुरू किए गए हैं। लेकिन ये स्कूल आधी-अधूरी व्यवस्थाओं के साथ चल रहे हैं। एडमिशन भी शुरू कर दिए गए हैं। टीटी नगर स्थित पुराने शा. उमावि कमला नेहरू स्कूल को सीएम राइज स्कूल बनाया गया है। यहां कॉन्सेप्ट के अनुसार पुताई करवा दी गई है। लेकिन यहां पहली और दूसरी के बच्चे दरी पर बैठकर पढ़ रहे हैं। चौथी और पांचवी की क्लास एक हॉल में ही लग रही हैं। प्राचार्य संगीता सक्सेना ने बताया कि स्कूल में रेनोवेशन चल रहा है। जहांगीराबाद स्थित पुराने शाउमावि कन्या स्कूल बरखेड़ी को सीएम राइज का दर्जा दिया गया है। यह स्कूल रसीदिया मॉडल सीएम राइज कैम्पस में ही है। अब यह तीन स्कूलों को मिलाकर शा उ मा वि सीएम राज बरखेड़ी का नाम दिया गया है। चूंकि इसमें मॉडल बना स्कूल भी शामिल है, इसलिए आधी से अधिक व्यवस्थाएं पहले से मौजूद हैं। कन्या स्कूल का रिनोवेशन किया जा चुका है। प्राचार्य केडी श्रीवास्तव ने बताया कि खाली सीटों की अपेक्षा ढाई गुना अधिक आवेदन मिल चुके हैं।
सीएम राइज स्कूल में ये सुविधाएं होनी चाहिए
प्रावधान के अनुसार सीएम राइज स्कूल में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है। इसके अलावा हर स्टूडेंट के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा,नर्सरी, केजी कक्षाएं, शत प्रतिशत शिक्षक, स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग, सुसज्जित प्रयोगशालाएं एवं समृद्ध पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। साथ ही अभिभावकों की सहभागिता होगी और सुरक्षा गार्ड की तैनाती की जाएगी। भोपाल डीईओ नितिन सक्सेना का कहना है कि सीएम राइज स्कूल इस सत्र से शुरू किए गए हैं। किसी भी चीज का डेवलप होने में समय तो लगता है। सभी स्कूलों के नए भवन के लिए बजट जारी हो चुका है। नए भवन बनने के बाद सभी सुविधाएं भी होंगी।

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