
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। नामाकंन फार्म जामा करने के लिए अब महज चार दिन का समय बचा है, लेकिन भाजपा अब तक किसी भी महापौर प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं कर सकी है। नाम तय करने के लिए बीते चार दिनों से पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर विधायकों तक के बीच मंथन का दौर जारी है। इस बीच दावेदारों की धड़कने बढ़ती ही जा रहीं हैं। हालांकि यह माना जा रहा है कि इंदौर में डॉ निशांत खरे, डॉ सचिन शर्मा, मनोज द्विवेदी या पुष्यमित्र भार्गव में से किसी एक नाम पर मुहर लग सकती है। डॉ सचिन की आज सीएम से करीब 40 मिनिट तक मुलाकात चली है। इंदौर के सभी दावेदार संघ की पृष्ठभूमि से ही आते हैं। भोपाल से मालती राय और भारती कुम्हारे में से जबकि जबलपुर से डॉ जितेन्द्र जामदार ग्वालियर से सुमन शर्मा या समीक्षा गुप्ता में से किसी एक नाम पर जबकि छिंदवाड़ा से जितेन्द्र शाह, सिंगरौली से राजीव गोयल देवास से पूजा जैन के नाम पर मुहर लग सकती है। हालात यह हैं कि सूबे के नगर निगमों के महापौर पद के उम्मीदवारों को लेकर संगठन व विधायकों में एक राय नहीं बन पा रही है। इसकी वजह से आज एक बार फिर से भाजपा के सभी दिग्गज नेता बैठक दर बैठक कर रहे हैं। यह मामला पार्टी के लिए कितना पेचीदा बन चुका है इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि बीती शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नई दिल्ली से लौटते ही सीधे प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद उनके द्वारा करीब डेढ़ घंटा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश भाजपा प्रभारी पी. मुरलीधर राव और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के साथ बैठक की गई। इस दौरान उनके द्वारा चारों महानगरों के उम्मीदवारों के नाम पर विचार विमर्श कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया। बताया जा रहा है कि इन चारों महानगरों के नामों को लेकर एक राय नहीं बन पाने की वजह से शेष 11 नगर निगमों के लिए तैयार की गई सूची भी जारी नहीं हो पा रही है। हालांकि पहले यह माना जा रहा था कि बीती देर रात तक तय नामों की सूची जारी कर दी जाएगी, लेकिन अचानक उसे रोक दिया गया। अब आज इस सूची के जारी होने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल प्रदेश के पांच बड़े शहर भाजपा के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इन शहरों में दावेदारों की संख्या अधिक होने के साथ वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। जबकि, पार्टी का जोर इस बात पर है कि उम्मीदवार का चयन सहमति बनाकर किया जाए।
कांग्रेस के लिए रतलाम बना मुसीबत
भले ही कांग्रेस अपने 15 नगर निगम के लिए महापौर पद के उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है , लेकिन उसके लिए रतालाम अब भी मुसीबत बना हुआ है। इस सीट पर राजीव रावत, मयंक जाट और प्रभु राठौर के नाम दावेदारों में बने हुए हैं, लेकिन इनमें से किसी एक नाम पर सहमति न हीं बन पा रही है। इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। दरअसल इस सीट पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और उनके पुत्र मप्र युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डा. विक्रांत भूरिया मयंक जाट के पक्ष में हैं जबकि, पार्टी के अन्य पदाधिकारी राजीव रावत के लिए टिकट चाहते हैं। उधर, कमल नाथ के अपने ही गढ़ छिंदवाड़ा में पार्टी के ही आदिवासी नेताओं की बगावत शुरू हो गई है। छिंदवाड़ा नगर निगम के लिए कांग्रेस ने युवा आदिवासी, नेता विक्रम अहाके को प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन उनका पार्टी के भीतर, ही विरोध शुरू हो गया है। यही नहीं, बगावत करने वाले आदिवासी नेताओं ने कांग्रेस के ही बालाराम परतेती को चुनाव में निर्दलीय लड़ाने का निर्णय भी ले लिया है। बीते पंचायत चुनाव में विक्रम अहाके को महज 59 वोट मिले थे और वो छठे स्थान पर रहे थे।
एक दो दिन पहले तय होंग पार्षद प्रत्याशी
उधर, प्रदेश संगठन ने जिला कोर कमेटियों को दो दिन में पार्षद पद के उम्मीदवारों के नाम पर सहमति बनाकर संभागीय समिति को भेजने को कहा है। इसके लिए गाइड लाइन का पालन करने को भी कहा गया है। इसमें परिवारवाद, फिर दो बार के पार्षदों को न लड़ाने और अब 50 पार हो चुके दावेदारों को टिकट न देने की लाइन पर काम करने को कहा गया है। इस पर भी बीते रोज जिला भाजपा चयन समिति की कोर कमेटी की बैठक में चर्चा की गई। अगर इसका पालन पूरी तरह से किया जाता है तो कई पूर्व पार्षदों को टिकट से वंचित होना तय है।
कल फिर होगी बैठक, तीन-तीन नामों का बनेगा पैनल
बैठक में सैंकड़ों दावेदारों का लिस्ट बायोडाटा के साथ कमेटी को दी गई , जिसकी स्क्रूटनी करने के बाद कोर कमेटी की बैठक में चर्चा की जाएगी। की जाएगी। इसके लिए कोर कमेटी की कल फिर से बैठक होगी। माना जा रहा है कि इसकी वजह से पार्षद पद की सूची नामांकन भरने की अंतिम तिथि से एक दो दिन पहले ही जारी हो सकेगी। इसकी वजह से नामांकन भरने के लिए एक दो दिन का ही समय मिल सकेगा। गौरतलब है कि महापौर व पार्षद के लिए नामांकन की प्रक्रिया 11 जून से शुरू हो चुकी है जो , 18 जून तक चलेगी। ऐसे में भाजपा के उम्मीदवारों को नामांकन के लिए एक या दो दिन का समय ही मिलेगा। फिर प्रचार के लिए 15 से 17 दिन ही मिल पाएंगे।