
- हरदा में 1400 से ज्यादा किसानों के बैंक खातों को किया होल्ड …
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए सरकार का खजाना खोलकर रखा है, वहीं दूसरी तरफ किसानों से बिजली बिल वसूलने के लिए अजीबोगरीब तरीका अपनाया जा रहा है। बिजली कंपनी ने उन किसानों के बैंक खातों को ही सीज करवा दिया है जिन पर बिजली बिल बकाया है।
इस कार्रवाई के बाद किसान अब बीज और खाद नहीं खरीद पा रहे हैं। खास बात यह है कि कृषि मंत्री कमल पटेल के गृह क्षेत्र हरदा में 1400 से ज्यादा किसानों के बैंक खातों को होल्ड किया गया है। बताया जा रहा है कि किसानों के खाते सीज करने के लिए बिजली कंपनियों ने बैंकों को एसडीएम का लेटर भी दिया है। जिसके आधार पर खाते सीज हुए हैं। हालांकि, कुछ प्राइवेट बैंकों में किसानों के खातों को सीज करने से इनकार कर दिया है। खास बात ये है कि अकाउंट होल्ड करने का आदेश ऐसे समय में निकाला गया है, जब मूंग की फसल बेचने के बाद किसानों के खाते में रुपए आए हैं। खाते होल्ड होने से किसान पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं, नतीजतन बीज व खाद खरीदने में किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं किसानों के खसरे के कॉलम नंबर 12 में भी बकाया राशि की इंट्री की जा रही है।
पहली बार बकायादार किसानों के बैंक खाते होल्ड
बिजली बिल की बकाया राशि वसूल करने के लिए पहली बार बकायादार किसानों के बैंक खाते होल्ड किए जा रहे हैं। हरदा जिले के बकायादार 1406 किसानों के खाते बिजली कंपनी ने होल्ड कर दिए। इन किसानों पर 6.89 करोड़ रुपये बिजली बिल की राशि बकाया है। इसमें से 426 किसानों ने 1.83 करोड़ रुपये जमा किए हैं, तब जाकर उनके खातों से लेनदेन चालू हो सका है। बिजली कंपनी के अनुसार बाकी किसानों द्वारा बिल की राशि जमा नहीं करने पर खातों की राशि कुर्क की जाएगी। इसके बाद किसानों की जमीन के खसरा नंबर पर भी बिजली बिल की बकाया राशि लिखी जाएगी, जो किसान क्रेडिट कार्ड की कर्ज राशि के समान दिखाई देगी। बिजली कंपनी के अनुसार जिन किसानों के खाते होल्ड किए गए हैं, उन्होंने लंबे समय से बिल जमा नहीं कराया है।
जितनी बिजली उसी अनुपात में वसूली हो
किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष केदार शंकर सिरोही ने कहा कि कृषि मंत्री कमल पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का चेहरा उजागर हो रहा है। ये किसान हितैषी नहीं, किसान विरोधी हैं। सरकार बैंकों और बिजली कंपनी की एजेंट बनकर वसूली कर रही है। भारतीय किसान संघ के दीपचंद नवाद ने कहा कि बिजली कंपनी द्वारा किसानों को कभी भी पर्याप्त वोल्टेज एवं सरकार द्वारा घोषित समय अनुसार बिजली नहीं दी जाती है। इसलिए जिस अनुपात में किसानों को बिजली मिलती है, उसी अनुपात में वसूली हो।
बड़े बकायादारों के खाते होल्ड
जानकारी के अनुसार विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली बिल की राशि जमा नहीं करने वाले किसानों के खातों को होल्ड करने के लिए पहले किसानों का डाटा तैयार किया गया। जिसमें किसानों के नाम, बैंक खाता क्रमांक, बैंक का आईएफएससी कोड शामिल हैं। इन्हें तहसील कार्यालय भेजा गया। तहसील कार्यालय से संबंधित बैंकों को खाते होल्ड करने के निर्देश दिए गए। मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी हरदा के उप महाप्रबंधक वतन खाड़े का कहना है कि बैंक खाते उन किसानों के होल्ड किए गए हैं, जिन्होंने लंबे समय से बिजली बिल की राशि जमा नहीं की है। इसमें भी ज्यादातर किसान ऐसे हैं, जिनकी बकाया राशि 50 हजार रुपये से अधिक है। खाते होल्ड होने के बाद भी राशि जमा नहीं करने पर खसरा नंबर पर बकाया राशि लिखी जाएगी।