
- नसीहत के बाद नहीं सुधरने वाले पदाधिकारियों पर गिर सकती है गाज
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के भाजपा संगठन की भले ही पार्टी के केंद्रीय संगठन द्वारा दूसरे राज्यों में दुहाई दी जाती हो , लेकिन अब संगठन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
हालात यह हैं की करीब नौ माह पहले जिन मोर्चा संगठनों की घोषणा की गई थी उनकी टीम अब तक नहीं बन सकी है। इसमें भी सबसे खराब हालात युवा मोर्चा की बनी हुई है। यही वजह है की बीते रोज जब मोर्चा प्रकोष्ठों की प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने समीक्षा बैठक बुलाई तो वे अधिकांश पदाधिकारियों पर बिफर उठे। उनकी नाराजगी की वजह थी टीमों का गठन अब तक नहीं किया जाना। बैठक में राव के निशाने पर खासतौर पर युवा मोर्चा और महिला मोर्चा रहा। इन दोनों के प्रदेश अध्यक्षों से उनके द्वारा यहां तक कहा गया की सुबह गठन करते हो और शाम को भंग कर देते हो। ऐसे में चुनाव की तैयारी कब करेंगे? यही नहीं उनके द्वारा इस दौरान कामकाज संबंधी टिप्स तो दिए ही गए साथ ही सभी से एक साल का रोडमैप भी मांग लिया गया। उन्होंने इस दौरान समझाइश देते हुए कहा की मोर्चा-प्रकोष्ठ कोई लूप लाइन नहीं, मुख्य दरवाजे का रास्ता खुला है। सक्रिय और दिखते रहें। नवाचार करें और प्रवास में तेजी भी लाएं।
दरअसल अधिकांश जिलों में मोर्चा व प्रकोष्ठों की जिला कार्यकारिणी का गठन तक नहीं हो पा रहा है। इस दौरान बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद थे। इस बैठक की दूसरी खास बात यह रही कि इसमें भाजपा के सभी 19 प्रकोष्ठ और 7 मोर्चा के मुख्य पदाधिकारियों को बुलाया गया था, जिनकी समीक्षा बैठक दिन भर चली। बैठक में सभी नेताओं का मुख्य फोकस विधानसभा चुनाव की मैदानी तैयारी और 10 फीसदी वोट शेयर में वृद्धि पर बना रहा। इस दौरान संगठन महामंत्री हितानंद ने तीन महीने के कार्यक्रम और 20 मई से जयपुर में होने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति का ब्योरा भी दिया।
दरअसल यह पहला मौका है जब किसी राष्ट्रीय पदाधिकारी या फिर प्रदेश प्रभारी द्वारा मोर्चा प्रकोष्ठों की इस तरह से बैठक की हो। मोर्चा-प्रकोष्ठ की पहली संयुक्त बैठक के पहले सत्र में दो घंटे तक मंथन चला जिसमें राव, वीडी शर्मा और सीएम का उद्बोधन हुआ। राव ने टारगेट पूरा न करने पर युवा- महिला मोर्चा को आड़े हाथों लिया और नसीहतें दीं। बाद में ग्रुप में बैठे, अंतिम सत्र में फिर संयुक्त बैठक हुई।
सभी पर है हमारी नजर
राव ने कहा कि किसी को अपनी परफॉर्मेंस दिखाने की जरूरत नहीं है। हमारी नजर में सब है। मुरलीधर ने कहा कि हम सबका आंकलन कर रहे हैं। जो काम करेगा उसे उसका परिणाम अच्छा मिलेगा। बीजेपी में जो विधायक नहीं होता वो तक मुख्यमंत्री बन जाता है। इसलिए मिलने की चिंता मत करो। उन्होंने कहा कि मोर्चा प्रकोष्ठों का ये दायित्व है कि वे अपने अंतर्गत आने वाले सभी समाजों के पास जाएं और उनको पार्टी के बैनर तले लेकर आएं। उन्होंने कहा कि जनजातियों के हर तबके को पार्टी में शामिल होना चाहिए। महिला मोर्चा प्रोफेशनल, व्यापारी, घरेलू सभी तरह की महिलाओं को अपने में शामिल करे। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार की उपलब्धियों को जन—जन तक पहुंचाने का काम कार्यकर्ताओं से बेहतर कोई नहीं कर सकता। जनता को ये बताएं कि हमने उनके लिए क्या किया है, क्या नहीं किया है,इसके बारे में उनसे सुझाव लें। कार्यकर्ता सरकार की कमियों को भी हमें बताए , ताकि उनको दूर किया जा सके। वीडी शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भाजपा को विश्व का सबसे बड़ा संगठन बनाने में मोर्चा व प्रकोष्ठों की महत्वपूर्ण भूमिका है, सभी कामों का रोडमैप बनाए और संगठन के विस्तार में जुट जाएं। इसके लिए पदाधिकारी प्रवास भी करें।
यह भी रहीं नाराजगी की वजहें
दरअसल राव की नाराजगी की वजहें कई रही हैं। जिलों स्तरों पर टीमों के गठन को लेकर तो वे पहले से ही नाराज थे , लेकिन जब उन्हें यह पता चला की मोर्चा प्रकोष्ठ अध्यक्ष न तो प्रवास ही कर रहे हैं और न ही वे बैठकें कर रहे हैं , जिसकी वजह से उनकी नाराजगी और बढ़ गई। इसके बाद तो उनके द्वारा बेहद तल्ख अंदाज में फटकार लगाई गई। माना जा रहा है की इसके बाद भी अगर इन पदाधिकारियों ने अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं किया तो फिर उन पर गाज गिर सकती है। गौरतलब है की पहले भी कई बार संगठन के आला नेताओं द्वारा मोर्चा प्रकोष्ठों के प्रमुखों को जल्द ही मैदानी स्तर पर टीमें गठित करने की चेतावनी दी जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि इस बैठक की सूचना मिलने के बाद हाल ही में सहकारिता प्रकोष्ठ की हाल ही में नई टीम की घोषणा की गई है।
दिया 20 मई तक का समय
दरअसल कई प्रकोष्ठों की जिला और प्रांतीय कार्यकारिणी का गठन अब तक चल रहा है। कुछ का बाकी है। इस पर राव ने पूछा कि कब तक पूरा होगा, इस पर वीडी ने कहा कि 15 मई की तारीख दी है। इसी बीच हंसते हुए मुख्यमंत्री बोले हो नहीं पाएगा 5 दिन और बढ़ा दें। यह सुनते ही राव बोले-सीएम कितने उदार हैं चलो, 20 तक पूरा कर लें। उन्होंने सभी से एक साल की कार्ययोजना भी मांगी। समन्वय की कमी पर बोले कि बार-बार बात करें। मोर्चा-प्रकोष्ठ की पहली संयुक्त बैठक के पहले सत्र में दो घंटे तक मंथन चला जिसमें राव, वीडी और सीएम का उद्घोधन हुआ।