आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आया एक और फर्जीवाड़ा

फर्जीवाड़ा

– कोरोना काल में हुई फर्जी शादियां
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अधिकारी सामाजिक कल्याण की योजनाओं में किस तरह फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, इसका खुलासा हाल ही में आए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से हो रहा है। दरअसल, कोरोना संक्रमणकाल के दो साल में कल्याणी विवाह योजना के तहत 122 करोड़ रुपए खर्च करने का मामला सामने आया है। इससे इस योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि कोरोना के चलते मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में रोक लगी होने के बावजूद सिरोंज में 3,500 विवाह कराने का फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। लेकिन इन दो सालों में कल्याणी के नाम पर भी 21 हजार से अधिक विवाह होने का खुलासा आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में हुआ है। कल्याणी के विवाह पर सरकार 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देती है। इस तरह कल्याणी के विवाह कराने के नाम पर 122 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए हैं। कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि कन्यादान योजना में जिस तरह फर्जीवाड़ा  हुआ है। ऐसा ही कल्याणी विवाह योजना में भी होने की संभावना है, क्योंकि कोरोना काल में दो साल के दौरान 21 हजार विवाह कराना और उस पर 121 करोड़ खर्च करना गड़बड़ी की आशंका है। सरकार जांच कराए।
दो साल विवाह-निकाह योजना पर रही रोक
उल्लेखनीय है कि मप्र में कोरोना के चलते बीते दो साल से मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना सहित मुख्यमंत्री निकाह योजना पर रोक लगी हुई है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में सरकार 3 हजार रुपए स्थानीय निकाय, पंचायत को आवंटित करती, है, जबकि 48 हजार रुपए कन्या के बैंक बचत खाते में जमा किए जाते हैं, लेकिन इस योजना में भी बड़ा घोटाला सामने आ चुका है। भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने सिरोंज में कोरोना के दौरान कन्या विवाह कराने का मामला विधानसभा में उठाया था। इसके बाद ईओडब्ल्यू से कराई जांच में सामने आया कि 3,500 कन्याओं के विवाह  फर्जी रूप में करा सरकार को 30 करोड़ का चूना लगाया गया।  ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर जनपद सीईओ को गिरफ्तार भी कर लिया, लेकिन यह घोटाला सिरोंज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कल्याणी के नाम पर भी इसमें फर्जीवाड़ा होने की आशंका है। कोरोना काल में एकल शादी पर रोक नहीं थी। केवल सामूहिक विवाह पर रोक थी, इसलिए कल्याणी के विवाह पर उक्त राशि खर्च की गई है। सूत्रों का कहना है कि खर्च राशि में पुराना पेमेंट भी कर दिया गया है।

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