6 हजार से ज्यादा सीटों की बर्बादी को रोकने का प्रयास

नीट पीजी काउंसलिंग
  • नीट पीजी काउंसलिंग में कट- ऑफ 15 फीसदी तक किया गया कम …

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) ने नीट पीजी कट-आॅफ को 15 प्रतिशत तक कम कर दिया है। ऐसा मेडिकल में पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए 6,000 से अधिक सीटों को भरने के लिए किया  गया है।  इस कदम का मकसद सीटों की बर्बादी  को रोकना है।  दरअसल मप्र में भी पिछली बार 300 सीटें खाली रह गई थी। लेकिन नीट पीजी काउंसलिंग में अब उन छात्रों की मौज होने वाली है, जो कम नंबर की वजह से पहले और दूसरे राउंड में प्रवेश से वंचित रह गए थे।
देश भर में सिर्फ 42,000 पीजी सीटों के लिए, लगभग 1.5 लाख डॉक्टर एमबीबीएस डिग्री और एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी करने के बाद नीट पीजी के लिए आवेदन करते हैं।  लेकिन कम नंबर के कारण सभी सीटें नहीं भर पाती हैं। इसको देखते हुए एनबीई ने सभी कैटेगरी में 15 नंबर के पसेर्टाइल को कम कर दिया है, ताकि सीटें खाली न रहें और सभी राज्यों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी दूर हो।
एनबीई ने लगातार दूसरे वर्ष पसेर्टाइल कम कटौती की है। पिछले वर्ष भी दो राउंड हो जाने के बाद परसेंटाइल का दायरा कम किया गया था। उस समय भी 15 परसेंटाइल की कटौती की गई थी। विशेषज्ञों की नजर में इससे सीटें तो भर जाती है, लेकिन चिकित्सक पेशे में क्वालिटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
कट- ऑफ कम होने से बढ़ेंगे एडमिशन
12 मार्च को जारी एक नोटिस के अनुसार अब जनरल कैटेगरी वाले कैंडीडेट 35 परसेंटाइल पर एडमिशन ले सकेंगे, इससे पहले यह सीमा 50 परसेंटाइल थी। वहीं विकलांग श्रेणी वालों को 30 और ओबीसी, एससी व एसटी कैटेगरी के छात्रों को 25 परसेंटाइल पर प्रवेश दिया जाएगा। जबकि इससे पहले तक यह सीमा क्रमश: 45 और 40 परसेंटाइल तय की गई थी। एनबीई के नए आदेश से मप्र में भी असर पड़ेगा। यहां नीट पीजी काउंसलिंग में 300 से अधिक सीटें रिक्त हैं। दूसरे राउंड की सीट अलॉटमेंट के बाद यहां के कॉलेजों में 254 सीटें बची थी। अभी मॉप अप राउंड होना बाकी है, दूसरे राउंड में जो सीटें रिक्त रह गई हैं, उन्हें मॉप अप राउंड में जोड़ा जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक मप्र के सभी मेडिकल कॉलेजों में 300 से अधिक सीटें रिक्त हैं। मप्र में नीट पीजी काउंसलिंग का मॉप अप राउंड हाईकोर्ट में लगी याचिका के कारण अटक गया है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही हाईकोर्ट से कोई आदेश आएगा, हम मॉप अप राउंड की काउंसलिंग शुरू कर देंगे।
ओबीसी छात्रों को 25 परसेंटाइल पर प्रवेश
परसेंटाइल  कम होने से ओबीसी छात्रों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। अब इस कैटेगरी के छात्र 25 परसेंटाइल पर नीट पीजी में प्रवेश ले सकेंगे। इस कैटेगरी में सबसे अधिक छात्र फाइट करते हैं, सीटें रिक्त होने से इन्हें एडमिशन में फायदा होगा। उधर, नीट पीजी की तर्ज पर आयुष पीजी में भी पसेर्टाइल कम करने की बात कही गई है। मप्र आयुष मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडे ने मांग की है कि आयुष पीजी में पसेर्टाइल कम किया जाना चाहिए, जिससे आयुष पैथी में भी रिक्त सीटों को समय पर भरा जा सके। उन्होंने कहा कि पसेर्टाइल अधिक होने के कारण हर साल आयुष कॉलेजों में सीटें नहीं भर रहीं।

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