शिव के नए काल में 51 हजार करोड़ का निवेश मिला

मध्यप्रदेश

पौने चार लाख को मिलेगा रोजगार

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में पिछले दो वर्षो में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को 51 हजार 317 करोड़ 19 लाख रुपए के निवेश आशय प्रस्ताव मिले है। इन औद्योगिक संस्थानों के जरिए 3 लाख 76 हजार 16 व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है। राज्य सरकार ने इस दौरान वृहद श्रेणी के 53 उद्योगों को 487.316 हेक्टेयर जमीन भी आवंटित की गई है। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवाल के लिखित जवाब में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने लिखित में जानकारी दी। इसमें बताया कि अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 तक एमपीआईडीसी के इन्वेस्ट पोर्टल पर निवेशकों ने कुल 51 हजार 317 करोड़ के निवेश आशय प्रस्ताव दर्ज किए। इसमे पौने चार लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। प्रदेश में वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 तक वैट, सीएसटी प्रतिपूर्ति, उद्योग निवेश संवर्धन सहायता, निवेश प्रोतसाहन सहायता, टेक्सटाइल इकाइयों को ब्याज अनुदान, अधोसंरचना विकास हेतु किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति के रुप में लाखों रुपए की राशि का भुगतान किया गया है। विभाग के अंतर्गत एमपीआईडीसी के क्षेत्रांतर्गत विकसित, अविकसित क्षेत्रों में अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 के मध्य वृहद श्रेणी की 53 औद्योगिक इकाईयों को कुल 487 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है। वृहद श्रेणी, लघु तथा मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को नीति एवं मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम के प्रावधानों के अनुसार छूट प्रदान कर जमीन दी जा रही है। विभाग ने दिल्ली, मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अंतर्गत उज्जैन में 458 .600 हेक्टेयर भूमि पर विक्रम उद्योगपुरी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है।
धार्मिक पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव नहीं
मप्र सरकार का धार्मिक पुस्तकों को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने विधानसभा में भाजपा विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी। मंत्री परमार ने बताया कि राज्य शासन का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् की तरह प्रदेश में संचालित शासकीय, अशासकीय शालाओं में रामचरित मानस, महाभारत, गीता, बुद्ध चरित्र,  महावीर स्वामी, गुरु नानक देव, गुरू गोविंद सिंह पर आधारित पुस्तकों को पाठ्यक्रम में समावेश करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
राष्ट्रीय सेमिनार: मिंटो हॉल पर खर्च किए 4 लाख
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि राजधानी भोपाल के मिंटो हाल में 16 एवं 17 दिसंबर 2021 को नई शिक्षा नीति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया था। इसके लिए दो लाख रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 4 लाख रुपए का भुगतान माशिमं द्वारा किया गया। यह सेमिनार स्कूल शिक्षा और शिक्षा मंडल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था, जिसमें देश के अन्य संस्थाओं से 9 विशेषज्ञ तथा राज्य के अशासकीय संस्थाओं के 20 सदस्यों को ताज लेक फ्रंट होटल में तीन दिन के लिए ठहराया गया। ताज में प्रति दिन का सिंगल बेड रूम का 7,250 रुपए और डबल बेड रूम का किराया 8,250 रुपए प्रति व्यक्ति खर्च किया गया है।
विद्युत क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ मध्य प्रदेश
विद्युत क्षेत्र में प्रदेश पूरी तरह आत्म-निर्भर हो गया है। उपलब्ध विद्युत क्षमता 21 हजार 401 मेगावाट है। नवकरणीय ऊर्जा बढ़कर 5100 मेगावाट हो गई है। उधर, प्रदेश में 31 मार्च 2021 की स्थिति में छह लाख 61 हजार एक नियमित कर्मचारी हैं। इनमें शासकीय नियमित कर्मचारी पांच लाख 72 हजार 288 और सार्वजनिक उपक्रमाअर्द्ध शासकीय संस्थानों के कर्मचारी 45 हजार 559 हैं। एक जनवरी 2022 की स्थिति में प्रदेश में सात हजार 365 कारखानें पंजीकृत हैं।
हीरा व मैंगनीज उत्पादन में मप्र पहले स्थान पर
मध्य प्रदेश अब ऐसा राज्य बन चुका है, जिसमें  हीरा और मैंगनीज के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। चूना पत्थर और राक फास्फेट में दूसरा और कोयला के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2020-21 में 20 हजार 260 करोड़ रुपए के मुख्य रखनिजों का उत्पादन हुआ, जो पिछले साल के मुकाबले 12.67 प्रतिशत अधिक रहा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान कृषि क्षेत्र का रहता है। वर्ष 2021-22 में फसल क्षेत्र में 10.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई है पर गेहूं का क्षेत्र घटा है। धान के क्षेत्र में 10.64 और उत्पादन में 13.20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रोजगार कार्यालयों में 30 लाख 23 हजार बेरोजगार पंजीकृत हैं। शिक्षित बेरोजगारों की संख्या लगभग पौने दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मध्य प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में सरकार ने बताया कि कृषि क्षेत्र लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। दलहन और तिलहन के क्षेत्रफल और उत्पादन में वृद्धि हुई है। अनाज के क्षेत्रफल में .72 प्रतिशत की कमी रही है। हालांकि, कुल उत्पादन बढ़ा है। गेहूं के क्षेत्रफल में 3.80 और उत्पादन में 4.11 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सोयाबीन के उत्पादन में 2020-21 में 12.60 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह गन्ना का क्षेत्र और उत्पादन में भी कमी हुई है। कृषि उपज को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण क्षमता अब 203 लाख 39 हजार मीट्रिक टन हो गई है। पिछले साल की तुलना में सिंचित क्षेत्र में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दुग्ध उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है।

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