काम धेले के नहीं होने से भयाक्रांत हैं विधायक

विधायक

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अब विधानसभा चुनाव होने में डेढ़ साल से कम का समय बचा है। सरकार भी एक साल पहले से चुनावी मोड में आ जाती है। यही वजह है कि प्रदेश के माननीय अब तक के कार्यकमाल में धेलेभर का काम नहीं होने से भयाक्रांत बने हुए हैं और अब  विधायक हर हाल में काम कराने के लिए पूरी ताकत से जुट गए हैं। जिससे की चुनाव से पहले उनकी जमीन मजबूत हो सके। सरकार भी विधायकों की इस बड़ी परेशानी को जानती है जिसकी वजह से ही हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा अपने दल के विधायकोंं से उनके इलाके के लिए 15 करोड़ की लागत वाले पांच-पांच विकास कामों के प्रस्ताव मांगे गए हैं। सरकार इन प्रस्तावों को अगले वित्त वर्ष के बजट में शामिल कर सकती है। इसके बाद भी विधायकों को चिंता है तो उन कामों की जो पुराने होने के बाद भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। दरअसल पुराने कामों के लिए सरकार द्वारा बजट ही आंवटित नहीं किया जा रहा है जिसकी वजह से वे काम आधे अधूरे पड़े  हुए हैं। यह वे काम  है जिनकी वजह से आमजन को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। इनमें मुख्य रुप से सड़कें, स्कूल भवन, मंडी क्षेत्र में अधोसंरचना विकास, पेयजल योजनाएं और खेल मैदान तक के काम शामिल हैं। अधिकांश विधायकों का इस संबध में कहना है कि बजट के अभाव में अधिकांश स्वीकृत कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। उनका कहना है कि अब विधानसभा चुनाव में डेढ़ साल का ही समय बचा है। ऐसे में अगर यह काम अभी शुरू नहीं हुए तो वे चुनाव आने तक पूरे  नहीं हो पाएंगे जिसका खमियाजा उन्हें जनता की नाराजगी के रुप में उठना पड़ सकता है। यही वजह है कि वे अब पूरी ताकत के साथ पुराने लंबित कामों को पूरा कराने के लिए सक्रिय हो गए हैं। इनमें भी वे विधायक अधिक भयाक्रांत हैं , जो बड़े- बड़े वादे कर चुनाव जीते थे या फिर जो बेहद कम मतों से जीतने में सफल रहे थे। कई विधानसभा क्षेत्रों में हालात यह हैं कि नगरीय निकायों के पास पैसा है नहीं जिसकी वजह से नाली निर्माण से लेकर स्ट्रीट लाइटें तक न हीं लग पा रही है। उधर, मुख्यमंत्री द्वारा मांगे गए 15 करोड़ तक के प्रस्ताव की राशि की सीमा से भी विधायक खुश नही हैं। उनका कहना है कि कुछ काम तो ऐसे हैं, जिनमें से एक काम की लागत ही इतनी आ रही है ऐसे में पांच काम के प्रस्ताव पर कैसे अमल किया जाए।  जावरा के विधायक डा राजेन्द्र पांडे का इस संबध में कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली अरनिया पीथा मंडी प्रांगण में अधोसंरचना का विकास होना है। कालूखेड़ा और टोडर में हाट बाजार की जरूरत है। अधोसंरचना के करीब 10 कार्य कराने के लिए मंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखे गए। सुखड़ा उप मंडी में अधोसंरचना के चार कार्य मांगे हैं। इस मामले में विभाग का कहना है कि इस मद में मंडी समिति के पास पर्याप्त निधि उपलब्ध नहीं है। वे कहते हैं कि नए बजट में उनके यह प्रस्ताव शामिल होने की उम्मीद है। हर विधायक चाहता है कि उसके समय के काम पूरे हो सकें। मेरे क्षेत्र के 200 गांव कृषि आधारित हैं इसलिए मंडियों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। उधर, भाजपा के ही बैरसिया विधायक बिष्णु खत्री की शासकीय हाई स्कूल मजीदगढ़, बक्सी, कढ़याचंवर, नलखेड़ा और हिरनखेड़ी के लिए भवन निर्माण के प्रस्ताव हैं।
उनका कहना है कि मिडिल स्कूल का उन्नयन कर दिया गया है लेकिन बैठने की पर्याप्त जगह नहीं है। इस मामले में विभाग का मत है कि इन भवनों के निर्माण का काम बजट की उलब्धता पर निर्भर है। वहीं विधायक कहते हैं कि हायर सेकंडरी के भवन नहीं होने से पढ़ाई प्रभावित होती है। अभी 9वीं और 10वीं की कक्षाएं चल रही हैं। भवनों के लिए 80-80 लाख मंजूर होने की अपेक्षा है। 15 करोड़ के नए प्लान में सड़कों की डिमांड की है। इनमें सीहोर को जोड़ने वाली सड़कें प्रमुख है।
स्कूलों में बिजली तक नहीं
नरयावली से भाजपा विधायक इंजिनियर प्रदीप लारिया का कहना है कि उनके क्षेत्र में संचालित हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में बिजली की व्यवस्था की जाना है। विभाग का कहना है कि 5 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर विद्युतीकरण का कार्य हो सकेगा। इसी तरह छिंदवाड़ा जिले के बिछिया से विधायक नारायण सिंह पटटा का कहना है कि वे चाहते हैं कि उनके इलाके में ग्रामीण खेलकूद मैदान का निर्माण हो लेकिन राशि उपलब्ध नहीं हो रही। उधर इस मामले में विभाग का कहना है कि भूमि आवंटन नहीं होने के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। इस कार्य हेतु 80 लाख रुपए मंजूर हैं।
नहीं बन पा रहा बाईपास
नरसिंहगढ़ विधायक राज्यवर्धन सिंह का कहना है कि उनके इलाके में किसान सड़क निधि से ग्रामीण सड़कों की मरम्मत कराए जाने की जरूरत है, लेकिन विभाग का कहना है कि सड़कों को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव मिला है, लेकिन  मंडी बोर्ड से आवंटन उपलब्धता का आभाव है। उनका कहना है कि हमारी कांतोड़ा बाईपास विदिशा रोड प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। बजट में 4 करोड़ का प्रावधान किया गया है जबकि जरूरत 8 करोड़ की है। अभी टीएस भी जारी नहीं हुई है। 15 करोड़ के प्रोजेक्ट में एक ही सड़क की डिमांड की है। इसकी वजह है उसकी लागत अधिक होना। इसी तरह से सारंगपुर के विधायक कुवर कोठार का कहना है कि सारंगपुर तहसील में नवीन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था का काम अटका हुआ है। 60 सीटर बालिका छात्रावास एवं स्टाफ क्वार्टर के निर्माण कार्य हेतु 1283.95 लाख का प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर लंबित पड़ा है। इस मामले में विभाग का कहना है कि संस्था के भवन निर्माण हेतु 1263 लाख का प्रस्ताव है।

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