कम्प्यूटर में अटक रहे जनता के काम

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  • अधिकांश सुविधाएं ऑनलाइन…सिस्टम अपडेशन नहीं

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सरकार ने ज्यादातर सुविधाएं ऑनलाइन कर दिया है। इससे जनता को त्वरित सुविधाओं का लाभ मिलने लगा है। लेकिन सिस्टम और सॉफ्टवेयर अब इतने पुराने हो गए हैं कि वे लोड नहीं उठा पा रहे हैं। इस कारण लोगों के काम अटक रहे हैं। गौरतलब है कि सिस्टम को पारदर्शी और जनता को बेहतर सुविधा देने के लिए ज्यादातर सेवाएं ऑनलाइन की गईं हैं। कलेक्टोरेट से संबंधित 95 फीसदी सेवाएं आॅनलाइन हो चुकी हैं। सेवाओं को बढ़ाने के साथ करीब छह साल पुराने सिस्टम- सॉफ्टवेयर को अब अपडेट करने की जरूरत है।  सरकार ने सभी सुविधाओं को आॅनलाइन तो कर दिया, लेकिन सिस्टम अपडेशन पर ध्यान नहीं दिया। पिछले दो साल कोरोना के चलते सॉफ्टवेयर पर इतना लोड नहीं था, लेकिन स्थितियां सामान्य होते ही इन पर भार आने लगा है। अगर जल्द ही आरसीएमएस, सम्पदा और एईपीडीएस जैसे सॉफ्टवेयरों को अपडेट नहीं किया तो आम जनता के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। ई गवर्नेस शाखा प्रभारी विकास गुप्ता कहते हैं कि राजस्व से जुड़ी सुविधाएं, जुड़े केस आरसीएमएस सॉफ्टवेयर से संचालित होते हैं। पिछले कुछ समय से इसमें परेशानी आ रही है। जल्द ही ये समस्या ठीक हो जाएगी।
राजस्व, रजिस्ट्री और राशन के सॉफ्टवेयर पर सबसे अधिक भार
जानकारी के अनुसार सबसे अधिक राजस्व, रजिस्ट्री और राशन के सॉफ्टवेयर पर भार बढ़ा है। 1 अप्रेल 2016 को रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर को भोपाल सहित मप्र के पांच जिलों में शुरू किया गया था। प्रदेश की 1500 कोर्ट, भोपाल की 32 राजस्व कोर्ट, लोकसेवा गारंटी केंद्र, एमपी  ऑनलाइन, राजस्व केस, नामांतरण, सीमांकन, बंटान, भू आवंटन, इडब्ल्यूएस व अन्य सेवाओं के आवेदन होते हैं। ई-रजिस्ट्री के लिए वेब आधारित सॉफ्टवेयर है। ये स्वान कनेक्टिविटी से संचालित होता है। सम्पदा सॉफ्टवेयर को समय के साथ अपडेट किया जा रहा है।

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