प्रदेश के तीन दर्जन अफसर… नहीं बन पाएंगे आईएएस

आईएएस
  • किसी की सीआर खराब तो कोई कर चुका है आयु सीमा पार

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
    प्रदेश में तीन दर्जन ऐसे राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं , जो शायद ही भविष्य में आईएएस अफसर बन पाएं। यह वे अफसर है जिनकी खराब सीआर की वजह से उन्हें बीते पांच सालों से पदोन्नति से रोका जा रहा है।
    इन पांच सालों में ऐसे अफसरों की संख्या 41 बनी हुई है। खास बात यह है कि इनमें से दो अफसरों की कार्यशैली तो ऐसी रही है, जिसकी वजह से उन्हें बर्खास्त तक किया जा चुका है। इसके अलावा चार अफसर ऐसे हैं जो अब इस पदोन्नति के लिए तय आयु सीमा को पूरा कर लेने की वजह से इस दायरे से ही बाहर हो चुके हैं। यही नहीं तीन अफसर ऐसे हैं जिनकी जांच अब भी जारी है। ऐसा नहीं है कि इस तरह का मामला सिर्फ राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों का ही है , बल्कि यही हाल राज्य पुलिस सेवा के कुछ अफसरों का भी है। राज्य पुलिस सेवा के दो अफसर भी इन दिनों जांच के घेरे में बने हुए हैं। दरअसल राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में पदोन्नति के लिए एक पद के विरुद्ध तीन अधिकारियों के नाम संघ लोक सेवा आयोग को प्रस्तावित किए जाते हैं। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भेजने से पहले मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेना होता है। राज्य सेवा के अफसरों को अखिल भारतीय सेवा में पदोन्नति के लिए पांच साल का सर्विस रिकार्ड देखा जाता है। विभागीय जांच का सामना कर रहे अफसर का भी नाम इसमें प्रस्तावित किया जाता है , लेकिन विभागीय पदोन्नति समिति उनके नाम को तब तक रोकती रहती है जब तक उसके खिलाफ जांच समाप्त नहीं हो जाती है। इसका उदाहरण 1984 बैच के अधिकारी मूलचंद वर्मा हैं। उनका नाम 2016 से लगातार प्रस्तावित किया जा रहा है, लेकिन विभागीय जांच चलने की वजह से वे अब तक आइएएस संवर्ग में पदोन्नत नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह से अब तो वे आईएएस बनने के लिए तय अधिकतम आयु सीमा 56 साल को भी पार कर चुके हैं। इसी तरह से दूसरे अफसर हैं मोहन लाल आर्य । आर्य भी तय आयु सीमा को पार कर चुके हैं। यह बात अलग है कि उनकी विभागीय जांच समाप्त हो चुकी है। इसके अलावा जिन दो अफसरों की बर्खास्तगी हो चुकी है उनमें  निलय सतभैया और जेड यू शेख शामिल हैं। एक अन्य अधिकारी धर्मेंद्र कुमार सिंह की मृत्यु हो चुकी है।
    विभागीय जांच की वजह से यह अटके
    राज्य प्रशासनिक सेवा के जिन अफसरों की विभागीय जांच चल रही है उनमें बसंत कुर्रे, शिवपाल और ललित कुमार दाहिमा भी शामिल हैं। इसकी वजह से इन्हें जांच समाप्त होने का इंतजार करना पड़ रहा है। इसी तरह से 1994 बैच के विवेक सिंह और 1995 बैच के अधिकारी पंकज शर्मा को भी आईएएस संवर्ग में पदोन्नति नहीं मिल सकेगी। इसकी वजह है उनके खिलाफ भी जांच लंबित होना। यह दोनों अफसर अगले साल की पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू होने तक तय अधिकतम आयु सीमा के दायरे की वजह से अपात्र हो जाएंगे। यही स्थिति राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा और देवेन्द्र सिरोलिया की भी बनी हुई है।

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