होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा मुख्यालय के पत्र से मची खलबली

 नागरिक सुरक्षा मुख्यालय

– मृत्यु बाद मिलने वाली कल्याण निधि की बंद
-सैनिकों के परिवार के जीविकोपार्जन का आखरी आसरा भी खत्म
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा मुख्यालय मप्र की सीनियर स्टाफ ऑफिसर के एक पत्र ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है। दरअसल, डिवीजनल और डिस्ट्रिक्ट कमाण्डेंट को भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि शासकीय अधिकारी, कर्मचारी एवं स्वयं सेवकों की मृत्यु उपरांत उनके वैध उत्तराधिकारी को आर्थिक सहायता राशि 75 हजार रुपए की कल्याण निधि को निरस्त किया गया है। इसलिए भविष्य में उक्त राशि के संबंध में प्रस्ताव मुख्यालय न भेजे जाएं।  गौरतलब है कि प्रदेश के होमगार्ड सैनिक पहले से ही कई समस्याओं से परेशान हैं। ऐसे में प्रदेश में होमगार्ड के शासकीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयं सेवकों की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारी को 75 हजार रुपए की कल्याण निधि देने के प्रावधान को बंद करने संबंधी जारी एक आदेश से महकमे में खलबली मच गई है। हालांकि अतिरिक्त महानिदेशक होमगार्ड डीपी गुप्ता का कहना है कि कल्याण निधि से मिलने वाली कोई भी सहायता बंद नहीं की गई है। 75 हजार रुपए की कल्याण निधि देना यथावत है। अगर बंद होने संबंधी कोई निर्णय 2019 में लिया गया है तो इसकी जानकारी नहीं है। आदेश मिलने पर परीक्षण कराया जाएगा।
कई सुविधाएं पूर्व में कर दी गई बंद
प्रदेश में होमगार्ड सैनिकों को मिलने वाली कई सुविधाएं पूर्व में बंद कर दी गई हैं। सैनिक की मौत पर अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपए आर्थिक सहायता मिलती थी। अब एक हजार रुपए कर दिया गया है। वहीं 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर इनाम मिलना बंद हो गया है। इसके स्थान पर प्रावधान किया गया कि बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए कल्याण निधि से पूरी फीस दी जाएगी। जैसे कि एमबीबीएस, बीडीएस, बी फॉमेर्सी, इंजीनियरिंग और डिप्लोमा के लिए। निर्णय लिया गया कि जिनके बच्चे हायर सेकंडरी आदि में 85 प्रतिशत या इससे अधिक अंक लाएंगे उन्हें उच्च शिक्षा के लिए केन्द्रीय कल्याण निधि से छात्रवृत्ति दी जाएगी। जबकि इसके पहले 60 प्रतिशत अंक लाने की शर्त थी।
पत्र में अक्टूबर 2019 की कांफ्रेंस का हवाला
दरअसल, 8 फरवरी को होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा मुख्यालय मध्यप्रदेश की सीनियर स्टाफ ऑफिसर ने डिवीजनल और डिस्ट्रिक्ट कमाण्डेंट को पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि शासकीय अधिकारी, कर्मचारी एवं स्वयं सेवकों की मृत्यु उपरांत उनके वैध उत्तराधिकारी को आर्थिक सहायता राशि 75 हजार रुपए कल्याण निधि से दिए जाने का प्रावधान था जिसे 3 से 5 अक्टूबर 2019 की कांफ्रेंस में लिए गए निर्णय अनुसार निरस्त किया गया है। इसलिए भविष्य में उक्त राशि के संबंध में प्रस्ताव मुख्यालय न भेजे जाएं। वहीं 3 से 5 अक्टूबर 2019 के सम्मेलन के दौरान लिए गए निर्णयों पर कार्यवाही विवरण देखा गया तो 75 हजार रुपए कल्याण निधि बंद करने संबंधी निर्णय का जिक्र होना नजर नहीं आया। जबकि सैनिकों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं में बदलाव किए जाने की जानकारी है।

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