
- कान्ह से निकलने वाले औद्योगिक पानी, रसायनों का होगा अध्ययन
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित क्षिप्रा नदी के जल को पावन-पवित्र बनाने के लिए 500 करोड़ रूपए की लागत से एक टनल बनाई जाएगी। टनल इंदौर की कान्ह नदी के बगल से बनाई जाएगी। उज्जैन के आगे स्टॉप डैम बनाया जाएगा, जहां उस पानी को छोड़ा जाएगा।
इसके बाद डैम का पानी क्षिप्रा में मिलेगा। जानकारी के अनुसार इंदौर की कान्ह नदी के जरिए सीवरेज और उद्योगों के रसायनयुक्त पानी को उज्जैन के पास क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने करीब 25 किमी की यह टनल बनाई जाएगी। इसकी क्षमता 30 हजार लीटर प्रति सेकंड के हिसाब से जल प्रवाह की होगी। टनल की लागत 500 करोड़ रुपए के आसपास होगी। फिलहाल कान्ह से निकलने वाले औद्योगिक पानी, रसायनों का अध्ययन कराया जाएगा। देखा जाएगा कि कहीं इन रसायनों से सीमेंट कांक्रीट युक्त टनल को क्षति तो नहीं पहुंचेगी। बताया जाता है कि वर्तमान में सीवरेज के पानी को बांध तक पहुंचाने 5 हजार लीटर प्रति सेकंड के हिसाब से सिंहस्थ के दौरान लाइन डाली गई थी, लेकिन इंदौर शहर से इस समय दस हजार लीटर प्रति सेकंड पानी निकल रहा है, जो दस वर्ष में 30 हजार लीटर प्रति सेकंड तक होने का अनुमान है।
भोपाल-इंदौर में भी सीवरेज कनेक्शन का इंतजार
भोपाल-इंदौर सहित प्रदेश के 34 शहरों के लोगों को सीवरेज कनेक्शन का इंतजार है। इन शहरों में एक साल पहले सीवरेज नेटवर्क तैयार हो गया है, लेकिन कनेक्शन घरों से नहीं किया गया है। कंपनियों को फिलहाल इसके लिए कोई राशि नहीं मिली है। निकाय यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि घरों में सीवरेज कनेक्शन करने उपभोक्ताओं से कितनी राशि लेनी है। हर माह कितना बिल वसूला जाना है। जब तक निकाय यह निर्णय नहीं लेंगे तब तक कनेक्शन नहीं होगा।