प्रदेश में स्कूल खुलेंगे या बंद रहेंगे फैसला जिले में ही होगा

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भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना संक्रमण के चलते बीते एक साल से बंद चल रहे स्कूल नए सत्र से खुलेंगे या फिर बंद रहेंगे इसका फैसला जिला स्तर पर ही किया जाएगा। इसकी वजह है अलग-अलग जिलों में कोरोना की अलग-अलग स्थिति। इसके लिए जिला स्तर पर प्रस्ताव तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि मौजूदा स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि अभी कम से कम दो माह और स्कूल खुलना संभव नहीं है। इस बीच स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों, शिक्षकों, बच्चों से 12 जून तक सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों के आधार पर ही मंत्री समूह स्कूल खोलने को लेकर अपनी राय सरकार को देंगे। दरअसल कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की चेतावनी स्वास्थ्य संगठनों एवं वैज्ञानिकों द्वारा दी गई है। इस तीसरी लहर में बच्चों के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। इसी वजह से सरकार द्वारा इस तरह की कवायद की जा रही है। यह बात अलग है कि सरकार ने 15 जून से ऑनलाइन शैक्षणिक सत्र की शुरुआत करने का तय कर लिया है। माना जा रहा है कि कोरोना पर पूरी तरह से काबू होने के बाद स्कूल खोले जाएंगे, जिसका फैसला जिला स्तर पर ही लिया जाएगा।  विभाग का कहना है कि पहले स्कूल खोलने को लेकर राज्य स्तर पर निर्णय होते थे, अब कोरोना संक्रमण के हालात, जिले और स्कूलों में मौजूद संसाधनों के आधार पर निर्णय लिए जाने का फैसला किया गया है। जिसके अधिकार कलेक्टर और जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को देने की तैयारी की जा रही है।  कमेटी से कहा जाएगा कि वह अपने यहां के शिक्षाविदों, एक्सपर्ट्स और स्कूल संचालकों से चर्चा करके फैसला लें। यह बात अलग है कि अब तक इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
फार्मूला पर किया जा रहा काम
स्कूल खोलने के लिए सरकार स्तर पर फार्मूला तैयार करने का काम किया जा रहा है। इसके तहत जहां न्यूनतम 50 फीसदी लोगों को पहली वैक्सीन लगी हो और संक्रमण दर न्यूनतम स्तर पर होगी वहां स्कूल खोलने पर पहले विचार किया जाएगा। इसके लिए संक्रमण दर के साथ छोटे बच्चों के माता-पिता के वैक्सीनेशन की मॉनिटरिंग की जाएगी। स्कूल खोलने से पहले शिक्षक और निजी स्कूलों के संचालकों से उनकी तैयारी की जानकारी ली जाएगी। इसमें भी पहले 12वीं और 10वीं की कक्षाएं शुरू करने की योजना है। इसके बाद नौवीं-11वीं की और उसके बाद छठीं से आठवीं और सबसे अंत में पहली से पांचवीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी।

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