जीत के जश्न में डूबी टीम इंडिया….पंत को किसने दिया था गुरु मंत्र….हार्दिक ने तो इंग्लैंड को धो डाला…

पंत-हार्दिक

नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। लंबे समय के बाद टीम इंडिया को ऐसे जीत के जश्न में डूबे देखा……… कोहली से लेकर तमाम खिलाड़ियों के हाथ में शैम्पेन की बोतल…… कप्तान रोहित पर शेम्पेन की बौछार और मैदान के साथ करोड़ों भारतीयों के दिल में उमड़ा जोश…….. यह सब इंग्लैंड में उस मैदान पर दिखाई दिया जहां लंबे समय से भारत जीत ही हासिल नहीं कर सका था। लेकिन सही मायने में देखा जाए तो इस जीत के हीरो रहे हार्दिक और पंत……. आईए आपको बताते हैं इन दोनों के कौन से करिश्में से टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ सौवीं जीत मिली। भारत ने रविवार को मैनचेस्टर में खेले गए तीसरे और निर्णायक वनडे में वर्ल्ड चौंपियन इंग्लैंड को 47 गेंद शेष रहते 5 विकेट से हराकर 2-1 से सीरीज जीत ली है। भारत ने इस मुकाबले में इंग्लैंड से मिले 260 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय 72 रन तक अपने चार विकेट गंवा दिए थे। हालांकि इसके बाद हार्दिक पांड्या (71) और ऋषभ पंत (नाबाद 125) ने पांचवें विकेट के लिए 133 रनों की साझेदारी करके भारत को रोमांचक जीत के साथ-साथ 2-1 से सीरीज भी दिला दी। पंत ने शतक लगााया तो हार्दिक ने इस मुकाबले में बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में भी ऑलराउंड प्रदर्शन किया। उन्होंने गेंदबाजी में भी चार विकेट चटकाए। हार्दिक ने मुकाबले में अर्धशतक बनाने के साथ साथ चार विकेट भी चटकाए। उन्होंने अब तीनों फॉर्मेट में 50$ रन और 4$ विकेट हासिल कर लिया है और वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। ऑलराउंडर हार्दिक ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में शानदार गेंदबाजी करते हुए 7 ओवर में तीन मेडन रखते हुए केवल 24 रन खर्च किए और 4 विकेट चटकाए। इसके बाद बल्लेबाजी में भी उन्होंने 55 गेंदों पर 10 चौकों के सहारे 71 रन की शानदार पारी खेली। हालांकि इसे संयोग कहें या दिलचस्प, हार्दिक ने तीनों फॉर्मेट में इंग्लैंड के खिलाफ ही यह कारनामा किया है। वनडे में यह कीर्तिमान कायम करने से पहले उन्होंने टेस्ट में 2018 में नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ ही नाबाद 52 रन बनाने के अलावा 28 रन देकर 5 विकेट भी झटके थे। इसके अलावा टी20 इंटरनेशनल में भी उन्होंने 2022 में ही साउथम्पटन में ही 51 रन बनाने के अलावा 33 रन देकर चार विकेट चटकाए थे। हार्दिक दुनिया के दूसरे मात्र ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने तीनों फॉर्मेट में 50 रन बनाने के अलावा चार या उससे ज्यादा विकेट भी चटकाए हैं। हार्दिक से पहले पाकिस्तान के मोहम्मद हफीज यह उपलब्धि अपने नाम कर चुके हैं। हार्दिक वनडे में 50$ रन और 4$ विकेट लेने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं। उनसे पहले के श्रीकांत, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और युवराज सिंह यह कारनामा कर चुके हैं। अब आपको एक अंदर की बात और बताते हैं…..मैनचेस्टर वन-डे से ठीक एक दिन पहले टीम इंडिया का अभ्यास सत्र था. विराट कोहली और ईशान किशन की जोड़ी सबसे पहले नैट पर गयी. काफी पसीना बहाया था लेकिन, ना तो कप्तान रोहित शर्मा नैट पर दिखे और ना ही ऋषभ पंत. ये दोनों खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में ही रहे और उसके बाद जब वो पवेलियन में आये तो बेहद खुश मूड में दिखे.लेकिन, इसके कुछ देर बाद पंत सीढ़ियों से उतरकर मुख्य मैदान में जाते हैं और वहां वो कोच राहुल द्रविड़ के साथ काफी लंबी देर तक बातचीत में जुट जाते है। दूरी की वजह से ये सुनाई नहीं पड़ा कि कोच और पंत के बीच क्या बातचीत हो रही थी लेकिन द्रविड़ के बल्लेबाज़ी करने के इशारे को देखते हुए ये साफ था कि वो पंत को अपने तरीके से वन-डे क्रिकेट में बल्लेबाज़ी करने के गुर सिखा रहे थे.दरअसल, द्रविड़ की शैली पंत से बिलकुल जुदा है लेकिन वो भी कोच की ही तरह टेस्ट क्रिकेट में अपना लोहा पहले मनवा चुके हैं. उनके कोच भी वन-डे क्रिकेट के शुरुआती दौर में संघर्ष करते दिखे लेकिन बाद में अपने जुनून औऱ अनुशासन के चलते 10 हज़ार से ज़्यादा रन बनाने में कामयाब हुए थे. द्रविड़ शायद पंत को यही कहना चाहते थे कि उनमें असीमित प्रतिभा है और अगर उन्होंने विकेट पर टिकने की ठान ली तो उन्हें टेस्ट की तरह वन-डे में भी बड़ी पारियां खेलने से कोई नहीं रोक सकता. इस दौरान पंत पूरे ध्यान से द्रविड़ की उन बातों को गहराई से देख रहे थे जहां कोच उन्हें ये बता रहे थे कि कैसे उन्हें अपने शॉट्स का चयन करना है.24 घंटे बाद जब द्रविड़ ने पंत को एक बेहद शानदार पारी खेलकर टीम इंडिया को मैच जीताते हुए देखा तो अनायास ही अपने बचपन के उस अध्यापक की याद ज़ेहन में ताज़ा हो गई जिन्होंने परीक्षा से ठीक एक दिन पहले आपको अच्छे तरीका से समझाया हो और आप उसमें ना सिर्फ़ पास होते हैं बल्कि 100 में 100 हासिल करते हैं. पंत की शतकीय पारी ने वन-डे क्रिकेट में टीम इंडिया को एक बड़ी उम्मीद दी है. उन्होंने इस मैच में नाबाद 125 रन बनाए. पंत धोनी की तरह फिनिशर तो नहीं हैं लेकिन मध्य क्रम में वो भी गियर बदलने में काबिल हैं जिसका असली सबूत उन्होंने मैनचेस्टर में दिया. लेकिन, पंत ही इकलौते रूप में इस मैच के सबसे बड़े हीरो नहीं थे. उल्टा पंड्या ने तो पंत से भी बेहतर खेल दिखाया, गेंद से पहले नाज़ुक लम्हों में चार विकेट लिए तो उसके बाद एक टाइट चेज़ में अर्ध शतक जमाया. मैच ख़त्म होने के बाद पंड्या ने प्रेस कांफ्रेस में साफ़-साफ़ कहा कि पंत के साथ उन्हें बल्लेबाज़ी करने में मज़ा आया और मैच के दौरान अक्सर पंत को हौसला अफ़जाई करने में उन्होंने अहम भूमिका अदा की।

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