
नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। ओलंपिक खेलों की शुरुआत आज से कुछ ही दिन के बाद जापान के टोक्यो शहर में होने वाली है. खेलों के इस महाकुंभ के लिए सभी देशों के खिलाड़ियों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. अक्सर देखा जाता है कि ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ी अक्सर अपने मुंह से ओलंपिक पदक को काटते हैं. खिलाड़ी ऐसा क्यों करते हैं, इसके पीछे एक बहुत ही खास वजह है।खिलाड़ी अपने मुंह में अपने ओलंपिक पदक को क्यों दबाते हैं इसके पीछे एक बहुत ही खास वजह है. ब्छछ की रिपोर्ट के अनुसार खिलाड़ी ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि सोना अन्य धातुओं की तुलना में थोड़ा नरम और लचीला होता है. इसे मुंह में दबाकर खिलाड़ी ये निर्धारित करते हैं कि मेडल असली सोने का है भी या नहीं. लेकिन इसके अलावा ज्यादातर खिलाड़ी फोटो क्लिक करवाने के लिए अपने मेडल को अपने मुंह में दबाते हैं।खिलाड़ियों को उनका मेडल मुंह में दबाने के लिए कई बार फोटोग्राफर भी कहते हैं. बता दें कि सालों पहले खिलाड़ियों को शुद्ध सोने का मेडल पहनाया जाता था, लेकिन अब मेडल सिर्फ गोल्ड प्लेटेड होते हैं। अगर मेडल पर काटने पर उसपर निशान बन जाते हैं तो इससे पता चल जाता है कि ये मेडल सोने का ही था।अपने जीते हुए मेडल को मुंह में दबाने का काम अब लगभग हर खिलाड़ी करता है. ऐसा ज्यादातर फोटो खिंचवाने के लिए ही किया जाता है. आज कल के खिलाड़ियों को तो शायद पता भी नहीं है कि सालों पहले खिलाड़ी ऐसा क्यों किया करते थे. आने वाले टोक्यो ओलंपिक में भी हजारों खिलाड़ियों को एक बार फिर से ऐसा करते हुए देखा जाएगा।