
नई दिल्ली। भारतीय पुरुष युगल बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा प्रसाद गारगाा ने गुरुवार को डोपिंग उल्लंघन के लिए चार साल के लिए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद किसी भी प्रतिबंधित पदार्थ को लेने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह परिणाम हार्मोनल मुद्दों का परिणाम हो सकता है। भारत के थॉमस कप विजेता टीम के सदस्य रहे गारगा पर प्रतिबंध लग चुका है जबकि महिला युगल खिलाड़ी श्वेतापर्णा पांडा को भी इसी तरह के प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को उनके नमूनों में भी प्रतिबंधित पदार्थ मिले हैं।
साई प्रतीक के साथ जोड़ी बनाकर खेलने वाले गारगा के नमूने की जांच में पिछले साल सितंबर में ‘ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी)’ की पुष्टि हुई थी। एचसीजी प्रतिबंधित पदार्ध की सूची में है। गारगा ने अपने प्रतिबंध के खिलाफ अपील भी की लेकिन वह नाडा को समझाने में विफल रहे। 24 वर्षीय शटलर ने कहा- मैं 100 प्रतिशत आश्वस्त हूं कि मेरे शरीर में कोई भी प्रतिबंधित पदार्थ नहीं गया है। बैडमिंटन में डोपिंग बिल्कुल भी आम बात नहीं है और मेरे लिए इस संबंध में कुछ भी करने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि मैं अच्छा खेल रहा था। ऐसा नहीं है कि मेरे सामने कोई टूर्नामेंट था। यह एक हार्मोनल आकलन है जो ऊपर और नीचे होता रहता है।
गारगा ने कहा कि उन्होंने अपने नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ मिलने के खिलाफ नाडा में अपील दायर की थी लेकिन उन्हें नाडा से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा- हमने इसके खिलाफ अपील की है और मुझे नाडा से जवाब का इंतजार है। एक महीना हो गया लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। मैं मई में अमेरिका और कनाडा में अभ्यास कर रहा था जब मुझे नाडा का ई-मेल मिला कि मेरे एचसीजी का स्तर बढ़ हुआ है। मुझे किसी ने इसके परिणाम के बारे में नहीं बताया इसलिए मैंने उस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। दक्षिण एशियाई खेलों 2019 की चैंपियन जोड़ी के इस सदस्य ने कहा कि वहां से वापस आने के बाद मुझे नाडा का निलंबन का आदेश मिला। उन्होंने कहा- मैंने इसके बाद एक वकील की मदद से नाडा के पैनल के सामने अपना मत रखा। दुर्भाग्य से वह (वकील) पैनल को मेरी बेगुनाही के बारे में आश्वस्त नहीं कर सके और फैसला मेरे खिलाफ हो गया। मैं (भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष) हिमंता (बिस्वा सरमा) सर से भी बात करने की कोशिश कर रहा हूं। मैंने अपना मामला उनके सामने रख दिया है।