
नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। जिसे भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत की बेटी के खिताब से नवाजा था और जिसने भारत का सर विश्व खेलों में गर्व से ऊंचा कर दिया था उसी कर्णम मल्लेश्वरी को अब भारत की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का कुलपति बना दिया गया है। आयरन लेडी के नाम से मशहूर कर्णम के लिए और देशवासियों के लिए यह गौरव की बात है।ओलंपिक मेडल जीतने वालीं भारत की पहली महिला वेटलिफ्टर खिलाड़ी कर्णम मल्लेश्वरी को दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की पहली कुलपति बनीं। मल्लेश्वरी को दिल्ली सरकार ने नियुक्त किया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि मुझे ये कहते हुए बेहद गर्व है कि ओलम्पिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी जी पहली कुलपति होंगी। आज उनके साथ मुलाकात हुई और विस्तार से चर्चा हुई। भारतीय वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला एथलीट हैं। ये प्रतिष्ठित सम्मान उन्होंने साल 2000 में हासिल किया था।
आंध्र प्रदेश के वोसवानिपेटा हैमलेट में जन्मी कर्णम मल्लेश्वरी का बचपन से खेलों की तरफ झुकाव रहा। घरवालों ने भी उनका खूब सपोर्ट किया। कर्णम मल्लेश्वरी ने 12 साल की उम्र में खेल की दिशा में अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। पूरी दुनिया ने उनका नाम तब जाना जब 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम ने ये मुकाम हासिल किया। कुल 240 किलोग्राम में उन्होंने स्नैच श्रेणी में 110 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 130 किलोग्राम भार उठाते हुए, कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।कर्णम जब ऐतिहासिक जीत के बाद हिंदुस्तान वापस लौटीं तो लोगों ने प्यार से उनको द आयरन लेडी बुलाने लगे। वो अब तक ओलंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला वेटलिफ्टर बनी हुई हैं। जब वो भारत आईं थी उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनको भारत की बेटी से संबोधित किया था। वो खुद कहती हैं कि ये पदक सिर्फ मुझे नहीं पूरे देश को गौरवान्वित करता है। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे उस दिन बाद में बुलाया। उन्होंने मुझे बधाई दी और मुझे ‘भारत की बेटी’ कहा।