
चेन्नई। भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बुधवार को एफआईएच पुरुष जूनियर विश्व कप में अर्जेंटीना को 4-2 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। भारत ने लखनऊ में 2016 में इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था, लेकिन टीम पिछले दो संस्करणों में पोडियम फिनिश करने में असफल रही थी। इस तरह नौ साल बाद भारतीय पुरुष टीम को जूनियर हॉकी विश्व कप में पदक मिला है। भारत के लिए अंकित पाल (49वें मिनट), मनमीत सिंह (52वें मिनट) और अनमोल एक्का (58वें मिनट) ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किए, जबकि शारदा नंद तिवारी ने 57वें मिनट में गोल दागा। पहले दो क्वार्टर में अर्जेंटीना की टीम मजबूत नजर आ रही थी और भारतीय टीम गोल करने के लिए संघर्ष कर रही थी। अर्जेंटीना के लिए निकोलस रॉड्रिग्ज ने तीसरे और सांतियागो फर्नांडेज ने 44वें मिनट में गोल दागा।
भारत ने दो बार इस टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया है। भारतीय टीम होबार्ट 2001 और लखनऊ 2016 में चैम्पियन रही, लेकिन टीम ने आखिरी बार नौ साल पहले कोई पदक जीता था। पिछले दो बार टीम कांस्य पदक का मुकाबला हारकर चौथे स्थान पर रही थी। भारत फाइनल में पिछड़ रहा था, लेकिन आखिरी 11 मिनट में चार गोल करके भारत ने 2021 की चैंपियन अर्जेंटीना को कांस्य पदक के प्लेआफ मुकाबले में हराया।
तीन क्वार्टर तक दो गोल से पिछड़ने के बाद भारत ने शानदार वापसी करते हुए आखिरी क्वार्टर में दनादन चार गोल करके खचाखच भरे मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में मानो जान फूंक दी। पहले 49वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को अंकित ने गोल में बदलकर भारत का खाता खोला। वहीं, 52वें मिनट में भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अनमोल के शॉट पर गेंद डिफ्लैक्ट होकर मनमीत की स्टिक से टकराकर गोल के भीतर गई। स्कोर 2-2 से बराबर होने के बाद लग रहा था कि मैच शूटआउट में जाएगा, लेकिन आखिरी सीटी बजने से तीन मिनट बाकी रहते भारत को अहम पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे शारदा नंद तिवारी ने गोल में बदलकर पहली बार भारत को बढ़त दिलाई। अर्जेंटीना को अगले मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस टूर्नामेंट की खोज रहे गोलकीपर प्रिंसदीप सिंह ने एक बार फिर शानदार बचाव किया। भारत को 58वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को अनमोल ने गोल में बदला और टीम को शानदार जीत दिलाई।
