
बिच्छू डॉट कॉम। इंग्लैंड क्रिकेट टीम की रोटेशन नीति को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं। इंग्लैंड रोटेशन नीति के तहत अपने प्रमुख खिलाड़ियों को आराम देती है। इस साल की शुरुआत में हुए भारत दौरे में भी उसने इसे अपनाया। इंग्लैंड को भारत ने घरेलू टेस्ट सीरीज में 3-1 से मात दी। इसके बाद डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले न्यूजीलैंड के साथ हुई टेस्ट सीरीज में भी उसे 1-0 से मात मिली। अपनी पिछली गलतियों से सबक लेते हुए इंग्लेंड की टेस्ट टीम के कप्तान जो रूट ने संकेत दिए थे कि भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज और एशेज में वो अपने प्रमुख खिलाड़ियों के साथ उतरेगी। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर इयान बॉथम ने रोटेशन नीति की जमकर आलोचना की और इसे लागू करने के लिए थिंक टैंक को जमकर लताड़ा। इयान बॉथम ने डेली मेल में लिखा कि मुझे यकीन नहीं है कि हम सही खिलाड़ियों को चुन रहे हैं। रोटेशन, मुझे लगता है सबसे बड़ी गलती है। यह पूरी तरह से कचरा है। मैं आपको बताता हूं कि जब मैं क्रिकेट खेल रहा होता, तो शायद ही ये पसंद करता कि कुछ टेस्ट मैच में अच्छे प्रदर्शन के बाद कोई मुझे कहता है कि अब तुम आराम करो। जो रूट ने हाल ही में खुलासा किया था कि हम अब ऐसे समयमें आ रहे हैं जहां आराम और रोटेशन को पीछे रखना होगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में अगर कोई फिट है तो हम अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ उतरेंगे। यह वास्तव में रोमांचक है और मैं इसके लिए बहुत उत्सुक हूं।
हाल के दिनों में इंग्लैंड के कई पूर्व क्रिकेटरों मे इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट की उसकी रोटेशन नीति को लेकर जमकर आलोचना की है। इसमें माइकल वॉन और एलिस्टर कुक प्रमुख हैं। कई लोगों ने महसूस किया कि इंग्लैंड की टीम ने टेस्ट में मैनेजमेंट की रोटेशन नीति की अपना लिया है जबकि लिमिटेड ओवर की सीरीज में वो अपने सभी प्रमुख खिलाड़ियों को हर सीरीज में रिटेन करती है।