
नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। दुबई में खेले जा रहे आईपीएल में मध्यप्रदेश का एक क्रिकेटर जलवा दिखा रहा है….. ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से सबका चहेता बनने वाले इस क्रिकेटर का नाम है वेंकटेश अय्यर…….. इंदौर के रहने वाले वेंकटेश कभी सीए बनना चाहते थे लेकिन क्रिकेट के नशे ने उन्हें सीए से जुदा करके मैदान में खींच लिया…. जानिए वेंकटेश के इस सफर के बारे में। वेंकटेश का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ. वेंकटेश के पिता मानव संसाधन सलाहकार यानी ह्यूमन रिसोर्स कंसलटेंट हैं. और मां ने कई साल तक अस्पताल प्रबंधन में काम किया है. वेंकटेश एक साउथ इंडियन परिवार से आते हैं. लेकिन उनका परिवार एक स्टीरियोटाइप वाले साउथ इंडियन परिवार से बिल्कुल हटकर था. वेंकी के परिवार ने उन्हें पढ़ाई से ज्यादा खेल पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया. वेंकटेश कहते हैं….‘सच कहूं तो मैंने खेलना तब शुरू किया, जब मेरी मां ने मुझ पर घर बैठकर किताबों में घुसे रहने की बजाय बाहर जाकर खेलने का प्रेशर डाला.’ हालांकि इतने प्रेशर के बाद भी अय्यर 19 साल की उम्र तक क्रिकेट सिर्फ मजे के लिए ही खेलते थे. इसमें करियर बनाने जैसा कोई प्लान नहीं था. उन्हें ज्यादा मजा पढ़ाई में ही आता था। का इंटरमीडिएट एग्जाम भी निकाल लिया. लेकिन तब तक अय्यर मध्य प्रदेश की सीनियर टीम के लिए टी20 और 50 ओवर में अपना डेब्यू कर चुके थे. और फिर वेंकटेश ने सीए की पढ़ाई छोड़ एमबीए में एडमिशन ले लिया. लेकिन अब तक उनका मन क्रिकेट में भी लगने लगा था. और अब उन्हें मिलने वाला सपोर्ट भी घर से निकलकर कॉलेज तक आ गया था. कॉलेज के मैनेजमेंट ने उन्हें अटेंडेंस वगैरह के लोड से पूरी तरह दूर रखा. लेकिन दुनिया जानती है कि भारत में क्रिकेट में करियर बनाना आसान नहीं है. ऐसे में अय्यर ने पढ़ाई का दामन भी पकड़कर रखा. और साल 2018 में एक अकाउंटिंग फर्म ने उन्हें जॉब ऑफर की. अब अय्यर को शायद आखिरी बार पढ़ाई और खेल में से किसी एक को चुनना था और उन्होंने क्रिकेट को चुना. अय्यर साल 2015 से मध्य प्रदेश के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने लगे थे. और रणजी ट्रॉफी तक पहुंचने के लिए भी उन्हें ज्यादा समय नहीं लगा. अय्यर को साल 2018-19 के रणजी ट्रॉफी सीजन के लिए चुना गया. और फिर साल 2020-21 में उन्हें मध्य प्रदेश की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी की टीम में चुना गया. अय्यर ने इस टूर्नामेंट की पांच पारियों में डच् के लिए सर्वाधिक 227 रन बनाए. अय्यर ने यह रन 75.66 की एवरेज और 149.34 की स्ट्राइक रेट से बनाए. और फिर उसके बाद हुई विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने पंजाब के खिलाफ 146 गेंद में 198 रन कूट दिए. 50 ओवर फॉर्मेट में आई इस पारी ने बचा हुआ काम भी पक्का कर दिया और अब अय्यर पूरी तरह से लाइमलाइट में आ चुके थे. इसी प्रदर्शन के दम पर केकेआर ने अय्यर को आईपीएल 2021 के लिए अपनी टीम में शामिल कर लिया. हालांकि फर्स्ट लेग में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन जैसे ही आईपीएल 2021 का दूसरा लेग आया, अय्यर की किस्मत ने करवट ली. और 20 सितम्बर 2021 को फाइनली उन्हें डेब्यू करने का मौका मिला. मुक़ाबला था रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम से. अपने पहले ही मैच में अय्यर ने एक छक्के और सात चौकों की मदद से 27 गेंद पर 41 रन की नाबाद पारी खेली और सबको अपने हुनर से वाक़िफ करा दिया पहले मैच में अय्यर पचासा बनाने से चूक गए लेकिन उसकी भरपाई उन्होंने अपने दूसरे मैच में का दी. 23 सितम्बर को मुंबई इंडियंस के खिलाफ हुए मैच में अय्यर ने फिर से एक शानदार पारी खेली और इस बार भी अपनी टीम की जीत में अहम योगदान निभाया. अय्यर ने अपनी पारी की शुरुआत ही ट्रेंट बोल्ट को जबरदस्त छक्का जड़कर की. उसके बाद अय्यर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और महज़ 30 गेंदों में 53 रन की बहुमूल्य पारी खेली. अय्यर ने इस पारी में तीन छक्के और चार चौके जड़े।