हैप्पी बर्थडे रवींद्र जडेजा… कैसे क्रिकेट का रॉकस्टार बन गया सिक्योरिटी गार्ड का बेटा…!

रवींद्र जडेजा

नयी दिल्ली /बिच्छू डॉट कॉम।  टीम इंडिया के हरफनमौला रवींद्र जडेजा का आज जन्मदिन है वे पूरे 33 बरस के हो गए हैं लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि जडेजा के साथ संघर्ष की एक लंबी दास्तान जुड़ी है। साधारण परिवार में जन्में और सिक्योरिटी गार्ड के बेटे रवींद्र ने यह मुकाम यूं ही हासिल नहीं कर लिया…… आज उन्हें क्रिकेट का रॉकस्टार कहा जाए तो गलत नहीं होगा। 
रवींद्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को गुजरात के जामनगर में नवगाम घेड गांव में हुआ था. जडेजा का जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ था. उनके पिता एक सिक्योरिटी गार्ड थे, जबकि मां नर्स थीं. पिता उन्हें सेना में अफसर बनाना चाहते थे, लेकिन मां ने क्रिकेटर बनने के ख्वाब में मदद की. हालांकि, जब वह 17 साल के थे, तो मां का निधन हो गया और फिर वह क्रिकेट छोड़ने की सोचने लगे और यहां से उनकी बड़ी बहन ने उनके  सपने को पूरा करने में साथ दिया।

टीम इंडिया में दस्तक देने से पहले रवींद्र जडेजा ने अंडर-19 लेवल पर ही अपने जलवे दिखा दिए थे. वह भारत के उन चुनिंदा क्रिकेटरों में से एक हैं, जो दो बार अंडर-19 विश्व कप में खेले. जडेजा ने 2006 और 2008 विश्व कप में हिस्सा लिया था. 2006 के फाइनल में भारत को पाकिस्तान से हार मिली थी, जबकि 2008 के फाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीता था.जडेजा ने 2006  में दलीप ट्रॉफी से अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया. फिर रणजी ट्रॉफी में उन्होंने सौराष्ट्र की टीम के साथ अपना करियर शुरू किया. हालांकि, उन्हें असली पहचान मिली इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सीजन से, जहां 2008 में वह खिताब जीतने वाली राजस्थान रॉयल्स टीम का हिस्सा थे. 2008-09 में घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन और फिर  इंडियन प्रीमियर लीग  में भी प्रभावी खेल के परिणामस्वरूप जडेजा को फरवरी 2009 में वनडे और टी20 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू का मौका मिला।जडेजा के करियर की पहली बड़ी उपलब्धि रणजी ट्रॉफी में आई, जब एक साल के अंदर उन्होंने तीन तिहरे शतक ठोक दिए. जडेजा ने नवंबर 2011 में पहली बार और फिर नवंबर 2012 और दिसंबर 2012 में लगातार दो तिहरे शतक जमाए. इस तरह वह रणजी ट्रॉफी में तीन तिहरे शतक जमाने वाले पहले और आज तक इकलौते बल्लेबाज बने. इस प्रदर्शन का इनाम भी उन्हें मिला और दिसंबर 2012 में ही उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया।जल्द ही जडेजा ने रविचंद्रन अश्विन के साथ टीम इंडिया में स्पिन जोड़ी बनाई. सिर्फ स्पिन ही नहीं, बल्कि बल्लेबाजी में भी जडेजा निचले क्रम में टीम इंडिया की जान बन गए. जडेजा का पहला बड़ा कमाल 2013 की चौंपियंस ट्रॉफी में दिखा था, जहां उन्होंने 5 मैचों में सबसे ज्यादा 12 विकेट हासिल कर भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।

2013 में रवींद्र जडेजा नंबर एक वनडे गेंदबाज बने. 1996 में अनिल कुंबले के बाद पहली बार किसी भारतीय गेंदबाज को पहली रैंक मिली. कुछ वक्त बाद वह टेस्ट में नंबर 1 गेंदबाज और नंबर एक ऑलराउंडर भी बने. 2019 में जडेजा ने 44वें टेस्ट मैच में अपने 200 विकेट पूरे किए और इस तरह सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले बाएं हाथ के गेंदबाज बने।जडेजा मैदान पर अपनी चीते जैसी फुर्ती और सटीक निशाने के लिए जाने जाते हैं. उन्हें मौजूदा दौर का सर्वश्रेष्ठ फील्डर माना जाता है. वहीं अपने खेल के साथ ही अपने अंदाज के कारण भी वह चर्चा में रहते हैं. राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए टीम के कप्तान शेन वॉर्न ने उन्हें रॉकस्टार का नाम दिया था. वहीं उन्हें सबसे पॉपुलर नाम मिला सर जडेजा का, जो उन्हें सोशल मीडिया पर फैंस से मिला. सर जडेजा का सबसे मशहूर रूप है तलवारबाज का. टीम इंडिया या आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए कभी भी अर्धशतक या शतक ठोकने पर रवींद्र जडेजा अपने बल्ले को तलवारबाज की तरह चलाते हैं, जिसके कारण फैंस के बीच उनकी खास पहचान बन गई है।

रवींद्र जडेजा के करियर में सबसे बड़ा मोड़ 2010 में आया था, जब उन्हें पहचान दिलाने वाले आईपीएल में ही उन पर बैन लग गया था. राजस्थान रॉयल्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट में होने के बावजूद वह गुपचुप तरीके से मुंबई इंडियंस से अगली नीलामी के लिए डील कर रहे थे और नियमों का उल्लंघन होने के कारण 2010 सीजन के लिए उन पर प्रतिबंध लग गया. फिर 2011 में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा और एमएस धोनी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में उनका करियर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया. उसके बाद से ही वह ब्ैज्ञ का हिस्सा हैं और अब उसके सबसे महंगे खिलाड़ी हैं।रवींद्र जडेजा को इस वक्त टीम इंडिया का श्मोस्ट वैल्युएबल प्लेयर’ माना जाता है और उसकी गवाही देते हैं ये आंकड़े. जडेजा ने भारतीय टीम के लिए अभी तक 57 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 33.76 की औसत से 2195 रन (1 शतक, 17 अर्धशतक) और 24.84 की औसत से 232 विकेट हासिल किए हैं. वहीं 168 वनडे में जड्डू ने 2411 रन (13 अर्धशतक, 32.58 औसत) और 188 विकेट (37.36 औसत) अपने नाम किए हैं. जडेजा ने भारत के लिए 55 टी20 भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने 256 रन (17 औसत, 113 स्ट्राइक रेट) और 46 विकेट अपने खाते में दर्ज कराए हैं।

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