
नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। भारत को 1983 में विश्वकप विजय दिलाने वाले भारतीय क्रिकेटर कपिल देव का आजतक हर कोई दीवाना है… तमाम गेंदबाज और क्रिकेटर कपिल जैसा बनने की कोशिश में आज भी लगे हुए हैं लेकिन कपिल किसके जैसा बनना चाहते थे… कौन था उनका आदर्श…. अब इस बात का खुलासा खुद कपिलदेव ने ही किया है। पूर्व भारतीय विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने कहा कि गुंडप्पा विश्वनाथ मेरे सर्वकालिक हीरो हैं। पूर्व कप्तान गुंडप्पा विश्वनाथ की आत्मकथा रिस्ट एश्योर्ड का शनिवार को भारत और श्रीलंका के बीच डे-नाइट टेस्ट के पहले दिन विमोचन किया गया। कपिल देव ने कहा कि क्रिकेट के प्रशंसक के रूप में उन्होंने पहला ऑटोग्राफ विश्वनाथ का लिया था और उन्होंने इसे अभी भी सहेज कर रखा है। उन्होंने कहा, इस किताब को 20 साल पहले लिखा जाना चाहिए था। काश मैं उनकी तरह बन पाता और उनकी तरह व्यवहार कर पाता। मैं हमेशा उनकी तरफ देखता था। खेल के सच्चे दूत। वह मेरे सर्वकालिक हीरो हैं। भारतीय इतिहास के शीर्ष बल्लेबाजों में शामिल और अपनी कलात्मक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले विश्वनाथ की जीवनी के सह लेखक वरिष्ठ पत्रकार आर कौशिक हैं। डे-नाइट टेस्ट के डिनर ब्रेक के दौरान महान भारतीय खिलाड़ियों कपिल देव और सुनील गावस्कर ने संक्षिप्त समारोह में किताब का विमोचन किया। 73 वर्षीय विश्वनाथ ने कहा कि उन्होंने शुरुआत में कौशिक के विचार को ठुकरा दिया था लेकिन बाद में उनके परिवार ने उन्हें मनाया। भारत के लिए 91 टेस्ट में 6080 रन बनाने वाले विश्वनाथ ने कहा, श्मेरे साथ जिस तरह का बर्ताव किया गया वह शानदार है। विश्व क्रिकेट के दो महान खिलाड़ियों (गावस्कर और कपिल) के बीच खड़ा होना। मेरे साथ अश्विसनीय बर्ताव हुआ।श् इस मौके पर बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि भारत के लिए खेलने की इच्छा रखने वाले युवा खिलाड़ियों को यह किताब पढ़कर खेल के बारे में काफी कुछ सीखने को मिलेगा।