धोनी की चेन्नई एक्सप्रेस पटरी से उतरी….गावस्कर बोले…. ड्राईवर तो धोनी ही रहेगा….

धोनी-गावस्कर

नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। आईपीएल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब मुंबई के बाद चेन्नई का सफर भी प्लेऑफ से पहले ही खत्म हो गया है………. लेकिन धोनी ने इस आईपीएल में जिस तरह का खेल दिखाया है उसके बाद दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में शुमार सुनील गावस्कर धोनी की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं और कह रहे हैं कि जिस तरह धोनी खेल रहा है उससे तो यही लगता है कि अगले सीजन में भी ड्राईविंग सीट पर धोनी ही बैठेगा….. उधर हार के बाद धोनी ने कहा है कि उन्हें टीम के बाहर होने का दुख है लेकिन इस बात की खुशी है कि हमें कुछ नवोदित तेज गेंदबाज ऐसे मिले हैं जो खेल बदलने का माद्दा रखते हैं यही तो आईपीएल की सबसे बड़ी सफलता है। मुंबई के खिलाफ मैच हारते ही आईपीएल के 15वें सीजन में चेन्नई का सफर खत्म हो गया है। इस हार के साथ ही ये तय हो गया है कि इस बार पहली बार आइपीएल के प्लेआफ में मुंबई और चेन्नई में से कोई भी टीम नहीं होगी। मुंबई के खिलाफ 5 विकेट से मैच हारने के बाद चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी और युवा गेंदबाजों की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस पिच पर 130 से कम का स्कोर डिफेंड करना मुश्किल था। मुकेश चौधरी और सिमरजीत सिंह ने पावरप्ले में शानदार गेंदबाजी करते हुए मुंबई इंडियंस को बैकफुट पर धकेल दिया था, इन दोनों गेंदबाजों ने कसी हुई बॉलिंग कर पहले 6 ओवर में मुंबई को 4 झटके दे दिए थे। मैच के बाद धोनी ने कहा कि आप रिजल्ट को भूल जाइए लेकिन युवा गेंदबाजों ने जो कैरेक्टर दिखाया वो अच्छा था। उन्होंने कहा कि युवा तेज गेंदबाज मुकेश और सिमरजीत को को इस तरह के मैच से मिला अनुभव उनके लिए फायदेमंद होगा। हर छोटे फॉर्मेट में हमें ऐसे रवैये की जरुरत होती है। इस सीजन में युवा तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन पर धौनी ने कहा कि हम ऐसे दौर से गुजरे हैं, जब हमारे पास तेज़ गेंदबाज़ों की बेंच स्ट्रेंथ नहीं थी। ऐसा बहुत कम ही होता है कि एक तेज गेंदबाज क्रिकेट के तीनों फार्मेट के लिए छह महीने के समय में तैयार होता हो उन्होंने आइपीएल को लेकर कहा कि ये गेंदबाजों के लिए अवसर है, जहां गेंदबाजी कर गेंदबाजों में कान्फिडेंस बढ़ जाता है। उनका साहस बढ़ता है। अगले सीजन के लिए हम यहां से कई पॉजिटिव चीजें लेकर जाएंगे। अपनी टीम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी टीम में अनुशासन की जरूरत थी। उम्मीद है कि वो हर मैच में सीखेंगे। मैच की बात करें तो चेन्नई की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए एमएस धोनी के नाबाद 36 रनों की पारी की बदौलत केवल 97 रन बना पाई थी जिसे मुंबई ने 31 गेंद शेष रहते 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया।

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