महिला पहलवानों को न्याय एशियाई खेल पदक से बड़ा: बजरंग

बजरंग

नई दिल्ली। धरने पर बैठे पहलवान बजरंग ने रविवार को कहा कि उनके लिए महिला पहलवानों को न्याय दिलाना इस साल होने वाले हांगझोऊ (चीन) एशियाई खेलों से भी बड़ा पदक होगा। बजरंग ने कहा कि वह हांगझोई एशियाई खेलों में भाग लेना चाहते हैं। इसके लिए पहलवान धरना स्थल पर अभ्यास भी कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए पहली प्राथमिकता महिला पहलवानों का न्याय बन गया है। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज होने के दो दिन बाद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं होने से निराश धरने पर बैठे पहलवानों ने फिर स्पष्ट किया कि उनका विश्वास सुप्रीम कोर्ट में है। न्याय के लिए संघर्ष कर रहीं महिला पहलवानों को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है। पहलवानों ने कहा कि वे लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। उन्हें जितने दिन भी धरने पर बैठना पड़े वे बैठेंगे। पहलवानों ने रविवार को कहा कि बृजभूषण हमारे संघर्ष को नया रंग देना चाहते हैं। जिस दिन से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है, उस दिन से उनका आईटी सेल सक्रिय होकर पहलवानों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप बातें फैला रहा है, लेकिन न्याय सोशल मीडिया के आधार पर नहीं मिलता है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास है और वहीं से उन्हें न्याय मिलेगा।

बजरंग ने कहा कि बृजभूषण कह रहे हैं कि वे कुश्ती संघ पर कब्जा करना चाहते हैं। उसके लिए राज्य संघ का पदाधिकारी होना जरूरी है। उनमें से कोई भी राज्य संघ में पदाधिकारी नहीं है। बजरंग ने कहा कि उनकी कुश्ती संघ में घुसने की कोई मंशा नहीं है, लेकिन बृजभूषण जरूर कुश्ती संघ पर अपना कब्जा नहीं छोडऩा चाहते हैं। उनका अध्यक्ष पद पर 12 साल का कार्यकाल पूरा हो रहे हैं, लेकिन उनका बेटा उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ का अध्यक्ष है। उनका साला यूपी कुश्ती संघ का सचिव है और बिहार में उनका दामाद कुश्ती संघ की कमान संभाले हुए है। उनका पूरा परिवार कुश्ती संघ में है और वे हमारे ऊपर एक परिवार का धरना होने का आरोप लगाते हैं। पहलवानों ने रविवार को मीडिया पर भी बृजभूषण का पक्ष लेने का आरोप लगाया। पहलवानों ने कहा कि बृजभूषण का आपराधिक रिकॉर्ड देखना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि यहां धरने पर बैठे किसी पहलवान के खिलाफ कोई आपराधिक मामला है। बजरंग ने कहा कि हमारे देश में ओलपिक पदक जीतने से सांसद बनना कहीं आसान है। देश में बड़ी संख्या में सांसद तो बन सकते हैं, लेकिन ओलंपिक पदक जीतने वाले अंगुलियों पर गिनती गिनने वाले हैं। हमारे प्रति सहानुभूति की भावना रखनी चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पहलवानों के खिलाफ आए तब बृजभूषण का महिला मंडन करिए, उससे पहले नहीं।

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